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एनआईए-एटीएस की विशेष अदालत ने जाली नोट के सौदागरों को पांच वर्ष के कारावास की सुनाई सजा - जाली नोट केस में सजा

एनआईए-एटीएस की विशेष अदालत (NIA-ATS Special Court) ने देश में जाली नोट सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार किए अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व फूलचंद को पांच वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2024, 10:51 PM IST

लखनऊ : भारत के विभिन्न स्थानों पर जाली नोट की सप्लाई करने के मामले में एनआईए-एटीएस की विशेष अदालत ने अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व फूलचंद को पांच वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है. विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने आरोपियों पर अलग-अलग छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक 25 नवंबर 2019 को एटीएस ने सीतापुर रोड पर जाली नोटों की खेप के साथ एक युवती समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था. इनमें पश्चिम बंगाल के माल्दा की रहने वाली युवती के साथ ही अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व लखीमपुर खीरी के फूलचंद के पास से एक लाख 79 हजार का जाली भारतीय नोट बरामद हुए थे. इस मामले की एफआईआर एटीएस के निरीक्षक चैंपियन लाल ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. इसके बाद विवेचना एनआईए को सौंप दी गई. एनआईए ने इनके खिलाफ जाली नोट की खरीद-फरोख्त व इसकी साजिश रचने के साथ ही विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16 व 18 में आरोप पत्र दाखिल किया था. 26 नवंबर 2019 को इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. विचारण के दौरान इन दोनों ने स्वेच्छा से अपना जुर्म कबूल कर अदालत से कम से कम सजा देने की मांग की थी.

इससे पूर्व इनके साथ पकड़ी गई युवती को किशोरी घोषित किया गया था. उसे राजकीय सम्प्रेक्षण गृह भेज दिया गया था. पांच जनवरी 2022 को किशोर न्याय बोर्ड ने उसे अपना जुर्म कबूल करने के आधार पर दोषी करार देते हुए उसके द्वारा जेल व राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में बिताई गई अवधि की सजा से दंडित किया था. किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में उसके कृत्य की भर्त्सना करते हुए भविष्य में उसे सदाचारी बने रहने की चेतावनी भी दी थी.

लखनऊ : भारत के विभिन्न स्थानों पर जाली नोट की सप्लाई करने के मामले में एनआईए-एटीएस की विशेष अदालत ने अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व फूलचंद को पांच वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है. विशेष जज विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने आरोपियों पर अलग-अलग छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक 25 नवंबर 2019 को एटीएस ने सीतापुर रोड पर जाली नोटों की खेप के साथ एक युवती समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था. इनमें पश्चिम बंगाल के माल्दा की रहने वाली युवती के साथ ही अभियुक्त अमीनुल इस्लाम व लखीमपुर खीरी के फूलचंद के पास से एक लाख 79 हजार का जाली भारतीय नोट बरामद हुए थे. इस मामले की एफआईआर एटीएस के निरीक्षक चैंपियन लाल ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. इसके बाद विवेचना एनआईए को सौंप दी गई. एनआईए ने इनके खिलाफ जाली नोट की खरीद-फरोख्त व इसकी साजिश रचने के साथ ही विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16 व 18 में आरोप पत्र दाखिल किया था. 26 नवंबर 2019 को इन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. विचारण के दौरान इन दोनों ने स्वेच्छा से अपना जुर्म कबूल कर अदालत से कम से कम सजा देने की मांग की थी.

इससे पूर्व इनके साथ पकड़ी गई युवती को किशोरी घोषित किया गया था. उसे राजकीय सम्प्रेक्षण गृह भेज दिया गया था. पांच जनवरी 2022 को किशोर न्याय बोर्ड ने उसे अपना जुर्म कबूल करने के आधार पर दोषी करार देते हुए उसके द्वारा जेल व राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में बिताई गई अवधि की सजा से दंडित किया था. किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में उसके कृत्य की भर्त्सना करते हुए भविष्य में उसे सदाचारी बने रहने की चेतावनी भी दी थी.

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