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दरभंगा ब्लास्ट मामले में दो और गिरफ्तार, धमाके के बाद पाकिस्तान भेजी गई थी तस्वीर

दरभंगा ब्लास्ट मामले (Darbhanga Blast Case) में एनआईए (NIA) ने दो और लोगों को शामली जिले के कैराना से गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि इमरान और नासिर ने दरभंगा ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में ISI एजेंट इमरान काना को तस्वीरें भेजी थीं.

Darbhanga Blast Case
दरभंगा ब्लास्ट मामला.
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Published : Jul 2, 2021, 5:29 PM IST

लखनऊः बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट (Darbhanga Blast) के तार पाकिस्तान, शामली से ही नहीं कैराना से भी जुड़े हैं. NIA की गिरफ्त में आए कैराना के इमरान और नासिर के इनपुट पर हाजी सलीम और कफील अहमद को भी शामली पुलिस की मदद से एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. इस प्रकरण में NIA आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है.

कैराना के कई युवक नासिर और इमरान के संपर्क में
शामली पुलिस की छानबीन में यह भी सामने आया कि दरभंगा ब्लास्ट के आरोपी नासिर और इमरान के संपर्क में कैराना के करीब दर्जनभर युवक हैं. पुलिस ने सभी की निगरानी शुरू कर दी है. हाजी सलीम और कफिल अहमद भी उन्हीं में शामिल थे. NIA सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला है कि इमरान और नासिर ने दरभंगा ब्लास्ट (Darbhanga Blast) की फोटो व्हाट्सएप से पाकिस्तान भेजकर कहा था कि काम हो गया. इस इनपुट पर NIA ने सर्विलांस के जरिये कैराना के हाजी सलीम और कफिल अहमद को गिरफ्तार किया है.

इसे भी पढ़ें-दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विस्फोट मामले में हैदराबाद से लश्कर के दो आतंकवादी गिरफ्तार

ISI एजेंट इमरान काना ने रची थी ब्लास्ट की साजिश
विस्फोट से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) का कनेक्शन है, क्योंकि हिरासत में लिए गए इमरान और नासिर का पाकिस्तान आना-जाना था. दोनों भाइयों की मुलाकात पाकिस्तान में ISI के एक एजेंट इमरान काना से होती थी, जिसने काफी समय पहले शामली से भागकर पाकिस्तान में शरण ले ली थी. पूछताछ में पता चला है कि कि दरभंगा ब्लास्ट का टारगेट इमरान और नासिर को पाकिस्तान से ISI एजेंट इमरान काना ने ही दिया गया था. ब्लास्ट का सामान भी ISI एजेंट ने पार्सल के जरिए कैराना के रास्ते ही इमरान तक पहुंचाया था.

इसे भी पढ़ें-दरभंगा ब्लास्ट मामलाः पड़ोस में रह रहे थे आंतकी, पड़ोसी को नहीं थी जानकारी



हवाला के जरिए आरोपियों के पास पहुंचा था फंड
NIA सूत्रों की मानें तो दिल्ली के हवाला कारोबारी के माध्यम से नासिर और इमरान को पैसा पहुंचाया गया था. इस पैसे का इस्तेमाल दरभंगा ब्लॉक में किया गया. ब्लास्ट के बाद फरार आरोपियों को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने में भी फंड का काफी योगदान रहा. एसपी शामली सुकृति माधव मिश्रा का कहना है इमरान और नासिर के संपर्क में आए व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. जल्द और लोगों को भी गिरफ्तारी हो सकती है.

हैदराबाद से दो भाइयों को एनआईए ने किया था गिरफ्तार
बता दें कि बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बुधवार को इमरान मलिक उर्फ ​​इमरान खान और उसका भाई मोहम्मद नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. NIA के प्रवक्ता के अनुसार इमरान मलिक और मोहम्मद नासिर खान प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों द्वारा देश भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे.

