लखनऊ : महंगाई का असर आम आदमी की रसोई और उसकी थाली में साफ दिख रहा है. आलम यह है कि रोजाना की जरूरत के सामानों के साथ सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है.
व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसल बर्बाद हुई है. इसलिए सब्जियों का उत्पादन (production of vegetables) कम हो गया है. यही कारण है कि प्रदेश में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. वहीं प्रदेश के बाहर से सब्जियां आयात करने (importing vegetables from outside the state) पर काफी लागत आ रही है. यही कारण है कि सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं.
मंगलवार (2 नवम्बर ) को प्रदेश की मंडियों (State Mandis) में आलू रु 25 किलो, प्याज रु 25 किलो, टमाटर रु 60 किलो, नीबू रु80 किलो, करेला रु50 किलो, लौकी रु30 किलो, भिंडी रु50 किलो, कद्दू रु25 किलो, लहसुन रु60 किलो, तरोई रु40 किलो, पालक रु60 किलो, हरी मटर रु150 किलो, मिर्च रु80 किलो, गोभी 35 रु/पीस, गाजर रु80 किलो, परवल रु80 किलो बिका. व्यापारियों का कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के चलते सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई थीं. फिलहाल अभी सब्जियों के दाम में कोई गिरावट नहीं होने वाली है.
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