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दो दर्जन जिलों में 'एटीएस' के लिए नहीं आया एक भी आवेदन, प्रदेश भर से कुल आए 308

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2023, 7:46 PM IST

Updated : Dec 11, 2023, 9:02 PM IST

उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग को ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर खोलने (Automated Testing Center in UP) के लिए करीब 50 जिलों से कुल 308 आवेदन मिले हैं. करीब 25 जिले ऐसे हैं जिनसे एक भी आवेदन नहीं आया है.

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वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर खोल रहा है. गुजरात की तर्ज पर एक जिले में अब तीन ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर खोले जा सकते हैं. विभाग ने इसके लिए तीन नवंबर से 16 नवंबर तक प्रदेश भर में आवेदन खोले थे, लेकिन प्रदेश के 25 जिले ऐसे हैं जिनसे ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोलने के लिए एक भी आवेदन आया ही नहीं. प्रदेश भर के 50 जिलों से कुल 308 आवेदन परिवहन विभाग को मिले. अब आवेदन की अवधि समाप्त हो चुकी है. लखनऊ संभाग से कुल 11 आवेदन आए हैं. ऑटोमेटेड ट्रेनिंग स्टेशन खोलने का मकसद यही है कि वाहनों की मशीनों से फिटनेस हो सके, जिससे सड़क पर हादसे कम हो सकें. कंडम वाहन सड़क पर संचालित ही न होने पाएं. परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने बताया कि 'अगले माह तक जितने आवेदन आए हैं उन्हें एटीएस खोलने की अनुमति दे दी जाएगी.'

प्रदेश भर से कुल आए 308
प्रदेश भर से कुल आए 308

308 आवेदकों को जल्द अनुमति : गुजरात में एक जिले में 10 एटीएस खोले जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, यूपी के सभी जिलों में तीन-तीन एटीएस खोलने की तैयारी है. निजी हाथों में एटीएस की कमान होगी. एक जिले में तीन एटीएस खुलने से वाहन स्वामियों के पास वाहनों की फिटनेस कराने के विकल्प होंगे जिससे वे लूट का शिकार होने से बच सकेंगे. इससे परिवहन विभाग वाहन स्वामियों को बड़ी राहत प्रदान करेगा. गुजरात की तर्ज पर यूपी के हर जिले में ऑटोमेटेड ट्रेनिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. इसे लेकर विभाग की तरफ से दिशा निर्देश जारी भी किए जा चुके हैं. 308 आवेदन भी आ चुके हैं.

एटीएस में प्रदर्शित करनी होंगी ये सूचनाएं
- स्वचालित परीक्षण स्टेशन के स्वामी/ऑपरेटर/प्रबंधक का नाम और फोन नंबर
- सभी कार्मिकों के नाम/पदनाम
- स्वस्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
- टाइम स्लॉट बुकिंग और शुल्क जमा करने की प्रक्रिया
- परीक्षण रिपोर्ट निर्गमन प्रक्रिया
- परीक्षण रिपोर्ट में उल्लिखित विवरण
- परीक्षणों की सूची
- पुनः परीक्षण प्रक्रिया की जानकारी
- परीक्षण रिपोर्ट के खिलाफ अपील की प्रक्रिया और अपीलीय प्राधिकारी का नाम और फोन नंबर
- स्वचालित परीक्षण स्टेशन का पूरा लेआउट (पार्किंग, वेटिंग रूम, विजुअल और ऑटोमेटिक टेस्टिंग का स्थान, शौचालय, पीने का पानी, प्रवेश व विकास द्वार)

एटीएस की ये हैं शर्तें : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'हर जिले में नए स्थापित होने वाले स्वचालित परीक्षण स्टेशन कम से कम दो लेन के होंगे. इसमें एक लेन तिपहिया हल्के वाहनों और दूसरी लेन मध्यम और भारी वाहनों के लिए होंगे. ऐसे स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना के लिए न्यूनतम दो एकड़ भूमि आवेदक के पास होनी ही चाहिए. अगर कोई आवेदक दो से अधिक लेन के स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना करना चाहता है तो उसे दो एकड़ के अलावा आधा एकड़ प्रति लेन अतिरिक्त भूमि जरूर रखनी होगी. नए स्थापित होने वाले एटीएस की भूमि संबंधित जनपद में ही राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग या फिर प्रमुख जिला मार्ग पर होनी चाहिए. जमीन के ऊपर हाई टेंशन पावर लाइन बिल्कुल भी न हो. एटीएस के परिसर में वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार होने चाहिए जिससे वाहनों का आवागमन बाधित न हो. परिसर तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई न्यूनतम सात मीटर होनी चाहिए. एटीएस में प्रवेश और विकास के समय वहां की पूरी डिटेल नोट की जाएगी जिससे यह जानकारी हो सकेगी कि वाहन कितने समय तक केंद्र में मौजूद रहा.'

