लखनऊ: प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भले ही लाख दावे करती हो, लेकिन ये दावे खोखले नजर आते हैं. सरकार ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर तमाम बड़े वादे किए गए थे, लेकिन राजधानी के स्कूल मूलभूत सुविधाओं के अभाव में खस्ता हाल से गुजर रहे हैं. जिसका खामियाजा नौनिहाल बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.
स्कूल में बच्चों के लिए नहीं है शौचालय
राजधानी लखनऊ के माल ब्लॉक के अटरिया प्राथमिक विद्यालय का हाल तो यूं है कि न तो स्कूल में बाउंड्री वाल है, न ही बच्चों के लिए शौचालय. जिसका खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं. दरअसल सात नवंबर को कक्षा एक की छात्रा स्कूल के बाहर शौच के लिए गई थी, उसी बीच बच्ची के उपर जंगली जानवर सियार ने हमला बोल दिया. जिससे बच्ची बुरी तरह से जख्मी हो गई. गंभीर हालत में बच्ची को लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया.
बीएसए ने शिक्षिका का वेतन काटा
शिक्षा विभाग की इस बड़ी लापरवाही के बाद का आलम यह है कि बच्चे उस विद्यालय में डर की वजह से पढ़ने नहीं आ रहे. साथ ही अभिभावक भी इस घटना से डरने लगे हैं. अब आलम यह है कि विद्यालय में 15 से 20 बच्चे ही पढ़ने आ रहे. वहीं शिक्षा विभाग ने उदासीनता दिखाते हुए कार्रवाई की और स्कूल में तैनात शिक्षिका का एक महीने का वेतन काट लिया.
फिलहाल इस पूरे मामले पर अन्य कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही विद्यालय में कोई सुधार किया गया. इस बीच विद्यालय करीब 10-12 दिन बंद भी रहा, लेकिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के कानों पर जू तक नहीं रेंगी.
उस समय मैडम उपस्थित थीं.उनकी लापवाही थी, इसलिए उनका एक महीने का वेतन काट लिया गया, लेकिन जो कमियां हैं, उनको जल्द ठीक करा दिया जाएगा.
अमरकांत, बेसिक शिक्षा अधिकारी