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बिना कोच के कैसे खेलेगा और कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया! - उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय

उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों की कमी नहीं है, अगर कमी है तो उनके लिए उपयुक्त साधन और प्रशिक्षकों की. प्रदेश में स्टेडियम में प्रशिक्षकों की कमी के चलते खिलाड़ियों को उच्च सत्र का प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है. ऐसे में बिना कोच के कैसे खेलेगा इंडिया और कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया.

केडी सिंह बाबू स्टेडियम
केडी सिंह बाबू स्टेडियम
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Published : Mar 23, 2021, 5:17 PM IST

लखनऊः देश के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है. वहीं अब सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से गांव से लेकर शहरों तक खेल प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रही है. इससे अब ऐसी खेल प्रतिभाएं भी सामने आ रही हैं जो सुविधाओं के अभाव में अच्छा नहीं कर पा रहे थे. वहीं उत्तर प्रदेश खेल विभाग में खेल प्रशिक्षकों की कमी भी खिलाड़ियों को काफी सता रही है. जहां एक तरफ हर जनपद में स्टेडियम के साथ-साथ खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में कोच होने चाहिए लेकिन पिछले एक वर्षों से क्रीड़ा अधिकारी 13 पद, उप क्रीड़ा अधिकारी 17 पद और सहायक प्रशिक्षक के 44 पदों की रिक्तियां खेल को भी प्रभावित कर रही हैं. जिसका खामियाजा खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है.

सहायक प्रशिक्षक के 44 पद पड़े खाली.

बिना कोच के प्रैक्टिस करने को मजबूर खिलाड़ी
प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. कमी है तो उन्हें तराशने की और उन्हें प्रशिक्षित करके अपने मुकाम तक पहुंचाने की. सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से जहां खेल प्रतिभाओं को तलाशने का काम कर रही है. वहीं उनके सामने आने वाली मुसीबतों को भी खेलो इंडिया के माध्यम से चयनित होने पर दूर किया जा रहा है लेकिन बिना कोच के कैसे खेलेगा इंडिया. उत्तर प्रदेश में खेल विभाग इन दिनों कोच की कमी से जूझ रहा है. वहीं सरकारी सिस्टम की लेटलतीफी के चलते शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं.

खेल प्रशिक्षकों की कमी से जूझ रहा खेल निदेशालय
उत्तर प्रदेश का खेल निदेशालय खेल और खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है लेकिन विभाग में खाली पड़े क्रीड़ा अधिकारी, उप क्रीड़ा अधिकारी और सहायक प्रशिक्षक के पदों के चलते खेल भी प्रभावित हो रहा है. इन पदों को भरने की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग और अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड की है. वहीं कुछ-कुछ डीपीसी के माध्यम से भी अपने उच्च पदों को प्राप्त करेंगे लेकिन अभी तक उसकी भी कोई तिथि घोषित नहीं हुई है. खेल निदेशालय में तैनात निदेशक डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि उनके यहां क्रीड़ा अधिकारी के 13 पद रिक्त है, उप क्रीड़ा अधिकारी के 17 पद रिक्त है और सहायक प्रशिक्षक के 44 पद रिक्त हैं. इन पदों के लिए अधियाचन भी भेजा जा चुका है लेकिन नियुक्ति करने का काम आयोग को करना है इस वजह से देरी हो रही है.

पदस्वीकृतभरेरिक्त
क्रीड़ा अधिकारी 594613
उप क्रीड़ा अधिकारी 1028517
सहायक प्रशिक्षक 480444

कोच के बिना हताश हैं खिलाड़ी
राजधानी के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में वैसे तो सभी तरह के खेलो की सुविधाएं हैं, जिसका खिलाड़ी भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं लेकिन खेल प्रशिक्षकों की कमी इन खिलाड़ियों को काफी ज्यादा सता रही है. स्टेडियम में साईं की तरफ से खेल रहे राष्ट्रीय खेल हॉकी के खिलाड़ी बिना कोच के एक वर्षों से खेल रहे हैं. जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लखनऊः देश के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है. वहीं अब सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से गांव से लेकर शहरों तक खेल प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रही है. इससे अब ऐसी खेल प्रतिभाएं भी सामने आ रही हैं जो सुविधाओं के अभाव में अच्छा नहीं कर पा रहे थे. वहीं उत्तर प्रदेश खेल विभाग में खेल प्रशिक्षकों की कमी भी खिलाड़ियों को काफी सता रही है. जहां एक तरफ हर जनपद में स्टेडियम के साथ-साथ खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में कोच होने चाहिए लेकिन पिछले एक वर्षों से क्रीड़ा अधिकारी 13 पद, उप क्रीड़ा अधिकारी 17 पद और सहायक प्रशिक्षक के 44 पदों की रिक्तियां खेल को भी प्रभावित कर रही हैं. जिसका खामियाजा खिलाड़ियों को उठाना पड़ रहा है.

सहायक प्रशिक्षक के 44 पद पड़े खाली.

बिना कोच के प्रैक्टिस करने को मजबूर खिलाड़ी
प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. कमी है तो उन्हें तराशने की और उन्हें प्रशिक्षित करके अपने मुकाम तक पहुंचाने की. सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से जहां खेल प्रतिभाओं को तलाशने का काम कर रही है. वहीं उनके सामने आने वाली मुसीबतों को भी खेलो इंडिया के माध्यम से चयनित होने पर दूर किया जा रहा है लेकिन बिना कोच के कैसे खेलेगा इंडिया. उत्तर प्रदेश में खेल विभाग इन दिनों कोच की कमी से जूझ रहा है. वहीं सरकारी सिस्टम की लेटलतीफी के चलते शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं.

खेल प्रशिक्षकों की कमी से जूझ रहा खेल निदेशालय
उत्तर प्रदेश का खेल निदेशालय खेल और खिलाड़ियों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है लेकिन विभाग में खाली पड़े क्रीड़ा अधिकारी, उप क्रीड़ा अधिकारी और सहायक प्रशिक्षक के पदों के चलते खेल भी प्रभावित हो रहा है. इन पदों को भरने की जिम्मेदारी लोक सेवा आयोग और अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड की है. वहीं कुछ-कुछ डीपीसी के माध्यम से भी अपने उच्च पदों को प्राप्त करेंगे लेकिन अभी तक उसकी भी कोई तिथि घोषित नहीं हुई है. खेल निदेशालय में तैनात निदेशक डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि उनके यहां क्रीड़ा अधिकारी के 13 पद रिक्त है, उप क्रीड़ा अधिकारी के 17 पद रिक्त है और सहायक प्रशिक्षक के 44 पद रिक्त हैं. इन पदों के लिए अधियाचन भी भेजा जा चुका है लेकिन नियुक्ति करने का काम आयोग को करना है इस वजह से देरी हो रही है.

पदस्वीकृतभरेरिक्त
क्रीड़ा अधिकारी 594613
उप क्रीड़ा अधिकारी 1028517
सहायक प्रशिक्षक 480444

कोच के बिना हताश हैं खिलाड़ी
राजधानी के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में वैसे तो सभी तरह के खेलो की सुविधाएं हैं, जिसका खिलाड़ी भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं लेकिन खेल प्रशिक्षकों की कमी इन खिलाड़ियों को काफी ज्यादा सता रही है. स्टेडियम में साईं की तरफ से खेल रहे राष्ट्रीय खेल हॉकी के खिलाड़ी बिना कोच के एक वर्षों से खेल रहे हैं. जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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