एक आवेदक को अधिकतम तीन एटीएस : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'किसी आवेदक को वर्तमान में संचालित एटीएस को शामिल करते हुए प्रदेश में अधिकतम तीन स्टेशन ही आवंटित किए जाएंगे. यह प्रतिबंध राज्य सरकार की तरफ से स्थापित होने वाले एटीएस पर लागू नहीं होगा. किसी एक आवेदक को एक जनपद में एक ही एटीएस स्थापित करने की अनुमति होगी. यह प्रतिबंध भी राज्य सरकार पर लागू नहीं होगा. किसी एक जिले में अधिकतम तीन स्वचालित परीक्षण स्टेशन ही स्थापित किए जाने की अनुमति होगी. कोई आवेदक तीन से अधिक परीक्षण स्टेशन के लिए सफल घोषित किया जाता है तो उसकी इच्छानुसार तीन स्टेशन आवंटित किए जाएंगे. इसके लिए आवेदक को चयन की सूचना ईमेल के माध्यम से अथॉरिटी की तरफ से दी जाएगी.'



एटीएस और विभाग को मिलेगी फीस : केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 81 में विनिर्दिष्ट फिटनेस परीक्षण शुल्क स्वचालित परीक्षण स्टेशन को और फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गमन शुल्क और विलंब शुल्क परिवहन विभाग को देय होगा. एटीएस को प्राप्त होने वाले शुल्क पर दिए जीएसटी वाहन स्वामी से परीक्षण स्टेशन की तरफ से प्राप्त किया जाएगा. जीएसटी की प्रचलित प्रक्रिया और नियम के अनुसार निर्धारित समय में संबंधित विभाग को जमा करने का दायित्व एटीएस संचालक का होगा.

परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह
परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह

क्या कहते हैं परिवहन मंत्री : उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने ईटीवी भारत के सवाल पर बताया कि 'ऑटोमेटेड ट्रेनिंग सेंटर के लिए कुल 308 आवेदन अभी तक आए हैं. सभी एटीएस खोलने के लिए एक माह के अंदर अनुमति प्रदान कर दी जाएगी. जहां पर एटीएस के लिए आवेदन नहीं आए हैं वहां पर भी आगे प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी.'

यह भी पढ़ें : Transport Department : यूपी में गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी, अब हर जिले में खोले जाएंगे तीन "एटीएस"

यह भी पढ़ें : Lucknow news : पाठ्यक्रम में शामिल हाेगा सड़क सुरक्षा का पाठ, परिवहन विभाग ने शिक्षा विभाग को भेजा प्रस्ताव

वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय की खास रिपोर्ट

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर खोल रहा है. गुजरात की तर्ज पर एक जिले में अब तीन ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर खोले जा सकते हैं. विभाग ने इसके लिए तीन नवंबर से 16 नवंबर तक प्रदेश भर में आवेदन खोले थे, लेकिन प्रदेश के 25 जिले ऐसे हैं जिनसे ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोलने के लिए एक भी आवेदन आया ही नहीं. प्रदेश भर के 50 जिलों से कुल 308 आवेदन परिवहन विभाग को मिले. अब आवेदन की अवधि समाप्त हो चुकी है. लखनऊ संभाग से कुल 11 आवेदन आए हैं. ऑटोमेटेड ट्रेनिंग स्टेशन खोलने का मकसद यही है कि वाहनों की मशीनों से फिटनेस हो सके, जिससे सड़क पर हादसे कम हो सकें. कंडम वाहन सड़क पर संचालित ही न होने पाएं. परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने बताया कि 'अगले माह तक जितने आवेदन आए हैं उन्हें एटीएस खोलने की अनुमति दे दी जाएगी.'

प्रदेश भर से कुल आए 308
प्रदेश भर से कुल आए 308

308 आवेदकों को जल्द अनुमति : गुजरात में एक जिले में 10 एटीएस खोले जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, यूपी के सभी जिलों में तीन-तीन एटीएस खोलने की तैयारी है. निजी हाथों में एटीएस की कमान होगी. एक जिले में तीन एटीएस खुलने से वाहन स्वामियों के पास वाहनों की फिटनेस कराने के विकल्प होंगे जिससे वे लूट का शिकार होने से बच सकेंगे. इससे परिवहन विभाग वाहन स्वामियों को बड़ी राहत प्रदान करेगा. गुजरात की तर्ज पर यूपी के हर जिले में ऑटोमेटेड ट्रेनिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. इसे लेकर विभाग की तरफ से दिशा निर्देश जारी भी किए जा चुके हैं. 308 आवेदन भी आ चुके हैं.

