लखनऊ: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये आवासीय क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये के खर्च कर प्रदेश के हर जिले में नई कॉलोनी और शापिंग मॉल बनाए जाएंगे. बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर और कुशीनगर जैसे जिलों में भी मॉल कल्चर विकसित होगा. जिसके बाद में पलायन रुकेगा. यही नहीं इन जिलों में कई आवासीय कालोनियां बनेंगी. जिनके जरिए अपार्टमेंट कल्चर भी छोटे जिलों में बढ़ जाएगा. आवास विभाग का दावा है कि अभी जो एमओयू हो रहे हैं, उनमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आते-आते 25 फीसदी की वृद्धि भी संभव है. अकेले लखनऊ में ही करीब 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. जिसमें से 16000 करोड रुपये के एमओयू हो चुके हैं.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से हर विभाग को अलग अलग अलग दिए गए हैं. जिसमें आवास विभाग के बड़ा लक्ष्य है. अलग-अलग समिति के माध्यम से इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. निवेश सारथी ऐप के माध्यम से निवेशक रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और लगातार एमओयू हो रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अब तक विभिन्न कंपनियां 16000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव अनुमोदित कर चुकी हैं. शालीमार ग्रुप के खालिद मसूद व शिवजनम चौधरी को 2,032 करोड़ रुपये, ओमैक्स ग्रुप के मुकेश चौधरी को 1500 करोड़ रुपये, अमरावती होम्स के रवि पाण्डेय व रजनीकांत मिश्रा को 1400 करोड़ रुपये, रिशिता डेवलपर्स के सुधीर अग्रवाल को 903 करोड़ रूपये व सैफायर ग्रुप के मोहम्मद कमाल को 226 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है.
छोटे जिलों से भी हो रहा है हजारों करोड़ का निवेशः उन्होंने बताया कि सीतापुर से 3 हजार करोड़ का निवेश, श्रावस्ती में 2 हजार करोड़, कुशीनगर में एक हजार करोड़, देवरिया से 5 सौ करोड़, बाराबंकी से 4 हजार करोड़, मुजफ्फरनगर से ढाई हजार करोड़, बिजनौर से 700 करोड़ और ऐसे ही लगभग हर छोटे बड़े जिले से निवेश आ रहे हैं.
इस तरह की होंगी योजनाएं विकसितः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने बताया कि मुख्य तौर से आवास विभाग के निवेश के जरिए आवासीय कालोनियां, रेजिडेंशियल कमर्शियल कांप्लेक्स और शॉपिंग मॉल के प्रस्ताव आ रहे हैं. हर जिले में नए शॉपिंग माल बनने से शहरों का नए सिरे से विकास अगले 3 साल में हो जाएगा. लोगों को इस तरह के आकर्षण का गवाह बनने के लिए दूसरे जिलों में जाना नहीं पड़ेगा. जिससे शहरीकरण का एक नया आयाम देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर यह डबल इंजन की सरकार का प्रभाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश का विकास हर स्तर पर हो रहा है. बड़े शहरों से लेकर छोटे जिलों तक और वहां से गांव तक विकास की राह जा रही है. यह विकास और निवेश उन लोगों के मुंह पर एक करारा तमाचा है जो कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में विकास नहीं हो रहा.
Global Investors Summit: यूपी के हर जिले में विकसित होगा मॉल कल्चर, बनेंगे शापिंग मॉल और आवासीय कॉलोनी - Bharatiya Janata Party
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) के करोड़ों रुपये खर्च कर हर जिले में नई कॉलोनी और शापिंग मॉल बनाए जाएंगे.
लखनऊ: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये आवासीय क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये के खर्च कर प्रदेश के हर जिले में नई कॉलोनी और शापिंग मॉल बनाए जाएंगे. बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर और कुशीनगर जैसे जिलों में भी मॉल कल्चर विकसित होगा. जिसके बाद में पलायन रुकेगा. यही नहीं इन जिलों में कई आवासीय कालोनियां बनेंगी. जिनके जरिए अपार्टमेंट कल्चर भी छोटे जिलों में बढ़ जाएगा. आवास विभाग का दावा है कि अभी जो एमओयू हो रहे हैं, उनमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आते-आते 25 फीसदी की वृद्धि भी संभव है. अकेले लखनऊ में ही करीब 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है. जिसमें से 16000 करोड रुपये के एमओयू हो चुके हैं.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से हर विभाग को अलग अलग अलग दिए गए हैं. जिसमें आवास विभाग के बड़ा लक्ष्य है. अलग-अलग समिति के माध्यम से इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. निवेश सारथी ऐप के माध्यम से निवेशक रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं और लगातार एमओयू हो रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अब तक विभिन्न कंपनियां 16000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव अनुमोदित कर चुकी हैं. शालीमार ग्रुप के खालिद मसूद व शिवजनम चौधरी को 2,032 करोड़ रुपये, ओमैक्स ग्रुप के मुकेश चौधरी को 1500 करोड़ रुपये, अमरावती होम्स के रवि पाण्डेय व रजनीकांत मिश्रा को 1400 करोड़ रुपये, रिशिता डेवलपर्स के सुधीर अग्रवाल को 903 करोड़ रूपये व सैफायर ग्रुप के मोहम्मद कमाल को 226 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है.
छोटे जिलों से भी हो रहा है हजारों करोड़ का निवेशः उन्होंने बताया कि सीतापुर से 3 हजार करोड़ का निवेश, श्रावस्ती में 2 हजार करोड़, कुशीनगर में एक हजार करोड़, देवरिया से 5 सौ करोड़, बाराबंकी से 4 हजार करोड़, मुजफ्फरनगर से ढाई हजार करोड़, बिजनौर से 700 करोड़ और ऐसे ही लगभग हर छोटे बड़े जिले से निवेश आ रहे हैं.
इस तरह की होंगी योजनाएं विकसितः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने बताया कि मुख्य तौर से आवास विभाग के निवेश के जरिए आवासीय कालोनियां, रेजिडेंशियल कमर्शियल कांप्लेक्स और शॉपिंग मॉल के प्रस्ताव आ रहे हैं. हर जिले में नए शॉपिंग माल बनने से शहरों का नए सिरे से विकास अगले 3 साल में हो जाएगा. लोगों को इस तरह के आकर्षण का गवाह बनने के लिए दूसरे जिलों में जाना नहीं पड़ेगा. जिससे शहरीकरण का एक नया आयाम देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर यह डबल इंजन की सरकार का प्रभाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश का विकास हर स्तर पर हो रहा है. बड़े शहरों से लेकर छोटे जिलों तक और वहां से गांव तक विकास की राह जा रही है. यह विकास और निवेश उन लोगों के मुंह पर एक करारा तमाचा है जो कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में विकास नहीं हो रहा.