लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh Raj Road Transport Corporation) के अधिकारी परिवहन मंत्री की ही बात नहीं मानते हैं. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने आदेश दिया था कि 25 यात्री से कम वाली बसों को रूट पर न भेजा जाए. उन सवारियों को दूसरी बस में ट्रांसफर किया जाए. बस स्टेशन से जो आखिरी बस जा रही हो उसी बस का संचालन किया जाए, लेकिन प्रदेश के विभिन्न रीजनों के अधिकारियों ने मंत्री की बातों को अनसुना और अनदेखा कर दिया और अपना ही निजाम चलाया.
नतीजा यह हुआ कि परिवहन निगम को कम यात्रियों वाली बसों के संचालन से काफी घाटा हुआ है. जब ऐसे रीजनाें का सर्वे कराया गया तो अधिकारियों की मनमानी उजागर हुई. अब ऐसे पांच रीजन के अधिकारियों को प्रधान प्रबंधक संचालन की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक संचालन मनोज कुमार पुंडीर ने 50% से कम लोड फैक्टर पर सेवा प्राप्त करने वाले क्षेत्र का सर्वे कराया.
इस सर्वे में परिवहन निगम के क्षेत्रीय अधिकारियों की मनमानी सामने आई है. सहारनपुर क्षेत्र में कुल 107 बसों का निरीक्षण किया गया जिसमें 16 बसें 25 यात्री से कम वाली थीं, जिनका संचालन कराया गया. इन्हें हरिद्वार और देहरादून भेजा गया था. मेरठ में 111 बसों का निरीक्षण किया गया जिसमें 25 यात्री से कम बसें, अयोध्या रीजन में 136 बसों का इंस्पेक्शन किया गया, 25 यात्री से कम 42 बसें, लखनऊ में 152 बसों का निरीक्षण (Running roadways buses with less than 25 passengers) किया गया.
इनमें 49 बसें, नोएडा में 77 बसों का सर्वे किया गया जिनमें 28 बसें, गाजियाबाद में 210 बसों का निरीक्षण किया गया जिनमें 92 बसें, अलीगढ़ में 128 बसों का इंस्पेक्शन हुआ जिनमें 57 बसें, गोरखपुर में 163 बसों का निरीक्षण किया गया जिनमें 74 बसें, इटावा में 43 बसों का निरीक्षण किया गया जिनमें 20 बसें, मुरादाबाद में 242 बसों का निरीक्षण किया गया जिसमें 119 बसें, हरदोई में 117 बसों के निरीक्षण में 68 बसें, आगरा में 56 बसों के निरीक्षण में 48 बसें और बरेली में 137 बसों में से 120 बसें 25 यात्रियों से कम होने पर भी संचालित कराई गईं, जिससे परिवहन निगम को बड़ा नुकसान हुआ.
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (संचालन) मनोज कुमार पुंडीर ने बताया कि इटावा, मुरादाबाद, हरदोई, आगरा और बरेली के क्षेत्रीय प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इटावा में 25 यात्री से कम वाली 47%, मुरादाबाद में 49 प्रतिशत, हरदोई में 58% आगरा में 86% और बरेली में 88 प्रतिशत बसों का संचालन कराया गया है. अब अधिकारियों के जवाब आने के बाद कार्रवाई जरूर की जाएगी.
चालक परिचालकों से जुर्माने की वसूली, अधिकारियों पर एक्शन कब: परिवहन निगम में लोड फैक्टर का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अफसरों ने 25 से कम यात्री लाने पर परिचालकों पर 300 रुपये का जुर्माना लगाया है जिससे कर्मचारियों में नाराजगी फैल गई है. कंडक्टरों और ड्राइवरों ने विरोध जताते हुए कहा है कि अपने कर्मियों पर कार्रवाई करने में संकोच नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे के कारणों पर विचार नहीं किया जा रहा है. बड़ी संख्या में डग्गामार वाहन चल रहे हैं. इनके नंबर और समय की डिटेल दी जा रही है उस पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं.
कैसरबाग डिपो की बस 26 दिसंबर को लखनऊ से बहराइच गई थी. वापसी में आने पर बस में 25 से कम यात्री थे. इसका कारण पूछने पर चालक उमेश चंद्र और परिचालक ओमप्रकाश ने बताया कि कोहरे व ठंड की वजह से आय प्रभावित हुई है. इसके बाद भी उनके ऊपर 300 रुपये की पेनाल्टी लगा दी गई. इसके बाद अन्य चालक परिचालक इसके विरोध में आ गये हैं. आंदोलन की भी चेतावनी दी है. यूपी रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय मंत्री सुभाष कुमार वर्मा ने कहा कि क्या भरपाई कंडक्टरों के वेतन से हो जाएगी? जो घाटा अनाधिकृत वाहनों से हो रहा है, उस पर एक्शन कब लिया जाएगा? (UPSRTC NEWS)