लखनऊ: केजीएमयू के दंत संकाय में सीनियर रेजिडेंट की परीक्षा से संबंधित पेपर आउट होने के मामले में केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है. जबकि पर्चा आउट होने की बात हर जगह उजागर हो चुकी है. दूसरी तरफ दंत संकाय के अन्य विभागों के रेजिडेंट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है. ऐसे में विवाद के बावजूद अन्य परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं.
पर्चा लीक मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने से कतरा रहा केजीएमयू
- दंत संकाय के विभाग अध्यक्ष ने केजीएमयू के कुलपति को पूरे मामले से अवगत कराया है.
- उन्होंने राज्यपाल को भी एक पत्र भेजा है इस पत्र के जरिए पेपर आउट होने की कहानी उजागर हुई है.
- इस बीच केजीएमयू द्वारा भी इस पूरे मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है.
- अभी तक जांच कमेटी किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं ले पाई है.
केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में
पिछले दिनों हुए पेपर लीक प्रकरण में केजीएमयू प्रशासन का रवैया भी सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल सीनियर एजेंट का मानदेय 70 से 80 हजार के बीच है. यह नौकरी डॉक्टर अपने रिश्तेदारों को बांटने के चक्कर में थे. वहीं एक डॉक्टर द्वारा पेपर लीक का भंडाफोड़ करने के बाद सभी सकते में आ गए. खुलासा करने वाले डॉक्टर ने एफआईआर कराने के लिए कुलपति को पत्र लिखा. मगर जांच कमेटी का हवाला देकर अभी मामले पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. जबकि पेपर लीक के पुख्ता सबूत विभाग अध्यक्ष द्वारा कुलपति को दिए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद कमेटी अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है. जिससे एक बार फिर से केजीएमयू प्रशासन का यह रवैया तमाम सवालों के घेरों में आ गया है.
पूरे मामले पर कमेटी गठित है और वह अपना काम कर रही है. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. आर ए एस कुशवाहा, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू