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पहले से ही तय था चोरी के पैसों का बंटवारा, अधिकारियों से लेकर यूनियन नेताओं को मिलती थी हिस्सेदारी - डीजल का टैंकर चोरी करने वाला गिरफ्तार

राजधानी के आलमबाग डीजल शेड से डीजल का टैंकर चोरी करने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. इस मामले में रेलवे के कई बड़े अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है.

उत्तर रेलवे लखनऊ
उत्तर रेलवे लखनऊ
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Published : Aug 10, 2021, 3:24 AM IST

लखनऊ : आलमबाग डीजल शेड से डीजल का टैंकर चोरी करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के जवानों ने डीजल का टैंकर चोरी करने वाले सीएलआई बीएस मीणा को भले ही गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन क्राइम ब्रांच के पास साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज मौजूद हैं. जिनमें डीजल चोरी की रकम के बंटवारे का लेखा-जोखा है. सूत्र की मानें तो डीजल शेड से लेकर डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों और यूनियन नेताओं तक को डीजल चोरी का हिस्सा पहुंचाया जाता था. यही यूनियन के नेता और रेलवे के अधिकारी बीएस मीणा को संरक्षण प्रदान करते थे. बता दें कि, बीते रविवार को आरपीएफ(RPF) ने टैंकर दो टैंकर चोरों भगवान सिंह मीणा और चंद्र प्रकाश को गिरफ्तार किया था. जिसमें भगवान सिंह मीणा रेलवे के मुख्य चीफ इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर तैनात है और चंद्र प्रकाश चीफ लोको इंस्पेक्टर है.

पकड़े गए आरोपी भगवान सिंह मीणा के पास से चोरी के 3 लाख 10 हजार रुपये भी बरामद हुए थे. अब इस मामले में क्राइम ब्रांच को कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिसमें डीजल चोरी के पैसों के बंदरबांट का लेखा-जोखा है. बता दें कि 28 जुलाई की रात आलमबाग डीजल शेड से तेल चोरी किया गया था, जिसकी कीमत लगभग 18 लाख रुपये थी. डीजल शेड में इंडियन ऑयल डिपो अमौसी से आने वाले 2 डीजल टैंकरों में से एक टैंकर को चीफ लोको इंस्पेक्टर बीएस मीणा ने रास्ते में गायब करा दिया था. क्राइम ब्रांच सीएलआई बीएस मीणा के साथ ही चंद्रप्रकाश को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

बताया जा रहा है कि डीजल चोरी में सीएलआई बीएस मीणा और चंद्रप्रकाश का 20 फीसद का कट फिक्स था. इसके अलावा कारखाने के आला अधिकारी और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के अधिकारी भी अपना हिस्सा वसूलते थे. सूत्रों के मुताबिक डीजल चोरी में रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों का भी हिस्सा था. रेलवे के अधिकारियों और यूनियन नेताओं के संरक्षण से बीएस मीणा बिना किसी भय के डीजल चोरी को अंजाम दे रहा था.

इस मामले का खुलास करने के लिए अब क्राइम ब्रांच की टीम रेलवे अधिकारियों और यूनियन नेताओं से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. इसी क्रम में उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल बुधवार को लखनऊ आ रहे हैं. वे लखनऊ मंडल में हो रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा डीजल चोरी के मामले की रिपोर्ट तलब करेंगे.

इसे पढ़ें- रेलवे का अधिकारी ही करता था तेल चोरी, आरपीएफ ने 2 को किया गिरफ्तार

लखनऊ : आलमबाग डीजल शेड से डीजल का टैंकर चोरी करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के जवानों ने डीजल का टैंकर चोरी करने वाले सीएलआई बीएस मीणा को भले ही गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन क्राइम ब्रांच के पास साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज मौजूद हैं. जिनमें डीजल चोरी की रकम के बंटवारे का लेखा-जोखा है. सूत्र की मानें तो डीजल शेड से लेकर डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों और यूनियन नेताओं तक को डीजल चोरी का हिस्सा पहुंचाया जाता था. यही यूनियन के नेता और रेलवे के अधिकारी बीएस मीणा को संरक्षण प्रदान करते थे. बता दें कि, बीते रविवार को आरपीएफ(RPF) ने टैंकर दो टैंकर चोरों भगवान सिंह मीणा और चंद्र प्रकाश को गिरफ्तार किया था. जिसमें भगवान सिंह मीणा रेलवे के मुख्य चीफ इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर तैनात है और चंद्र प्रकाश चीफ लोको इंस्पेक्टर है.

पकड़े गए आरोपी भगवान सिंह मीणा के पास से चोरी के 3 लाख 10 हजार रुपये भी बरामद हुए थे. अब इस मामले में क्राइम ब्रांच को कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिसमें डीजल चोरी के पैसों के बंदरबांट का लेखा-जोखा है. बता दें कि 28 जुलाई की रात आलमबाग डीजल शेड से तेल चोरी किया गया था, जिसकी कीमत लगभग 18 लाख रुपये थी. डीजल शेड में इंडियन ऑयल डिपो अमौसी से आने वाले 2 डीजल टैंकरों में से एक टैंकर को चीफ लोको इंस्पेक्टर बीएस मीणा ने रास्ते में गायब करा दिया था. क्राइम ब्रांच सीएलआई बीएस मीणा के साथ ही चंद्रप्रकाश को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

बताया जा रहा है कि डीजल चोरी में सीएलआई बीएस मीणा और चंद्रप्रकाश का 20 फीसद का कट फिक्स था. इसके अलावा कारखाने के आला अधिकारी और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के अधिकारी भी अपना हिस्सा वसूलते थे. सूत्रों के मुताबिक डीजल चोरी में रेलवे यूनियन के पदाधिकारियों का भी हिस्सा था. रेलवे के अधिकारियों और यूनियन नेताओं के संरक्षण से बीएस मीणा बिना किसी भय के डीजल चोरी को अंजाम दे रहा था.

इस मामले का खुलास करने के लिए अब क्राइम ब्रांच की टीम रेलवे अधिकारियों और यूनियन नेताओं से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. इसी क्रम में उत्तर रेलवे के जीएम आशुतोष गंगल बुधवार को लखनऊ आ रहे हैं. वे लखनऊ मंडल में हो रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे. इसके अलावा डीजल चोरी के मामले की रिपोर्ट तलब करेंगे.

इसे पढ़ें- रेलवे का अधिकारी ही करता था तेल चोरी, आरपीएफ ने 2 को किया गिरफ्तार

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