इसे भी पढ़ें-दरभंगा रेलवे ब्लास्टः रिटायर्ड फौजी ने कहा- बेटे देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार दो

क्या है पूरा मामला
बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल दरभंगा स्टेशन पर उतारा जा रहा था. तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ. धमाके की वजह किसी को समझ में नहीं आई. जीआरपी के बाद इसकी जांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी. जिसमें कुछ केमिकल रखा गया था. ब्लास्ट इसी केमिकल की वजह से हुआ. हालांकि अब तक की जांच में मालूम नहीं चला है कि केमिकल कौन सा था. शीशी और उसके नमूनों की जांच के लिए एफएसएल हैदराबाद भेजी गई है. इस मामले में लगातार संदिग्धों की गिरफ्तारी जारी है.

लखनऊः बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट (Darbhanga Blast) के तार पाकिस्तान, शामली से ही नहीं कैराना से भी जुड़े हैं. NIA की गिरफ्त में आए कैराना के इमरान और नासिर के इनपुट पर हाजी सलीम और कफील अहमद को भी शामली पुलिस की मदद से एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है. इस प्रकरण में NIA आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है.

कैराना के कई युवक नासिर और इमरान के संपर्क में
शामली पुलिस की छानबीन में यह भी सामने आया कि दरभंगा ब्लास्ट के आरोपी नासिर और इमरान के संपर्क में कैराना के करीब दर्जनभर युवक हैं. पुलिस ने सभी की निगरानी शुरू कर दी है. हाजी सलीम और कफिल अहमद भी उन्हीं में शामिल थे. NIA सूत्रों की मानें तो पूछताछ में पता चला है कि इमरान और नासिर ने दरभंगा ब्लास्ट (Darbhanga Blast) की फोटो व्हाट्सएप से पाकिस्तान भेजकर कहा था कि काम हो गया. इस इनपुट पर NIA ने सर्विलांस के जरिये कैराना के हाजी सलीम और कफिल अहमद को गिरफ्तार किया है.

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ISI एजेंट इमरान काना ने रची थी ब्लास्ट की साजिश
विस्फोट से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) का कनेक्शन है, क्योंकि हिरासत में लिए गए इमरान और नासिर का पाकिस्तान आना-जाना था. दोनों भाइयों की मुलाकात पाकिस्तान में ISI के एक एजेंट इमरान काना से होती थी, जिसने काफी समय पहले शामली से भागकर पाकिस्तान में शरण ले ली थी. पूछताछ में पता चला है कि कि दरभंगा ब्लास्ट का टारगेट इमरान और नासिर को पाकिस्तान से ISI एजेंट इमरान काना ने ही दिया गया था. ब्लास्ट का सामान भी ISI एजेंट ने पार्सल के जरिए कैराना के रास्ते ही इमरान तक पहुंचाया था.

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हवाला के जरिए आरोपियों के पास पहुंचा था फंड
NIA सूत्रों की मानें तो दिल्ली के हवाला कारोबारी के माध्यम से नासिर और इमरान को पैसा पहुंचाया गया था. इस पैसे का इस्तेमाल दरभंगा ब्लॉक में किया गया. ब्लास्ट के बाद फरार आरोपियों को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने में भी फंड का काफी योगदान रहा. एसपी शामली सुकृति माधव मिश्रा का कहना है इमरान और नासिर के संपर्क में आए व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. जल्द और लोगों को भी गिरफ्तारी हो सकती है.

हैदराबाद से दो भाइयों को एनआईए ने किया था गिरफ्तार
बता दें कि बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट के सिलसिले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बुधवार को इमरान मलिक उर्फ ​​इमरान खान और उसका भाई मोहम्मद नासिर खान को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. NIA के प्रवक्ता के अनुसार इमरान मलिक और मोहम्मद नासिर खान प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों द्वारा देश भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे.

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क्या है पूरा मामला
बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल दरभंगा स्टेशन पर उतारा जा रहा था. तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ. धमाके की वजह किसी को समझ में नहीं आई. जीआरपी के बाद इसकी जांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी. जिसमें कुछ केमिकल रखा गया था. ब्लास्ट इसी केमिकल की वजह से हुआ. हालांकि अब तक की जांच में मालूम नहीं चला है कि केमिकल कौन सा था. शीशी और उसके नमूनों की जांच के लिए एफएसएल हैदराबाद भेजी गई है. इस मामले में लगातार संदिग्धों की गिरफ्तारी जारी है.

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