ETV Bharat / state

आयुष कॉलेजों में काउंसिलिंग की जिम्मेदारी संभालेगी एनआइसी

author img

By

Published : Nov 11, 2022, 6:47 PM IST

अब उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने की जिम्मेदारी भी नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (NIC) को दी जाएगी. अभी एलोपैथ के मेडिकल काॅलेजों, डेंटल काॅलेजों व नर्सिंग काॅलेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग का काम एनआइसी के ही पास है.

ो

लखनऊ : अब उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने की जिम्मेदारी भी नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) को दी जाएगी. अभी एलोपैथ के मेडिकल काॅलेजों, डेंटल काॅलेजों व नर्सिंग काॅलेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग का काम एनआइसी के ही पास है. चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय की देखरेख में दाखिले की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. सिर्फ आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानी काॅलेजों में स्नातक (यूजी) व स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में दाखिले की जिम्मेदारी आयुर्वेद निदेशालय के पास है और वह प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से काउंसिलिंग कराती है. अब शैक्षिक सत्र-2022 में काउंसिलिंग का जिम्मा एनआइसी के पास होगा.

आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने बताया कि आयुष काॅलेजों में दाखिले की काउंसिलिंग की अलग व्यवस्था के कारण ही सभी फेरबदल हुआ है. आखिर आयुर्वेद निदेशालय से काउंसिलिंग की प्रक्रिया न कराकर किसी प्राइवेट कंपनी व उसकी वेंडर कंपनी से काम कराने का ही यह नतीजा है कि आयुष काॅलेजों में 891 फर्जी दाखिले हो गए. वहीं मेडिकल व डेंटल काॅलेजों में दाखिले में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है.

उन्होंने कहा कि अपट्रॉन पावरट्रोनिक्स व उसकी वेंडर कंपनी वी श्री साॅफ्ट साल्यूशन के कर्मियों ने ही नीट-यूजी 2021 की मेरिट लिस्ट ऑनलाइन करते समय 891 छात्रों के अंक बढ़ा दिए थे. ऐसे में इस बार काउंसिलिंग को पूरी तरह फूलप्रूफ बनाया जा रहा है. आगे किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसकी पूरी व्यवस्था होगी. आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथिक विभाग के निदेशक सीधे काउंसिलिंग की हर दिन की प्रक्रिया का अपडेट रखेंगे. नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) की आयुष कॉलेजों के सभी कोर्सेज में काउंसलिंग कराने की जिम्मेदारी होगी.

यह भी पढ़ें : विनय पाठक के करीबियों के बयान की पड़ताल में जुटी एसटीएफ, बैंक खातों का हो रहा मिलान

लखनऊ : अब उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने की जिम्मेदारी भी नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) को दी जाएगी. अभी एलोपैथ के मेडिकल काॅलेजों, डेंटल काॅलेजों व नर्सिंग काॅलेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग का काम एनआइसी के ही पास है. चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय की देखरेख में दाखिले की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. सिर्फ आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानी काॅलेजों में स्नातक (यूजी) व स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में दाखिले की जिम्मेदारी आयुर्वेद निदेशालय के पास है और वह प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से काउंसिलिंग कराती है. अब शैक्षिक सत्र-2022 में काउंसिलिंग का जिम्मा एनआइसी के पास होगा.

आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र दयालु ने बताया कि आयुष काॅलेजों में दाखिले की काउंसिलिंग की अलग व्यवस्था के कारण ही सभी फेरबदल हुआ है. आखिर आयुर्वेद निदेशालय से काउंसिलिंग की प्रक्रिया न कराकर किसी प्राइवेट कंपनी व उसकी वेंडर कंपनी से काम कराने का ही यह नतीजा है कि आयुष काॅलेजों में 891 फर्जी दाखिले हो गए. वहीं मेडिकल व डेंटल काॅलेजों में दाखिले में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है.

उन्होंने कहा कि अपट्रॉन पावरट्रोनिक्स व उसकी वेंडर कंपनी वी श्री साॅफ्ट साल्यूशन के कर्मियों ने ही नीट-यूजी 2021 की मेरिट लिस्ट ऑनलाइन करते समय 891 छात्रों के अंक बढ़ा दिए थे. ऐसे में इस बार काउंसिलिंग को पूरी तरह फूलप्रूफ बनाया जा रहा है. आगे किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसकी पूरी व्यवस्था होगी. आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथिक विभाग के निदेशक सीधे काउंसिलिंग की हर दिन की प्रक्रिया का अपडेट रखेंगे. नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) की आयुष कॉलेजों के सभी कोर्सेज में काउंसलिंग कराने की जिम्मेदारी होगी.

यह भी पढ़ें : विनय पाठक के करीबियों के बयान की पड़ताल में जुटी एसटीएफ, बैंक खातों का हो रहा मिलान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.