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लखनऊ में आवास विकास की दो नई टाउनशिप को मंजूरी, वाराणसी में 929 एकड़ में विकसित होगी काशीद्वार आवास योजना

वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के क्रम में 929 एकड़ में काशीद्वार आवास योजना विकसित (Kashidwar Housing Scheme) की जाएगी. इसके लिए एयरपोर्ट के पास वाले 10 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा. इसके अलावा लखनऊ में दो आवासीय योजनाओं को मंजूरी दी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 10:47 PM IST

लखनऊ : पर्यटन के पटल पर चमक रही काशी में आवास विकास परिषद 929 एकड़ में नई आवासीय योजना विकसित करेगा. वाराणसी में नई टाउनशिप के लिए आवास विकास परिषद ने अपनी योजना तैयार की है. इसके लिए 10 गांवों में नई टाउनशिप विकसित करने के लिए जमीन चिन्हित की है. वाराणसी एयरपोर्ट के पास 374.27 हेक्टेअर में काशीद्वार भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना नाम से इस योजना पर काम भी शुरू हो गया है. इसके साथ ही आवास विकास की जीटी रोड योजना के लिए नए मार्ग के निर्माण के लिए भी मंजूरी मिल गई है. इस सम्बंध में बुधवार को प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में आवास विकास परिषद की 262वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया. इसके अलावा बैठक में लखनऊ में दो आवासीय योजनाओं को मंजूरी सहित कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी.


अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को देखते हुए एयरपोर्ट से 3 किलोमीटर की दूरी पर परिषद ने 374.27 हेक्टेअर में नई आवासीय योजना लांच करने की तैयारी की है. इसके लिए 10 ग्रामों की आंशिक भूमि को सम्मिलित करते हुए अधिग्रहण का प्रस्ताव बोर्ड ने पास कर दिया है. ग्राम समोगरा के 71, कैथोली के 123, चकइन्दर के 112, पुरारधुनाथपुर के 115, बसनी के 152, बहुतरा के 203 तथा जद्दूपुर के 124 गांवों के खसरों को मिलाकर कुल 1572 खसरों की 374.427 हेक्टेअर भूमि योजना में अधिगृहण के लिए प्रस्तावित है. इसमें 45.419 हेक्टेअर भूमि ग्राम सभा की भूमि के रूप में दर्ज है व 0.887 हेक्टेअर भूमि आबादी के रूप में दर्ज है.


जीटी रोड से जोड़ने के लिए निबिया के पास बनेगा नया रोड
परिषद की जीटी रोड बाईपास से योजना क्षेत्र तक पहुंच मार्ग मिलने में कठिनाई होती है. इसे देखते हुए एक नए मार्ग से जोड़ेगा. इससे यह योजना सीधे जीटी रोड से जुड़ जाएगी. योजना का पहुंच मार्ग और अच्छा हो जाएगा. इसके लिए निबिया गांव से पहुंच मार्ग के लिए कुल 26 खसरों की 4.8410 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी.

आवासीय योजनाओं को मंजूरी.
आवासीय योजनाओं को मंजूरी.

सचिव ने बताया कि बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के पुररुद्धार के बाद वाराणसी शहर में दर्शानार्थियों व इस शहर में रहने के इच्छुक लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. वाराणसी में आवासीय मांग को देखते हुए योजना संचालित किया जाने का बोर्ड ने स्वीकृति दी है. सबसे बड़ी आवासीय योजना में अलग अलग व्यावसायिक गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा. इस योजना में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होटल, मॉल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों का भी संचालन किया जाएग. इस योजना की काशी मंदिर से दूरी 30 किमी है जबकि रेलवे से 25 व बस स्टेशन से 27 किमी दूरी हैय जिला चिकित्सालय से 25.50 व कलेक्ट्रेट से 25 तथा उदय प्रताप डिग्री कॉलेज से 20 किलोमीटर दूर है. आवास विकास परिषद की ओर से बसाई जाने वाली टाउनशिप में अलग अलग क्षेत्र अधिसूचित किए जाएंगे. इसमें विकासकतार्ओं की मदद से बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की भी योजना है. इसके अलावा कुछ इलाकों में भी भूखंड भी आवंटित किए जाएंगे. साथ ही होटल, मॉल, रेस्टोरेंट सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जमीनें मुहैया कराई जाएंगी.

उन्नाव के लिए आवासीय योजना को मंजूरी.
उन्नाव के लिए आवासीय योजना को मंजूरी.