एटीएस में प्रदर्शित करनी होंगी ये सूचनाएं
- स्वचालित परीक्षण स्टेशन के स्वामी/ऑपरेटर/प्रबंधक का नाम और फोन नंबर
- सभी कार्मिकों के नाम/पदनाम
- स्वस्थ्य प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन
- टाइम स्लॉट बुकिंग और शुल्क जमा करने की प्रक्रिया
- परीक्षण रिपोर्ट निर्गमन प्रक्रिया
- परीक्षण रिपोर्ट में उल्लिखित विवरण
- परीक्षणों की सूची
- पुनः परीक्षण प्रक्रिया की जानकारी
- परीक्षण रिपोर्ट के खिलाफ अपील की प्रक्रिया और अपीलीय प्राधिकारी का नाम और फोन नंबर
- स्वचालित परीक्षण स्टेशन का पूरा लेआउट (पार्किंग, वेटिंग रूम, विजुअल और ऑटोमेटिक टेस्टिंग का स्थान, शौचालय, पीने का पानी, प्रवेश व विकास द्वार)

एटीएस की ये हैं शर्तें : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'हर जिले में नए स्थापित होने वाले स्वचालित परीक्षण स्टेशन कम से कम दो लेन के होंगे. इसमें एक लेन तिपहिया हल्के वाहनों और दूसरी लेन मध्यम और भारी वाहनों के लिए होंगे. ऐसे स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना के लिए न्यूनतम दो एकड़ भूमि आवेदक के पास होनी ही चाहिए. अगर कोई आवेदक दो से अधिक लेन के स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना करना चाहता है तो उसे दो एकड़ के अलावा आधा एकड़ प्रति लेन अतिरिक्त भूमि जरूर रखनी होगी. नए स्थापित होने वाले एटीएस की भूमि संबंधित जनपद में ही राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग या फिर प्रमुख जिला मार्ग पर होनी चाहिए. जमीन के ऊपर हाई टेंशन पावर लाइन बिल्कुल भी न हो. एटीएस के परिसर में वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार होने चाहिए जिससे वाहनों का आवागमन बाधित न हो. परिसर तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई न्यूनतम सात मीटर होनी चाहिए. एटीएस में प्रवेश और विकास के समय वहां की पूरी डिटेल नोट की जाएगी जिससे यह जानकारी हो सकेगी कि वाहन कितने समय तक केंद्र में मौजूद रहा.'

एक आवेदक को अधिकतम तीन एटीएस : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'किसी आवेदक को वर्तमान में संचालित एटीएस को शामिल करते हुए प्रदेश में अधिकतम तीन स्टेशन ही आवंटित किए जाएंगे. यह प्रतिबंध राज्य सरकार की तरफ से स्थापित होने वाले एटीएस पर लागू नहीं होगा. किसी एक आवेदक को एक जनपद में एक ही एटीएस स्थापित करने की अनुमति होगी. यह प्रतिबंध भी राज्य सरकार पर लागू नहीं होगा. किसी एक जिले में अधिकतम तीन स्वचालित परीक्षण स्टेशन ही स्थापित किए जाने की अनुमति होगी. कोई आवेदक तीन से अधिक परीक्षण स्टेशन के लिए सफल घोषित किया जाता है तो उसकी इच्छानुसार तीन स्टेशन आवंटित किए जाएंगे. इसके लिए आवेदक को चयन की सूचना ईमेल के माध्यम से अथॉरिटी की तरफ से दी जाएगी.'



एटीएस और विभाग को मिलेगी फीस : केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 81 में विनिर्दिष्ट फिटनेस परीक्षण शुल्क स्वचालित परीक्षण स्टेशन को और फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गमन शुल्क और विलंब शुल्क परिवहन विभाग को देय होगा. एटीएस को प्राप्त होने वाले शुल्क पर दिए जीएसटी वाहन स्वामी से परीक्षण स्टेशन की तरफ से प्राप्त किया जाएगा. जीएसटी की प्रचलित प्रक्रिया और नियम के अनुसार निर्धारित समय में संबंधित विभाग को जमा करने का दायित्व एटीएस संचालक का होगा.

परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह
परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह

क्या कहते हैं परिवहन मंत्री : उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने ईटीवी भारत के सवाल पर बताया कि 'ऑटोमेटेड ट्रेनिंग सेंटर के लिए कुल 308 आवेदन अभी तक आए हैं. सभी एटीएस खोलने के लिए एक माह के अंदर अनुमति प्रदान कर दी जाएगी. जहां पर एटीएस के लिए आवेदन नहीं आए हैं वहां पर भी आगे प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी.'

यह भी पढ़ें : Transport Department : यूपी में गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी, अब हर जिले में खोले जाएंगे तीन "एटीएस"

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Last Updated : Dec 11, 2023, 9:02 PM IST
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