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डेंटल के सीनियर रेजिडेंट भर्ती का पर्चा लीक, रिपोर्ट दर्ज कराने से कतरा रहा केजीएमयू

लखनऊ के केजीएमयू के दंत संकाय में सीनियर रेजिडेंट की परीक्षा का पर्चा लीक होने का मामला सामने आया था. इसके बावजूद केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. फिलहाल केजीएमयू द्वारा पूरे मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है.

केजीएमयू के दंत संकाय के सीनियर रेजिडेंट का पर्चा लीक.
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Published : Aug 10, 2019, 12:51 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू के दंत संकाय में सीनियर रेजिडेंट की परीक्षा से संबंधित पेपर आउट होने के मामले में केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. जबकि पर्चा आउट होने की बात हर जगह उजागर हो चुकी है. दूसरी तरफ दंत संकाय के अन्य विभागों के रेजिडेंट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है. ऐसे में विवाद के बावजूद अन्य परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं.

केजीएमयू के दंत संकाय के सीनियर रेजिडेंट का पर्चा लीक.

पर्चा लीक मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने से कतरा रहा केजीएमयू

  • दंत संकाय के विभाग अध्यक्ष ने केजीएमयू के कुलपति को पूरे मामले से अवगत कराया है.
  • उन्होंने राज्यपाल को भी एक पत्र भेजा है इस पत्र के जरिए पेपर आउट होने की कहानी उजागर हुई है.
  • इस बीच केजीएमयू द्वारा भी इस पूरे मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है.
  • अभी तक जांच कमेटी किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं ले पाई है.

केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में
पिछले दिनों हुए पेपर लीक प्रकरण में केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल सीनियर एजेंट का मानदेय 70 से 80 हजार के बीच है. यह नौकरी डॉक्टर अपने रिश्तेदारों को बांटने के चक्कर में थे. वहीं एक डॉक्टर द्वारा पेपर लीक का भंडाफोड़ करने के बाद सभी सकते में आ गए. खुलासा करने वाले डॉक्टर ने एफआईआर कराने के लिए कुलपति को पत्र लिखा. मगर जांच कमेटी का हवाला देकर अभी मामले पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. जबकि पेपर लीक के पुख्ता सबूत विभाग अध्यक्ष द्वारा कुलपति को दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद कमेटी अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है. जिससे एक बार फिर से केजीएमयू प्रशासन का यह रवैया तमाम सवालों के घेरों में आ गया है.

पूरे मामले पर कमेटी गठित है और वह अपना काम कर रही है. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. आर ए एस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू

लखनऊ: केजीएमयू के दंत संकाय में सीनियर रेजिडेंट की परीक्षा से संबंधित पेपर आउट होने के मामले में केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. जबकि पर्चा आउट होने की बात हर जगह उजागर हो चुकी है. दूसरी तरफ दंत संकाय के अन्य विभागों के रेजिडेंट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है. ऐसे में विवाद के बावजूद अन्य परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं.

केजीएमयू के दंत संकाय के सीनियर रेजिडेंट का पर्चा लीक.

पर्चा लीक मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने से कतरा रहा केजीएमयू

  • दंत संकाय के विभाग अध्यक्ष ने केजीएमयू के कुलपति को पूरे मामले से अवगत कराया है.
  • उन्होंने राज्यपाल को भी एक पत्र भेजा है इस पत्र के जरिए पेपर आउट होने की कहानी उजागर हुई है.
  • इस बीच केजीएमयू द्वारा भी इस पूरे मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है.
  • अभी तक जांच कमेटी किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं ले पाई है.

केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में
पिछले दिनों हुए पेपर लीक प्रकरण में केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल सीनियर एजेंट का मानदेय 70 से 80 हजार के बीच है. यह नौकरी डॉक्टर अपने रिश्तेदारों को बांटने के चक्कर में थे. वहीं एक डॉक्टर द्वारा पेपर लीक का भंडाफोड़ करने के बाद सभी सकते में आ गए. खुलासा करने वाले डॉक्टर ने एफआईआर कराने के लिए कुलपति को पत्र लिखा. मगर जांच कमेटी का हवाला देकर अभी मामले पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. जबकि पेपर लीक के पुख्ता सबूत विभाग अध्यक्ष द्वारा कुलपति को दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद कमेटी अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है. जिससे एक बार फिर से केजीएमयू प्रशासन का यह रवैया तमाम सवालों के घेरों में आ गया है.

पूरे मामले पर कमेटी गठित है और वह अपना काम कर रही है. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. आर ए एस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू

Intro:पर्चा लीक मामले की रिपोर्ट दर्ज़ कराने से कतरा रहा केजीएमयू
केजीएमयू के दंत संकाय में सीनियर रेजिडेंट की परीक्षा से संबंधित पेपर आउट होने के मामले में केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। जबकि पर्चा आउट होने के बाद हर जगह उजागर हो चुकी है। दूसरी तरफ दंत संकाय के अन्य विभागों के रेजिडेंट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। ऐसे में विवाद के बावजूद अन्य परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं।



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केजीएमयू दंत संकाय में सीनियर रिजल्ट परीक्षा के संबंधित पेपर आउट होने के मामले में केजीएमयू में प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। जबकि पर्चा आउट होने की बात उजागर हो चुकी है। दूसरी तरफ दंत संकाय के अन्य विभागों के एजेंट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। ऐसे में विवाद के बाद परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना कितना सही है। इस पर सवाल उठ रहे है। केजीएमयू के दंत संकाय मे सीनियर रेसिडेंट की परीक्षा हुई थी।इस बीच विभाग अध्यक्ष ने पूरे मामले में केजीएमयू के कुलपति को पूरे मामले से अवगत कराया है। उन्होंने राज्यपाल को भी एक पत्र भेजा है। इस पत्र के जरिए पेपर आउट होने की कहानी उजागर हुई है। हालांकि इस बीच केजीएमयू द्वारा भी इस पूरे मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है। लेकिन अभी तक इस जांच कमेटी ने किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं ले पाई। कमेटी ने बैठकों का दौर भी शुरू हुआ है। लेकिन अभी तक कोई शिकायत एफआईआर केजीएमयू में प्रशासन द्वारा इस पूरे लीक प्रकरण पर नहीं की गई है। जिससे एक बार फिर केजीएमयू प्रशासन के रवैए पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर सभी मजबूत साक्ष्य होते हुए भी क्यों केजीएमयू प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले पर कोई शिकायत क्यों नहीं की जा रही है। वहीं जब इस पूरे मामले पर हमने केजीएमयू चीफ प्रॉक्टर डॉ आर ए एस कुशवाहा से बातचीत करी तो उन्होंने कहा है कि पूरे मामले पर कमेटी गठित है वह अपना काम कर रही है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में

पिछले दिनों हुए पेपर लीक प्रकरण में केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में आ गया है। दरअसल सीनियर एजेंट का मानदेय 70 से 80000 के बीच में मोटी रकम कि यह नौकरी डॉक्टर अपने रिश्तेदारों को बांटने के चक्कर में थे। वही एक डॉक्टर द्वारा पेपर लिक का भंडाफोड़ करने के बाद सभी सकते में भी आ गए। खुलासा करने वाले डॉक्टर ने एफ आई आर कराने के लिए कुलपति को पत्र लिखा। मगर जांच कमेटी का हवाला देकर अभी मामले पर एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है। जबकि पेपर लीक के पुख्ता सबूत विभाग अध्यक्ष द्वारा कुलपति डॉक्टर को दिए गए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी कमेटी अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। जिससे एक बार फिर से केजीएमयू प्रशासन का यह रवैया तमाम सवालों के घेरों में आ गया है।

बाइट- डॉ आर ए एस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू







Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
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