लखनऊ : हरी सब्जियों पर महंगाई की मार बरकरार है. हालांकि शुक्रवार को मंडी में आलू, प्याज, टमाटर के भाव बीते दिनों की अपेक्षा नरम रहे. तीनों के भीव में पांच से 10 रुपये की कमी देखने को मिली. बहरहाल अबी आम आदमी की रसोई और उसकी थाली में हरी सब्जियों का इजाफा देखने को नहीं मिलेगा. हरी सब्जियों (green vegetables) के भाव आज भी चढ़े हुए हैं. फिलहाल आम आदमी की थाली (common man's plate) से हरी सब्जियां अभी दूर ही रहेंगी.
बता दें, बीते महीनों में हुई बेमौसम बारिश (unseasonal rain) के कारण सब्जियों की तैयार फसल बर्बाद (vegetable crop wasted) हो गई थी. इसलिए सब्जियों की पैदावार (production of vegetables) कम हो गया है. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं प्रदेश के बाहर से सब्जियां आयात करने (importing vegetables from outside the state) पर काफी लागत आ रही है. यही कारण है कि सब्जियों के दामों में गिरावट नहीं आ रही है.
शुक्रवार (4 नवंबर) को मंडी में (State Mandis) में आलू रु 20 किलो, प्याज रु 25 किलो, टमाटर रु 70 किलो, नीबू रु70 किलो, करेला रु50 किलो, लौकी रु30 किलो, भिंडी रु50 किलो, कद्दू रु30 किलो, लहसुन रु60 किलो, तरोई रु40 किलो, पालक रु40 किलो, मिर्च रु80 किलो, गोभी 35 रु/पीस, परवल रु80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 140 किलो बिका. व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई थीं. फिलहाल अभी सब्जियों के दाम में कोई गिरावट नहीं होने वाली है.
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