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अब अर्दली नहीं करेंगे रेलवे अफसरों की जी हुजूरी, स्वागत में नहीं बिछेगा रेड कारपेट

रेलवे में अंग्रेजों के जमाने से अधिकारियों के लिए वीवीआईपी ट्रीटमेंट की व्यवस्था रही है. खासकर जब महाप्रबंधक निरीक्षण के लिए जाते थे, तो उनका स्वागत रेड कारपेट पर होता था. उनके दौरे के लिए विशेष ट्रेन यानी सैलून चलती थी. अब ऐसा नहीं होगा. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वागत के तौर तरीके बंद करा दिए हैं (No Red Carpet for Railway Officers). रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर कारपोरेट कुलदीप सिंह ने इस बदलाव की पुष्टि की है.

Etv Bharat No Red Carpet for Railway Officers
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Published : Jan 3, 2023, 2:10 PM IST

Updated : Jan 3, 2023, 4:08 PM IST

निरीक्षण के दौरान अब अर्दली नहीं करेंगे रेलवे अधिकारियों की जी हजूरी.

लखनऊ : अब रेलवे के बड़े अफसर किसी भी स्टेशन का निरीक्षण करने जाएंगे तो यहां पर अर्दलियों को उनकी जी हुजूरी नहीं करनी होगी. उनके लिए कोई रेड कारपेट भी अब नहीं बिछाया जाएगा. अभी तक रेलवे के बड़े अधिकारी जहां भी आते हैं, वहां पर सैलून साइडिंग से उतरने के बाद अर्दली उनकी खातिरदारी में लगते हैं. साथ ही वहां पर डेकोरेशन किया जाता है. रेड कारपेट भी बिछाया जाता है. हाल ही में रेल मंत्री (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने इस खातिरदारी पर नाराजगी जताते हुए अफसरों को इन व्यवस्थाओं को भूलने की नसीहत दी है. ऐसे में अब निरीक्षण के दौरान अधिकारी भी वीआईपी नहीं रह जाएंगे. अब रेलवे के महाप्रबंधक भी सामान्य रेल यात्री की तरह सफर करेंगे. उनके लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था नहीं होगी. जूनियर अफसरों को भी उनकी खातिरदारी करने के लिए काम-धाम छोड़कर स्वागत में नहीं लगना पड़ेगा.

No Red Carpet for Railway Officers
पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अफसरों को मिल रहे वीवीआईपी ट्रीटमेंट पर आपत्ति जताई थी.

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने कहा था कि रेलवे अधिकारियों को अपना माइंडसेट बदलना होगा. अपने को भी वीआईपी दिखाने की आदत छोड़नी होगी. यह बिल्कुल भी भूल जाना है. इंस्पेक्शन के दौरान उन्हें बिल्कुल भी एहसास नहीं कराना है कि वे वीवीआईपी हैं. 50 लोग उनकी जी हुजूरी में नहीं लगेंगे. यह भी सुनने और देखने में आता है कि इंस्पेक्शन के दौरान हर 10 मिनट पर कुछ न कुछ खाने को चाहिए होता है, यह भी बिल्कुल ठीक नहीं है. पूरी तरह से प्रोफेशनल बनना होगा. पब्लिक बिहेवियर को ध्यान में रखकर काम करना होगा. जो देश हित में हो उसी के लिए काम करें. रेलवे अधिकारी अपनी साम्राज्यवादी सोच को पूरी तरह से बदल लें, पूरी तरह से भूल जाएं.

10 कोच वाली स्पेशल ट्रेन में चलते हैं जीएम : रेलवे में सबसे अधिक अधिकार महाप्रबंधक के पास हैं. महाप्रबंधक जब भी निरीक्षण करने निकलते हैं तो उनके लिए 10 कोच वाली स्पेशल ट्रेन तैयार की जाती थी. उनके साथ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो उनकी सुविधा और जरूरतों का ख्याल रखता है. स्टेशन पर पहुंचने के दौरान साज सज्जा के साथ ही दो अर्दलियों की ड्यूटी लगती थी. इसके अलावा कई अन्य व्यवस्थाएं भी रेलवे को करनी पड़ती हैं. निरीक्षण को देखकर ऐसा लगता है कि कोई बहुत बड़ा आयोजन हो रहा है. देश के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और इस व्यवस्था को खत्म करने के निर्देश दिए. रेल मंत्री के निर्देश के बाद अब रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि किसी तरह की वीवीआईपी व्यवस्थाएं नहीं होनी चाहिए. इस तरह रेलवे में चल रही कई दशक पुरानी व्यवस्था खत्म हो गई है.