उप्र आवास विकास परिषद के मुख्यालय में निदेशक मंडल की बैठक में भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-01 मोहनलालगंज लखनऊ प्रस्तावित की गई. जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी. अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ला के अनुसार यह टाउनशिप पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे विकसित होगी. जिसके अन्तर्गत ग्राम चांद सराय, कासिमपुर बिरूहा, हबुआपुर, मोअज्जम नगर, सठवारा, सिद्धपुरा, भटवारा, पहाड़नगर टिकरिया, कबीरपुर, मगहुआ तथा बेली की 844.00 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी. करीब 10 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे. धारा-28 की नोटिस सात दिन में कर दी जाएगी. इसके बाद किसानों से संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. 29 लाख रुपये प्रति हेक्टेअर सर्किल रेट के आधार पर मुआवजे की रकम तय होगी.

वाराणसी में आवासीय योजनाओं को मंजूरी.
वाराणसी में आवासीय योजनाओं को मंजूरी.



मेट्रो कॉरिडोर के पास टीओडी जोन घोषित, मिश्रित भू उपयोग को हरी झंडी


आवास विकास अपनी इंदिरा नगर व वसुंधरा योजना गाजियाबाद में ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट स्कीम को लागू करेगा. इससे जुड़े प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास कर दिया है. इसके पास होने से मेट्रो रूट पर इंदिरानगर की आवास विकास कॉलोनी में मेट्रो कॉरिडोर से 500-500 मीटर की दूरी पर मिश्रित भू उपयोग किया जा सकेगा. लेखराज मेट्रो स्टेशन इंदिरा नगर सेक्टर ए ब्लाॅक से एचएएल होते हुए मुंशीपुलिया तक आवास विकास की काॅलोनी में मेट्रो रूट के किनारे आवासीय मकानों पर व्यावसायिक निर्माण हो सकेंगे. भूमि यहां के सेक्टर 4, 5, 6 व 7 का 152.27 हेक्टेयर, सेक्टर 1, 15, 16 का 78.34 हेक्टेयर तथा सेक्टर 8, 12, 13 व 14 का 74.74 हेक्टेयर क्षेत्रफल टीओडी जोन घोषित कर दिया गया है.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.

इसी तरह वसुंधरा योजना के सेक्टर-7 और 8 में 80 एकड़ भूमि के पार्सल पर मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब विकसित की योजना बनाई गई है. हाउसिंग बोर्ड के मुख्य वास्तुकार और नगर नियोजक संजीव कश्यप के मुताबिक ये हब न केवल रैपिडएक्स कॉरिडोर के पास होगा, बल्कि दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर वैशाली मेट्रो स्टेशन भी इन सेक्टरों से 3 किमी से कम दूरी पर होगी. सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए एक एक शानदार मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब की योजना तैयार की गई है. ये सभी टीओडी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. वसुंधरा के अन्य क्षेत्रों अपेक्षा पिछले कुछ वर्षों में यहां पर काफी विकास हुआ है. हाउसिंग बोर्ड ने 661.72 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाकर 5 करने का प्रस्ताव दिया है. इस समय वसुंधरा टाउनशिप में एफएआर 1.5 और 4 के बीच है. मेट्रो लाइन के पास इस भूमि को मिश्रित उपयोग श्रेणी के लिए हरी झंडी मिल गई है. जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयां शामिल होंगी. इसे मास्टर प्लान में भी चिहांकन किया जाएगा.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.


मुंंशी पुलिया के पास बनेगा फ्लैट कम काॅमर्शियल काम्प्लेक्स


मुंशी पुलिया स्थित सेक्टर एक, 16 सेक्टर 14 के आसपास के लेआउट में बदलाव होगा. यहां 8.23 एकड़ भूमि का आवास विकास नए सिरे से विकास करेगा. यहां आवासीय फ्लैट कम शॉपिंग कांपलेक्स बनेगा. यूपी में मेट्रो स्टेशन के पास इस तरह की पहली योजना आवास विकास विकसित करने जा रहा है. बोर्ड ने परिषद अधिनयम 1965 की धारा-28 के अनुसार 8.23 एकड़ भूमि को पुन: चिन्हांकित व अधिसूचित कर पुनर्विकास किए जाने का निर्णय लिया है. नगर नियोजक संजीव कश्यप ने बताया कि यह इस तरह की पहली योजना होगी. यहां रहने वालों से परिषद बात करेगी. उन्हें किराये पर दूसरी जगह रहने के लिए ऑफर दिया जाएगा. उनकी सहमति पर यहां समायोजित भी किए जाने पर विचार किया जाएगा. इसे इस तरह से विकसित किया जाएगा कि काॅमर्शियल कॉप्लेक्स को सीधे मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा. इंदिरानगर में सेक्टर 16 में आवास विकास की पुरानी कॉलोनी है. आवास विकास ने राज्य संपति विभाग को लीज पर मकान दिए थे. अब इन मकानों को तोड़ा जाएगा. यहां कुल 49 मकान, कम्युनिटी सेंटर, एक पंप हाउस तथा एक मंदिर है. छह दुकानें और तीन कॉमर्शियल प्लॉट भी हैं.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.



