लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (Lohia Institute) से संबद्ध नौ और कर्मचारियों को मंगलवार को कार्य मुक्त कर दिया गया. इन्हें इनके मूल विभागों में भेजा गया है, जहां इन्हें विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है. इसके पहले संस्थान ने 32 डॉक्टरों को कार्यमुक्त कर उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया था.
बढ़ेगी मरीजों की परेशानी
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को सुपर स्पेशलिटी संस्थान के रूप में 2017 में मान्यता मिली थी. 2017 में ही यहां एमबीबीएस के कोर्स प्रारंभ किए गए. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (medical council of india) के मानक को पूरा करने के लिए 2019 में इसके बगल में ही बने डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय को संस्थान से संबद्ध कर दिया गया. अस्पताल सुचारू रूप से चलता रहे, इसके लिए यहां तैनात कर्मचारियों और चिकित्सकों को लोहिया संस्थान से संबद्ध कर दिया गया था. वहीं अब इन कर्मचारियों को इनके मूल विभागों में वापस भेजा जा रहा है. कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त होने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
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संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजन भटनागर के मुताबिक 9 कर्मचारियों को कार्यमुक्त कर उन्हें उनके मूल विभाग प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में भेजा गया है. जिन कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया गया, उनमें रामगोपाल त्रिपाठी फार्मासिस्ट को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय, सरिता कुमारी ईसीजी टेक्निशियन व कुमारी सपना वर्मा को बलरामपुर चिकित्सालय, सुधा सिंह को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय, शशि प्रकाश वर्मा डार्क्रूम सहायक को अवंती बाई महिला चिकित्सालय, डार्क्रूम सहायक महेश कुमार वर्मा को मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के अधीन डेंटल हाइजीनिस्ट, देश दीपक त्रिपाठी को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय, लैब टेक्नीशियन नरेंद्र प्रताप सिंह को लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया है. वहीं उर्मिला सिंह का समायोजन अभी नहीं हुआ है.