लखनऊ: यूपी में अब जिन लोगों के दो के ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें की सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है. जी हां नई जनसंख्या नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है. राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नीति को लेकर करीब 260 पेज का पूरा ड्राफ्ट बनाया है. राज्य विधि आयोग की तरफ से जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनसंख्या नीति का प्रस्तावित ड्राफ्ट सौंपा जा सकता है.
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति को लेकर राज्य विधि आयोग ने 19 जुलाई तक प्रदेशवासियों से आपत्तियां और सुझाव मांगे थे. अब पूरा प्रस्तावित ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. नई जनसंख्या नीति के मसौदे में मुख्य रूप से वन चाइल्ड पॉलिसी की बात कही गई है. वहीं 2 से अधिक बच्चों के होने पर माता-पिता को भी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने का प्रावधान रखा गया है.
जल्द ही पेश किया जाएगा ड्राफ्ट
राज्य विधि आयोग को नई जनसंख्या नीति को लेकर करीब 8500 से ज्यादा सुझाव और आपत्तियां मिली हैं. इसको लेकर करीब 260 पेज का पूरा ड्राफ्ट बनाया है और इसमें विभिन्न वर्गों की तरफ से आए सुझावों और आपत्तियों को शामिल किया गया है. जल्द ही नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट सबके सामने पेश किया जाएगा. विधि आयोग की तरफ से इस जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपने की तैयारी है. नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में मान्य और अमान्य प्रस्तावों को रखते हुए उनकी विधिक स्थिति भी स्पष्ट की गई है. इसमें विधायक और सांसदों के निर्वाचन को लेकर 2 से अधिक बच्चे होने की स्थिति में उनके चुनाव लड़ने को लेकर राज्य सरकार द्वारा कानून नहीं बनाने की बात भी कही गई है. इस नीति में दो से अधिक बच्चे होने पर सांसद और विधायक का चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का अधिकार भी केंद्र सरकार के पास है. सूत्रों का दावा है कि नई जनसंख्या नीति के मसौदे को सरकार के पास आने के बाद उसे 17 अगस्त से प्रस्तावित विधानसभा के सत्र में भी पेश किया जा सकता है.
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देश के अन्य हिस्सों से भी आए सुझाव
इसके अलावा इस नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में 3 संतान होने पर उन्हें सरकारी सुविधाओं में छूट दिए जाने की बात भी कही गई है. इसके अलावा भी जो अन्य सुझाव और आपत्तियां आए हैं, उनमें तमाम तरह की बातें है. आयोग की तरफ से सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के अन्य हिस्सों से भी इस नई जनसंख्या नीति को लेकर सुझाव आए हैं. अब राज्य विधि आयोग की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह मसौदा जल्द ही सौंपा जा सकता है, जिसके बाद सरकार के स्तर पर आगे की कार्रवाई करते हुए इसे विधानसभा के सत्र में पेश किया जा सकता है.
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बता दें कि विश्व जनसंख्या दिवस-2021 के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 का एलान किया था. इस नीति के माध्यम से प्रदेश की जनसंख्या को स्टेबल करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए यूपी सरकार ने 19 जुलाई तक जनता से सुझाव भी मांगे थे.