525 अनावासीय व आवासीय सम्पत्तियों के न बिकने से फंसे 3500 करोड़


आवास विकास की विभिन्न योजनाओं में 525 अनावासीय व आवासीय सम्पत्तियों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. नीलामी प्रक्रिया के अर्न्तगत अनावासीय व आवासीय संपत्तियों को टू-बिड के तहत 10 बार से अधिक एवं 5 वर्ष तक नीलामी में लगाया गया. इसके बाद भी इनका निस्तारण नहीं हो सका है. इस वजह से आवास विकास का करीब 3452 करोड़ रुपये इन संपत्तियों के न बिकने की वजह से फंसा है. अब इस रकम को निकालने के लिए एकल बिड आने पर भी नीलामीकर्ता को अनुमोदन प्रदान कर दिया जाएगा. अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि इसके लिए मार्च 2016 में बनी नियमावली को संशोधित किया गया है. इसमें एकल बिड स्वीकृति के प्रस्ताव का अनुमोदन एवं किश्तों का पुर्ननिर्धारण, अतिरिक्त भूमि आवंटन, कब्जा, पुर्नबहाली, एवं परिषद योजनाओं में सीएनजी पम्प, इलेक्ट्रिक चार्जिग स्टेशन संबंधी भूखण्डों का सृजन एवं जन मानस के लिए नामान्तरण प्रकिया का सरलीकरण किया गया है. इसके अलावा जिन योजनाओं में किसी वजह से आवंटी को कब्जा नहीं दिया जा सकेगा. आवंटी को 8 प्रतिशत की दर से पैसा देकर संपत्ति वापस ले ली जाएगी. पुर्नबहाली की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है. दो महीने में आवेदन करना होगा. इसके बाद संपत्ति को नीलामी में लगा दिया जाएगा.


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यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना की 66 परियोजनाएं के 6491 आवासों का निर्माण निरस्त

लखनऊ : पर्यटन के पटल पर चमक रही काशी में आवास विकास परिषद 929 एकड़ में नई आवासीय योजना विकसित करेगा. वाराणसी में नई टाउनशिप के लिए आवास विकास परिषद ने अपनी योजना तैयार की है. इसके लिए 10 गांवों में नई टाउनशिप विकसित करने के लिए जमीन चिन्हित की है. वाराणसी एयरपोर्ट के पास 374.27 हेक्टेअर में काशीद्वार भूमि विकास गृहस्थान एवं बाजार योजना नाम से इस योजना पर काम भी शुरू हो गया है. इसके साथ ही आवास विकास की जीटी रोड योजना के लिए नए मार्ग के निर्माण के लिए भी मंजूरी मिल गई है. इस सम्बंध में बुधवार को प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में आवास विकास परिषद की 262वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया. इसके अलावा बैठक में लखनऊ में दो आवासीय योजनाओं को मंजूरी सहित कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी.


अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को देखते हुए एयरपोर्ट से 3 किलोमीटर की दूरी पर परिषद ने 374.27 हेक्टेअर में नई आवासीय योजना लांच करने की तैयारी की है. इसके लिए 10 ग्रामों की आंशिक भूमि को सम्मिलित करते हुए अधिग्रहण का प्रस्ताव बोर्ड ने पास कर दिया है. ग्राम समोगरा के 71, कैथोली के 123, चकइन्दर के 112, पुरारधुनाथपुर के 115, बसनी के 152, बहुतरा के 203 तथा जद्दूपुर के 124 गांवों के खसरों को मिलाकर कुल 1572 खसरों की 374.427 हेक्टेअर भूमि योजना में अधिगृहण के लिए प्रस्तावित है. इसमें 45.419 हेक्टेअर भूमि ग्राम सभा की भूमि के रूप में दर्ज है व 0.887 हेक्टेअर भूमि आबादी के रूप में दर्ज है.


