लखनऊ : सपा सरकार में 1300 पदों पर हुए जल निगम की हुई भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितता बरती गई है. अब इस मामले में प्रदेश की योगी सरकार ने एसआईटी को जांच सौंपी है. अब जल निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी कोर्ट से आरोपियों के गैर जमानती वारंट लेने की तैयारी में है. इस भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री और रामपुर के सांसद आजम खां के खिलाफ पिछले हफ्ते में सीतापुर जेल में वारंट भी दाखिल कराया गया है. वहीं तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी और कई अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी हो रही है.
क्या होगा एसआईटी का अगला कदम
2016 में सपा शासनकाल के दौरान 1300 पदों पर जल निगम में भर्तियां की गई थीं. वहीं इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली भी हुई थी. प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस पूरे मामले की जांच कराई गई तो मामला खुलकर सामने आ गया. फिलहाल इस पूरे मामले में एसआईटी के माध्यम से जांच कराई जा रही है. पिछले हफ्ते की जांच में पूर्व मंत्री एवं रामपुर के सांसद आजम खान दोषी पाए गए थे. इनके खिलाफ सीतापुर जेल में वारंट बी दाखिल कराया गया है. वहीं इस मामले में अब एसआईटी अन्य आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट बी लेने की तैयारी में है.
क्या था पूरा मामला
सपा शासनकाल में जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली की गई थी. इसके बाद जांच में जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी, पूर्व मंत्री आजम खां के ओएसडी सैयद आफाक अहमद, चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे और भर्ती परीक्षा संचालित कराने वाली संस्था एपटेक के नौ अधिकारी दोषी पाए गए हैं.