लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार मंगलवार को विधानसभा में अपना चौथा बजट पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ का बजट पेश किया. इसमें 10 हजार 967 करोड़ की नई योजनाएं शामिल हैं. 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास व 2019-20 का बजट महिला सशक्तीकरण करने वाला था.
2020-21 का बजट युवाओं की शिक्षा, संवर्धन और रोजगार को समर्पित है. इस बजट में प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना और युवा उद्यमिता विकास अभियान योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ मासिक प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा. कुल भत्ते में 1500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि केंद्र सरकार द्वारा, एक हजार रुपए प्रतिमाह राज्य सरकार द्वारा व शेष राशि संबंधित उद्योग द्वारा दी जाएगी. मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के संचालन से प्रदेश के उद्योगों को कुशल कारीगर व युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ रोजगार भी मिलेगा. इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा कई नई योजनाएं भी चलाई जाएंगी.
बजट में शामिल नई योजनाएं
- वृद्धावस्था / किसान पेंशन योजना हेतु 1 हजार 459 करोड़ रुपए की व्यवस्था.
- राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1 हजार 251 करोड़ रुपये
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये.
- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 250 करोड़ रुपये.
- पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं हेतु छात्रवर्ती योजना के लिए 1 हजार 375 करोड़ रुपये.
दिव्यांगजन कल्याण
- दिव्यांग पेंशन योजना के लिए 621 करोड़ रुपये.
- सभी 75 जिलों में शिविर लगाकर दिव्यांगजन को सुविधा के लिए 37 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
आवास एवं नगर विकास
- दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्य प्रगति में है. इसके लिए 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 286 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- गोरखपुर तथा अन्य शहरों के लिए मेट्रो रेल हेतु प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल की स्थापना हेतु 50 करोड़ की व्यवस्था