जीटी रोड से जोड़ने के लिए निबिया के पास बनेगा नया रोड
परिषद की जीटी रोड बाईपास से योजना क्षेत्र तक पहुंच मार्ग मिलने में कठिनाई होती है. इसे देखते हुए एक नए मार्ग से जोड़ेगा. इससे यह योजना सीधे जीटी रोड से जुड़ जाएगी. योजना का पहुंच मार्ग और अच्छा हो जाएगा. इसके लिए निबिया गांव से पहुंच मार्ग के लिए कुल 26 खसरों की 4.8410 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी.

आवासीय योजनाओं को मंजूरी.
आवासीय योजनाओं को मंजूरी.

सचिव ने बताया कि बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के पुररुद्धार के बाद वाराणसी शहर में दर्शानार्थियों व इस शहर में रहने के इच्छुक लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. वाराणसी में आवासीय मांग को देखते हुए योजना संचालित किया जाने का बोर्ड ने स्वीकृति दी है. सबसे बड़ी आवासीय योजना में अलग अलग व्यावसायिक गतिविधियों को भी शामिल किया जाएगा. इस योजना में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होटल, मॉल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों का भी संचालन किया जाएग. इस योजना की काशी मंदिर से दूरी 30 किमी है जबकि रेलवे से 25 व बस स्टेशन से 27 किमी दूरी हैय जिला चिकित्सालय से 25.50 व कलेक्ट्रेट से 25 तथा उदय प्रताप डिग्री कॉलेज से 20 किलोमीटर दूर है. आवास विकास परिषद की ओर से बसाई जाने वाली टाउनशिप में अलग अलग क्षेत्र अधिसूचित किए जाएंगे. इसमें विकासकतार्ओं की मदद से बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की भी योजना है. इसके अलावा कुछ इलाकों में भी भूखंड भी आवंटित किए जाएंगे. साथ ही होटल, मॉल, रेस्टोरेंट सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जमीनें मुहैया कराई जाएंगी.

उन्नाव के लिए आवासीय योजना को मंजूरी.
उन्नाव के लिए आवासीय योजना को मंजूरी.


उप्र आवास विकास परिषद के मुख्यालय में निदेशक मंडल की बैठक में भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-01 मोहनलालगंज लखनऊ प्रस्तावित की गई. जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी. अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ला के अनुसार यह टाउनशिप पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे विकसित होगी. जिसके अन्तर्गत ग्राम चांद सराय, कासिमपुर बिरूहा, हबुआपुर, मोअज्जम नगर, सठवारा, सिद्धपुरा, भटवारा, पहाड़नगर टिकरिया, कबीरपुर, मगहुआ तथा बेली की 844.00 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी. करीब 10 हजार करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे. धारा-28 की नोटिस सात दिन में कर दी जाएगी. इसके बाद किसानों से संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. 29 लाख रुपये प्रति हेक्टेअर सर्किल रेट के आधार पर मुआवजे की रकम तय होगी.

वाराणसी में आवासीय योजनाओं को मंजूरी.
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मेट्रो कॉरिडोर के पास टीओडी जोन घोषित, मिश्रित भू उपयोग को हरी झंडी


आवास विकास अपनी इंदिरा नगर व वसुंधरा योजना गाजियाबाद में ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट स्कीम को लागू करेगा. इससे जुड़े प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास कर दिया है. इसके पास होने से मेट्रो रूट पर इंदिरानगर की आवास विकास कॉलोनी में मेट्रो कॉरिडोर से 500-500 मीटर की दूरी पर मिश्रित भू उपयोग किया जा सकेगा. लेखराज मेट्रो स्टेशन इंदिरा नगर सेक्टर ए ब्लाॅक से एचएएल होते हुए मुंशीपुलिया तक आवास विकास की काॅलोनी में मेट्रो रूट के किनारे आवासीय मकानों पर व्यावसायिक निर्माण हो सकेंगे. भूमि यहां के सेक्टर 4, 5, 6 व 7 का 152.27 हेक्टेयर, सेक्टर 1, 15, 16 का 78.34 हेक्टेयर तथा सेक्टर 8, 12, 13 व 14 का 74.74 हेक्टेयर क्षेत्रफल टीओडी जोन घोषित कर दिया गया है.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.

इसी तरह वसुंधरा योजना के सेक्टर-7 और 8 में 80 एकड़ भूमि के पार्सल पर मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब विकसित की योजना बनाई गई है. हाउसिंग बोर्ड के मुख्य वास्तुकार और नगर नियोजक संजीव कश्यप के मुताबिक ये हब न केवल रैपिडएक्स कॉरिडोर के पास होगा, बल्कि दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर वैशाली मेट्रो स्टेशन भी इन सेक्टरों से 3 किमी से कम दूरी पर होगी. सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए एक एक शानदार मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब की योजना तैयार की गई है. ये सभी टीओडी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. वसुंधरा के अन्य क्षेत्रों अपेक्षा पिछले कुछ वर्षों में यहां पर काफी विकास हुआ है. हाउसिंग बोर्ड ने 661.72 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को बढ़ाकर 5 करने का प्रस्ताव दिया है. इस समय वसुंधरा टाउनशिप में एफएआर 1.5 और 4 के बीच है. मेट्रो लाइन के पास इस भूमि को मिश्रित उपयोग श्रेणी के लिए हरी झंडी मिल गई है. जिसमें आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयां शामिल होंगी. इसे मास्टर प्लान में भी चिहांकन किया जाएगा.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.


मुंंशी पुलिया के पास बनेगा फ्लैट कम काॅमर्शियल काम्प्लेक्स


मुंशी पुलिया स्थित सेक्टर एक, 16 सेक्टर 14 के आसपास के लेआउट में बदलाव होगा. यहां 8.23 एकड़ भूमि का आवास विकास नए सिरे से विकास करेगा. यहां आवासीय फ्लैट कम शॉपिंग कांपलेक्स बनेगा. यूपी में मेट्रो स्टेशन के पास इस तरह की पहली योजना आवास विकास विकसित करने जा रहा है. बोर्ड ने परिषद अधिनयम 1965 की धारा-28 के अनुसार 8.23 एकड़ भूमि को पुन: चिन्हांकित व अधिसूचित कर पुनर्विकास किए जाने का निर्णय लिया है. नगर नियोजक संजीव कश्यप ने बताया कि यह इस तरह की पहली योजना होगी. यहां रहने वालों से परिषद बात करेगी. उन्हें किराये पर दूसरी जगह रहने के लिए ऑफर दिया जाएगा. उनकी सहमति पर यहां समायोजित भी किए जाने पर विचार किया जाएगा. इसे इस तरह से विकसित किया जाएगा कि काॅमर्शियल कॉप्लेक्स को सीधे मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा. इंदिरानगर में सेक्टर 16 में आवास विकास की पुरानी कॉलोनी है. आवास विकास ने राज्य संपति विभाग को लीज पर मकान दिए थे. अब इन मकानों को तोड़ा जाएगा. यहां कुल 49 मकान, कम्युनिटी सेंटर, एक पंप हाउस तथा एक मंदिर है. छह दुकानें और तीन कॉमर्शियल प्लॉट भी हैं.

यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.
यूपी की आवास योजनाओं को मंजूरी.



525 अनावासीय व आवासीय सम्पत्तियों के न बिकने से फंसे 3500 करोड़


आवास विकास की विभिन्न योजनाओं में 525 अनावासीय व आवासीय सम्पत्तियों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. नीलामी प्रक्रिया के अर्न्तगत अनावासीय व आवासीय संपत्तियों को टू-बिड के तहत 10 बार से अधिक एवं 5 वर्ष तक नीलामी में लगाया गया. इसके बाद भी इनका निस्तारण नहीं हो सका है. इस वजह से आवास विकास का करीब 3452 करोड़ रुपये इन संपत्तियों के न बिकने की वजह से फंसा है. अब इस रकम को निकालने के लिए एकल बिड आने पर भी नीलामीकर्ता को अनुमोदन प्रदान कर दिया जाएगा. अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि इसके लिए मार्च 2016 में बनी नियमावली को संशोधित किया गया है. इसमें एकल बिड स्वीकृति के प्रस्ताव का अनुमोदन एवं किश्तों का पुर्ननिर्धारण, अतिरिक्त भूमि आवंटन, कब्जा, पुर्नबहाली, एवं परिषद योजनाओं में सीएनजी पम्प, इलेक्ट्रिक चार्जिग स्टेशन संबंधी भूखण्डों का सृजन एवं जन मानस के लिए नामान्तरण प्रकिया का सरलीकरण किया गया है. इसके अलावा जिन योजनाओं में किसी वजह से आवंटी को कब्जा नहीं दिया जा सकेगा. आवंटी को 8 प्रतिशत की दर से पैसा देकर संपत्ति वापस ले ली जाएगी. पुर्नबहाली की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है. दो महीने में आवेदन करना होगा. इसके बाद संपत्ति को नीलामी में लगा दिया जाएगा.


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