लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में आई खराबी की तीन (Balrampur Hospital In Lucknow) दिन पहले ही पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा दी गई थी. इसके बावजूद कंपनी की ओर से लापरवाई की गई, जिससे प्लांट मंगलवार शाम बंद हो गया. अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में जंबो सिलेंडर लगाकर ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई. गौरतलब है कि इससे पहले सिविल अस्पताल में बीते दिनों प्लॉट में रिसाव हुआ था. लगातार ऐसी घटनाएं होने से उपकरण व प्लांट मरम्मत करने वाली कंपनी की लापरवाही उजागर हो रही.
बलरामपुर अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं. इसमें बड़े ऑक्सीजन प्लांट में सोमवार से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने लगी थी. प्लॉट ऑपरेटर ने इसकी जानकारी अस्पताल अफसरों को दी. अफसरों ने उसी दिन ही पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि प्लांट मरम्मत करने वाली कोई भी टीम अस्पताल तक नहीं आई. नतीजन मंगलवार को प्लॉट की आपूर्ति बंद हो गई. अफसरों ने नाराजगी जताई तब इंजीनियर मौके पर आए. करीब तीन घंटे तक इंजीनियर जद्दोजहद किए, जिसके बाद प्लॉट का वॉल्व खराब होने का दावा किया. वहीं इससे पहले सिविल अस्पताल के ऑक्सीजन प्लॉट में रिसाव होने से बड़ा हादसा टला था. अस्पताल की निदेशक डॉक्टर एके सिंह के मुताबिक, 'ऑक्सीजन प्लांट का वॉल्व दिल्ली से मंगाया गया है. गुरुवार तक वॉल्व मिल जाएगा. जिसके बाद प्लांट शुरू हो जाएगा.' वहीं साइरेक्स कंपनी के अजय वर्मा ने कहा कि 'कोई भी शिकायत पोर्टल पर दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर उसे अटेंडेट किया जाता है. जो भी उपकरण खराब होता है तो उसे सात दिन में मरम्मत करने का नियम है वरना कंपनी पर जुर्माना लगता है.'
हटाए गए माल सीएचसी अधीक्षक : माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अरुण चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि यह ट्रांसफर उनके कक्ष में डांस करने का वीडियो वायरल होने के मामले में हुआ है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डॉ. अरुण चौधरी ने खुद ही ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा था. फिलहाल उन्हें चिनहट सीएचसी में मेडिकल ऑफिसर का कार्यभार दिया गया है. वहीं, गुडंबा सीएचसी में कार्यरत रहे डॉ. संदीप प्रताप सिंह को माल सीएचसी का नया अधीक्षक बनाया गया हैं. वहीं इस मामले पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि 'सीएचसी अधीक्षक आगे पढ़ाई करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी इच्छा से माल सीएचसी से ट्रांसफर लिया है. किसी कार्रवाई के तहत उन्हें ट्रांसफर नहीं किया गया है.'