झांसी: सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीदी गई 5701 क्विंटल मूंगफली और उरद के गबन होने के मामले में अभी तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई है. मामले में छह महीने पहले तत्कालीन एडीएम नागेंद्र शर्मा ने जनपद के तीन थानों में समितियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. अब किसान लंबित भुगतान की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर गबन के मुकदमें में पुलिस अभी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं कर सकी है.
यह था गबन का मामला
छह महीने पहले तत्कालीन एडीएम नागेंद्र शर्मा ने किसानों को भुगतान न मिलने की शिकायत पर जांच की. उस जांच में सामने आया कि सहकारी सेवा समिति सिमरी, मंडी समिति मऊरानीपुर और मंडी समिति एरच में किसानों से खरीदी गई मूंगफली और उरद की हेराफेरी हो गई.
जांच अधर में, किसान परेशान
यह मामला शासन के संज्ञान में भी आ चुका है. इस पूरी गड़बड़ी पर जिला प्रशासन के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठते रहे हैं. इतने बड़े गबन के मामले की उन अफसरों को भनक तक नहीं लग सकी, जिन्हें खरीद केंद्रों की निगरानी करने और किसानों का जल्द भुगतान कराने की सरकार ने जिम्मेदारी दे रखी थी.
किसानों ने छोड़ी उम्मीद
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्र हैं. इस तरह से सचिव पैसा लेकर लेकर भाग गया. यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार की है. हमारे हक का पैसा हमें मिलना चाहिए.
अभियोग पंजीकृत करके विवेचना जारी है. विवेचना के आधार पर जो तथ्य निकलकर आएंगे, उसके मुताबिक दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
राहुल मिठास, अपर पुलिस अधीक्षक