लखनऊ : समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए नया पोर्टल (New portal ready of social welfare department) तैयार किया है. विभाग की ओर से पोर्टल के ट्रायल रन की प्रक्रिया अगले दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद छात्रवृत्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी. समाज कल्याण विभाग ने इस साल से सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया है. उसी के आधार पर बोर्ड ने अपना नया पोर्टल तैयार किया है. समाज कल्याण विभाग इस वर्ष 25 लाख से अधिक विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप की लाभ देने की तैयारी में है. विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगर पोर्टल ट्रायल ठीक रहा तो 24 अक्टूबर के स्कॉलरशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
डिजिलॉकर व एनपीसीआई से जोड़ा गया है नया पोर्टल : समाज कल्याण विभाग में स्कॉलरशिप देने के लिए अपने नियम में बदलाव किया है. विभाग ने यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड व आईसीएसई बोर्ड के छात्रों के अंक प्रमाणित करने के लिए डिजिलॉकर की मदद ले रहा है. विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'जो पोर्टल तैयार किया गया है उसमें इस बार आवेदन पत्र भरने में विद्यार्थियों को अपना निजी विवरण नहीं भरना होगा. आधार के नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि आदि जानकारी उनके आधार से स्वयं ही पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा. इसके अलावा सभी बोर्ड से बच्चों के प्राप्तांक ऑनलाइन प्राप्त करने के लिए विभाग ने अपने पोर्टल को डिग्री लाकर से जोड़ा है. जिससे आवेदन के समय प्राप्तांक भरने में छात्रों से होने वाली गलतियों को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है. विभाग ने इसी को देखते हुए डिजिलॉकर और एनपीसीआई के पोर्टल से अपने नए पोर्टल को जोड़ दिया है. जिससे उच्च शिक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्रों के डाटा का सही से मिलन हो सके.'
समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया में हर साल लाखों विद्यार्थी शामिल होते हैं. आवेदन प्रक्रिया में लाखों विद्यार्थी अपनी निजी जानकारी सहित प्राप्तांक भरने में गलतियां करते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए समाज कल्याण विभाग ने विद्यार्थियों के आवेदन को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट से जोड़ दिया है. जिससे विद्यार्थी केवल अपना नाम और आधार जैसे ही भरेगा. पोर्टल खुद ही उनके रिकॉर्ड से सारा डाटा उठा लेगा और फॉर्म अपडेट कर देगा. ऐसे में आवेदन प्रक्रिया में होने वाली गलतियों की संख्या को लगभग समाप्त करने की तैयारी विभाग की ओर से की गई है, जिससे समय रहते बच्चों को उनके खाते में छात्रवृत्ति दी जा सके.'