ETV Bharat / state

लखनऊ पुलिस के लिए चुनौतियों भरा होगा नया साल, फाइलों में दफन हैं वर्ष 2022 के कई राज - New year will be full of challenges for Police

लखनऊ पुलिस के लिए नया साल चुनौतियों भरा है. बीते वर्ष 2022 में हुई कई घटनाओं के राज अभी तक पुलिस की फाइलों में दफन हैं. हालांकि पुलिस कई बड़ी वारदातों का पर्दाफाश भी किया, लेकिन कई गंभीर और सनसनीखेज मामले अभी सुलझाने बाकी है.

c
c
author img

By

Published : Jan 3, 2023, 12:49 PM IST

डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक.

लखनऊ: वर्ष 2022 बीत चुका है, लेकिन इस बीते हुए साल में न जाने कितने अपराध हुए जिन्हें लखनऊ पुलिस (pending cases of lucknow police) सुलझाने में नाकाम रही. वर्ष 2022 में अपराधियों ने किसी युवती को जला कर डंप यार्ड में फेंक दिया तो किसी को नदी में बहा दिया. किसी बुजुर्ग की नृशंस हत्या कर दी गई. कई हत्याएं हुईं, लेकिन पुलिस कातिलों (killings undisclosed) को ढूंढ नहीं सकी. ऐसे में ये तमाम घटनाएं नए साल में भी पुलिस के लिए चुनौती बन कर खड़ी हैं.

बुजुर्ग की हत्या का नहीं हो सका खुलासा : 27 फरवरी 2022 को राजधानी के मड़ियांव की एसबीआई कॉलोनी के पास रिटार्यड बैंक अधिकारी की घर में घुसकर चाकू से शरीर में दर्जनों वार कर नृशंस हत्या कर दी गई थी. रिटार्यड बैंक अधिकारी की पत्नी ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. दोनों बुजुर्ग घर में अकेले रहते थे. घटना के समय बुजुर्ग पत्नी सब्जी लेने गई थी. इस घटना में सीसीटीवी में एक संदिग्ध युवक नजर भी आया था. पुलिस ने इस वारदात को साइको किलर द्वारा घटित करने की भी थ्योरी बताई, लेकिन खुलासा नहीं हो सका.

नहीं हो सकी शव की शिनाख्त : 6 मई 2022 को एक अज्ञात शव इंदिरानगर थाना क्षेत्र के चूरामनपुरवा के पुराना नहर पुलिया के पास मिला था. पुलिस के हाईटेक सर्विलांस सिस्टम (police hi-tech surveillance system) के बाद भी आज तक न तो शव की पहचान हो सकी और न ही उसकी हत्या का कोई सुराग मिल सका.

डंप यार्ड में मिली थी जली हुई लाश : 23 मार्च 2022 को ठाकुरगंज में डंप यार्ड में महिला का अधजला शव मिला था. हत्यारों ने शव की पहचान छिपाने के लिए उसे जला दिया था, जिससे न तो उसकी पहचान हो सकी और न ही उसकी हत्या का कोई सुराग आज तक मिल सका है. लखनऊ पुलिस ने पड़ोसी जिलों की पुलिस से भी संपर्क किया गया लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा.

पांच माह से हत्यारे की तलाश : 24 जुलाई 2022 को सरोजनीनगर में रहने वाले शिव शंकर मिश्रा उर्फ बबलू 23 दिसंबर को लापता हो गया था. दूसरे दिन उसका शव घर से कुछ दूरी पर मिला था. मृतक के भाई ने उसकी हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी. पांच माह बीतने के बाद भी पुलिस हत्या की वजह और हत्यारे तक नहीं पहुंच सकी. वहीं वर्ष 2022 में लखनऊ में 115 हत्याएं दर्ज हुईं. इनमें तीन ऐसे केस है जिन्हें पुलिस ने सुलझा तो लिया, लेकिन हत्या के रहस्य पूरी तरह से नहीं सुलझ पाए.

अपहृत बच्चे में अभी तक नहीं मिला शव : 5 सितंबर 2022 को चिनहट के कमता सनातननगर निवासी मार्केटिंग इंस्पेक्टर धीरेंद्र पांडेय के चार साल के बेटे राम की पांच सितंबर को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. आरोपी उसके चचेरे भाई अमित पांडेय ने शव को कानपुर में गंगा में फेकने की बात पुलिस के सामने कबूल की थी. इसके बाद एसडीआरएफ और पुलिस ने 6 दिन तक शव की तलाश में गंगा में सर्च अभियान चलाया, लेकिन शव नहीं मिला. 25 सितंबर 2022 को दुबग्गा के जेहटा गांव के प्रापर्टी डीलर विशाल गौतम की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने लेनदेन के विवाद में हत्या का खुलासा करते हुए सात आरोपियों को जेल भेजा था. हालांकि पुलिस शव आजतक बरामद नहीं कर सकी है. आरोपियों ने हत्या के बाद शव हरदोई में नदी में फेकने की बात कबूल की थी. 26 अगस्त 2022 को गुडंबा इलाके में सोनी तिवारी नामक युवती की हत्या कर शव नहर में फेंकने की बात समाने आई थी. पुलिस ने आरोपी द्वारा बताए स्थान पर बहराइच में नदी में शव कई दिन तक तलाशा, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Lucknow Police Commissionerate) का मानना है कि उनके सामने ये घटनाएं एक चुनौती हैं. इन हत्याओं के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीम लगातार काम कर रही हैं. डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक (DCP Aparna Rajat Kaushik) कहती हैं कि वर्ष 2022 में 115 हत्याओं में 111 को सफल खुलासा कर लिया गया था, लेकिन जिन्हें हमारी टीम नहीं खोल सकी उनका खुलासा करने के लिए दोगुनी ताकत से हम काम कर खुलासा करेंगे. घटनाओं के खुलासे के लिए लखनऊ पुलिस लगातार सक्रियता (Lucknow police continuously active) से काम कर रही है.

