लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवमानना के एक मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तिथि नियत करते हुए विभाग के सचिव प्रताप सिंह बघेल और निदेशक सुधा सिंह को भी अगली सुनवाई पर हाजिर रहने को कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने मान्यता प्राप्त टीचर्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर पारित किया.
याचियों की ओर से दलील दी गई थी कि प्रमुख सचिव, सचिव व निदेशक ने कोर्ट के 14 फरवरी 2013 व 30 जुलाई 2014 के आदेशों की अवहेलना किया है और जानबूझ कर रिट कोर्ट के आदेश का पिछले 10 साल से अनुपालन नहीं कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि रिट कोर्ट के आदेशों में कोर्ट ने कुछ याचियों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक शिक्षक समायोजित करने पर विचार करने के कहा था. अवमानना याचिका का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए दलील दी गई थी कि याचीगण नियुक्ति पाने के अधिकारी नहीं हैं.
एक फरवरी 2023 को न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि रिट कोर्ट के आदेश को न मानकर ये अधिकारी न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं. इसी के साथ न्यायालय ने उक्त तीनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय कर दिया था. सोमवार को अधिकारियों को आरोपों पर जवाब देने के लिए हाजिर होना था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से हाजिर होने में असमर्थता जताते हुए, सरकारी वकील के द्वारा प्रार्थना पत्र दाखिल किया जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रमुख सचिव स्तर का अधिकारी न्यायालय के आदेश को गम्भीरता से नहीं ले रहा है, उसके इस कृत्य को स्वीकार नहीं किया जा सकता.
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