लखनऊ: यूपी के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने जल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की जल नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह जल नीति दूरगामी, सुविचारित तथा कारगर होनी चाहिए, जिससे जनता को लगे कि यह उसके सोच के आधार पर तैयार की गई है.
प्रदेश सरकार के जल मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा कि जल नीति को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी 2021 तक लांच हो जाना चाहिए. जल मंत्री राजधानी के सिंचाई विभाग के मुख्यालय स्थित सभागार में प्रस्तावित नई जल नीति का प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के उपरान्त अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नदियों के जीर्णोंद्धार, पुनरोद्धार का कार्य भी जल नीति में शामिल होना चाहिए. जल नीति को जन-नीति तक पहुंचाना है, इसलिए इसमें किसान, व्यापारी, आम जनता तथा जन प्रतिनिधियों की भागीदारी भी होनी चाहिए.
दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण के लिए 833.254 लाख स्वीकृत
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में डेयरी विकास के लिए दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने की योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 833.254 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है. जिन जिलों के लिए यह धनराशि मंजूर की गई है, उनमें आगरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन (उरई), हमीरपुर, महोबा, बांदा, लखनऊ, लखीमपुर-खीरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, मेरठ, रामपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बहराइच तथा गोंडा शामिल हैं.
किसानों की सुविधा के लिए आठ भंडार गृह शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य भण्डारण निगम के तत्वावधान में भण्डारा गृह विकास एवं विनियामक प्राधिकरण में पंजीकृत भण्डार गृहों, पनकी, मथुरा, जालौन, डिबाई, कालपी, नवीन मण्डी मेरठ, खैर तथा बहजोई भण्डारगृहों को संचालित किया है. जिससे किसानों की आय को दोगुना किया जा सकेगा. इन भण्डारगृहों के चालू हो जाने से किसानों को अपने उपज की भण्डारण की सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं.
अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 30 करोड़ स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अर्जुन सहायक पुनरीक्षित परियोजना के लिए 30 करोड़ रुपये मात्र परियोजना के कार्यों के लिए स्वीकृति की गई है. इस धनराशि को प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के निवर्तन पर रखा गया है. बताते चलें कि प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रही है.