यात्री ट्रेन को रोक कर दिया जाता है स्पेशल ट्रेन को रास्ता : रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि कुल 17 में से 16 जोन और उत्पादन इकाइयों के जीएम मंडलों और कार्यशालाओं का वार्षिक निरीक्षण करते थे. बड़े पैमाने पर निरीक्षण के लिए रेलवे अधिकारियों को तैयारियां करनी पड़ती थीं. स्टेशन परिसर को पूरी तरह सजाया जाता था. सेक्शन के सभी कामों को पूरी तरह दुरुस्त किया जाता था. महाप्रबंधक अपनी स्पेशल ट्रेन से निरीक्षण करते थे. सफर के दौरान यात्रियों की ट्रेन रोककर जीएम की स्पेशल ट्रेन को रास्ता दिया जाता था. विभिन्न मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक सीनियर अधिकारियों के साथ इस निरीक्षण में शामिल होने के लिए सैकड़ों किलोमीटर जाते थे, लेकिन अब इस तरह की व्यवस्था महाप्रबंधक के लिए भी नहीं रह जाएगी.

उत्तर प्रदेश में हैं 9 रेल मंडल : उत्तर प्रदेश में कुल चार जोनल के नौ रेल मंडल दायरे में आते हैं. मुरादाबाद और लखनऊ रेल मंडल उत्तर रेलवे का है. वाराणसी और इज्जत नगर पूर्वोत्तर रेलवे का है. आगरा, झांसी और प्रयागराज उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आते हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पूर्व मध्य रेलवे के दायरे में आता है. सभी जोन में जल्द ही नई गाइडलाइन के मुताबिक इंस्पेक्शन का खाका जारी किया जाएगा.

बन रही नई गाइडलाइन : रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर कारपोरेट कुलदीप सिंह ने बताया कि महाप्रबंधकों कि पारंपरिक और वार्षिक निरीक्षण को अब सभी जोन और उत्पादन इकाइयों में समाप्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं. रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन वीके त्रिपाठी ने 31 दिसंबर को यह आदेश सभी जोन और उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक को दे दिए थे. अब बोर्ड के नए चेयरमैन एके लाहोटी नई गाइडलाइन जल्द जारी करेंगे.



पढ़ें : यात्रियों को मिलेगी राहत, अब हर रोज चलेगी गोरखपुर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस

निरीक्षण के दौरान अब अर्दली नहीं करेंगे रेलवे अधिकारियों की जी हजूरी.

लखनऊ : अब रेलवे के बड़े अफसर किसी भी स्टेशन का निरीक्षण करने जाएंगे तो यहां पर अर्दलियों को उनकी जी हुजूरी नहीं करनी होगी. उनके लिए कोई रेड कारपेट भी अब नहीं बिछाया जाएगा. अभी तक रेलवे के बड़े अधिकारी जहां भी आते हैं, वहां पर सैलून साइडिंग से उतरने के बाद अर्दली उनकी खातिरदारी में लगते हैं. साथ ही वहां पर डेकोरेशन किया जाता है. रेड कारपेट भी बिछाया जाता है. हाल ही में रेल मंत्री (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने इस खातिरदारी पर नाराजगी जताते हुए अफसरों को इन व्यवस्थाओं को भूलने की नसीहत दी है. ऐसे में अब निरीक्षण के दौरान अधिकारी भी वीआईपी नहीं रह जाएंगे. अब रेलवे के महाप्रबंधक भी सामान्य रेल यात्री की तरह सफर करेंगे. उनके लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था नहीं होगी. जूनियर अफसरों को भी उनकी खातिरदारी करने के लिए काम-धाम छोड़कर स्वागत में नहीं लगना पड़ेगा.

No Red Carpet for Railway Officers
पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अफसरों को मिल रहे वीवीआईपी ट्रीटमेंट पर आपत्ति जताई थी.

हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Rail Minister Ashwini vaishnaw ) ने कहा था कि रेलवे अधिकारियों को अपना माइंडसेट बदलना होगा. अपने को भी वीआईपी दिखाने की आदत छोड़नी होगी. यह बिल्कुल भी भूल जाना है. इंस्पेक्शन के दौरान उन्हें बिल्कुल भी एहसास नहीं कराना है कि वे वीवीआईपी हैं. 50 लोग उनकी जी हुजूरी में नहीं लगेंगे. यह भी सुनने और देखने में आता है कि इंस्पेक्शन के दौरान हर 10 मिनट पर कुछ न कुछ खाने को चाहिए होता है, यह भी बिल्कुल ठीक नहीं है. पूरी तरह से प्रोफेशनल बनना होगा. पब्लिक बिहेवियर को ध्यान में रखकर काम करना होगा. जो देश हित में हो उसी के लिए काम करें. रेलवे अधिकारी अपनी साम्राज्यवादी सोच को पूरी तरह से बदल लें, पूरी तरह से भूल जाएं.

10 कोच वाली स्पेशल ट्रेन में चलते हैं जीएम : रेलवे में सबसे अधिक अधिकार महाप्रबंधक के पास हैं. महाप्रबंधक जब भी निरीक्षण करने निकलते हैं तो उनके लिए 10 कोच वाली स्पेशल ट्रेन तैयार की जाती थी. उनके साथ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो उनकी सुविधा और जरूरतों का ख्याल रखता है. स्टेशन पर पहुंचने के दौरान साज सज्जा के साथ ही दो अर्दलियों की ड्यूटी लगती थी. इसके अलावा कई अन्य व्यवस्थाएं भी रेलवे को करनी पड़ती हैं. निरीक्षण को देखकर ऐसा लगता है कि कोई बहुत बड़ा आयोजन हो रहा है. देश के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और इस व्यवस्था को खत्म करने के निर्देश दिए. रेल मंत्री के निर्देश के बाद अब रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि किसी तरह की वीवीआईपी व्यवस्थाएं नहीं होनी चाहिए. इस तरह रेलवे में चल रही कई दशक पुरानी व्यवस्था खत्म हो गई है.

यात्री ट्रेन को रोक कर दिया जाता है स्पेशल ट्रेन को रास्ता : रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि कुल 17 में से 16 जोन और उत्पादन इकाइयों के जीएम मंडलों और कार्यशालाओं का वार्षिक निरीक्षण करते थे. बड़े पैमाने पर निरीक्षण के लिए रेलवे अधिकारियों को तैयारियां करनी पड़ती थीं. स्टेशन परिसर को पूरी तरह सजाया जाता था. सेक्शन के सभी कामों को पूरी तरह दुरुस्त किया जाता था. महाप्रबंधक अपनी स्पेशल ट्रेन से निरीक्षण करते थे. सफर के दौरान यात्रियों की ट्रेन रोककर जीएम की स्पेशल ट्रेन को रास्ता दिया जाता था. विभिन्न मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक सीनियर अधिकारियों के साथ इस निरीक्षण में शामिल होने के लिए सैकड़ों किलोमीटर जाते थे, लेकिन अब इस तरह की व्यवस्था महाप्रबंधक के लिए भी नहीं रह जाएगी.

उत्तर प्रदेश में हैं 9 रेल मंडल : उत्तर प्रदेश में कुल चार जोनल के नौ रेल मंडल दायरे में आते हैं. मुरादाबाद और लखनऊ रेल मंडल उत्तर रेलवे का है. वाराणसी और इज्जत नगर पूर्वोत्तर रेलवे का है. आगरा, झांसी और प्रयागराज उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आते हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पूर्व मध्य रेलवे के दायरे में आता है. सभी जोन में जल्द ही नई गाइडलाइन के मुताबिक इंस्पेक्शन का खाका जारी किया जाएगा.

बन रही नई गाइडलाइन : रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर कारपोरेट कुलदीप सिंह ने बताया कि महाप्रबंधकों कि पारंपरिक और वार्षिक निरीक्षण को अब सभी जोन और उत्पादन इकाइयों में समाप्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं. रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन वीके त्रिपाठी ने 31 दिसंबर को यह आदेश सभी जोन और उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधक को दे दिए थे. अब बोर्ड के नए चेयरमैन एके लाहोटी नई गाइडलाइन जल्द जारी करेंगे.



पढ़ें : यात्रियों को मिलेगी राहत, अब हर रोज चलेगी गोरखपुर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस

Last Updated : Jan 3, 2023, 4:08 PM IST
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