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी भाजपा की पहली बड़ी बैठक का आगाज, बन रही बड़ी रणनीति

डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक.

लखनऊ: वर्ष 2022 बीत चुका है, लेकिन इस बीते हुए साल में न जाने कितने अपराध हुए जिन्हें लखनऊ पुलिस (pending cases of lucknow police) सुलझाने में नाकाम रही. वर्ष 2022 में अपराधियों ने किसी युवती को जला कर डंप यार्ड में फेंक दिया तो किसी को नदी में बहा दिया. किसी बुजुर्ग की नृशंस हत्या कर दी गई. कई हत्याएं हुईं, लेकिन पुलिस कातिलों (killings undisclosed) को ढूंढ नहीं सकी. ऐसे में ये तमाम घटनाएं नए साल में भी पुलिस के लिए चुनौती बन कर खड़ी हैं.

बुजुर्ग की हत्या का नहीं हो सका खुलासा : 27 फरवरी 2022 को राजधानी के मड़ियांव की एसबीआई कॉलोनी के पास रिटार्यड बैंक अधिकारी की घर में घुसकर चाकू से शरीर में दर्जनों वार कर नृशंस हत्या कर दी गई थी. रिटार्यड बैंक अधिकारी की पत्नी ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. दोनों बुजुर्ग घर में अकेले रहते थे. घटना के समय बुजुर्ग पत्नी सब्जी लेने गई थी. इस घटना में सीसीटीवी में एक संदिग्ध युवक नजर भी आया था. पुलिस ने इस वारदात को साइको किलर द्वारा घटित करने की भी थ्योरी बताई, लेकिन खुलासा नहीं हो सका.

नहीं हो सकी शव की शिनाख्त : 6 मई 2022 को एक अज्ञात शव इंदिरानगर थाना क्षेत्र के चूरामनपुरवा के पुराना नहर पुलिया के पास मिला था. पुलिस के हाईटेक सर्विलांस सिस्टम (police hi-tech surveillance system) के बाद भी आज तक न तो शव की पहचान हो सकी और न ही उसकी हत्या का कोई सुराग मिल सका.

डंप यार्ड में मिली थी जली हुई लाश : 23 मार्च 2022 को ठाकुरगंज में डंप यार्ड में महिला का अधजला शव मिला था. हत्यारों ने शव की पहचान छिपाने के लिए उसे जला दिया था, जिससे न तो उसकी पहचान हो सकी और न ही उसकी हत्या का कोई सुराग आज तक मिल सका है. लखनऊ पुलिस ने पड़ोसी जिलों की पुलिस से भी संपर्क किया गया लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा.

पांच माह से हत्यारे की तलाश : 24 जुलाई 2022 को सरोजनीनगर में रहने वाले शिव शंकर मिश्रा उर्फ बबलू 23 दिसंबर को लापता हो गया था. दूसरे दिन उसका शव घर से कुछ दूरी पर मिला था. मृतक के भाई ने उसकी हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी. पांच माह बीतने के बाद भी पुलिस हत्या की वजह और हत्यारे तक नहीं पहुंच सकी. वहीं वर्ष 2022 में लखनऊ में 115 हत्याएं दर्ज हुईं. इनमें तीन ऐसे केस है जिन्हें पुलिस ने सुलझा तो लिया, लेकिन हत्या के रहस्य पूरी तरह से नहीं सुलझ पाए.

अपहृत बच्चे में अभी तक नहीं मिला शव : 5 सितंबर 2022 को चिनहट के कमता सनातननगर निवासी मार्केटिंग इंस्पेक्टर धीरेंद्र पांडेय के चार साल के बेटे राम की पांच सितंबर को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. आरोपी उसके चचेरे भाई अमित पांडेय ने शव को कानपुर में गंगा में फेकने की बात पुलिस के सामने कबूल की थी. इसके बाद एसडीआरएफ और पुलिस ने 6 दिन तक शव की तलाश में गंगा में सर्च अभियान चलाया, लेकिन शव नहीं मिला. 25 सितंबर 2022 को दुबग्गा के जेहटा गांव के प्रापर्टी डीलर विशाल गौतम की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने लेनदेन के विवाद में हत्या का खुलासा करते हुए सात आरोपियों को जेल भेजा था. हालांकि पुलिस शव आजतक बरामद नहीं कर सकी है. आरोपियों ने हत्या के बाद शव हरदोई में नदी में फेकने की बात कबूल की थी. 26 अगस्त 2022 को गुडंबा इलाके में सोनी तिवारी नामक युवती की हत्या कर शव नहर में फेंकने की बात समाने आई थी. पुलिस ने आरोपी द्वारा बताए स्थान पर बहराइच में नदी में शव कई दिन तक तलाशा, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट (Lucknow Police Commissionerate) का मानना है कि उनके सामने ये घटनाएं एक चुनौती हैं. इन हत्याओं के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए टीम लगातार काम कर रही हैं. डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक (DCP Aparna Rajat Kaushik) कहती हैं कि वर्ष 2022 में 115 हत्याओं में 111 को सफल खुलासा कर लिया गया था, लेकिन जिन्हें हमारी टीम नहीं खोल सकी उनका खुलासा करने के लिए दोगुनी ताकत से हम काम कर खुलासा करेंगे. घटनाओं के खुलासे के लिए लखनऊ पुलिस लगातार सक्रियता (Lucknow police continuously active) से काम कर रही है.

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी भाजपा की पहली बड़ी बैठक का आगाज, बन रही बड़ी रणनीति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.