ETV Bharat / state

Court News : ट्यूबवेल ऑपरेटरों पर नई पेंशन स्कीम ही होगी लागू, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

हाईकोर्ट (Court News) ने वर्ष 1987 से 1994 के बीच नियुक्त हुए ट्यूबवेल ऑपरेटरों की याचिकाओं पर फैसला सुनाया है, वहीं सैकड़ों ऑपरेटरों की कुल 144 याचिकाओं को निस्तारित किया गया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 9:15 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सैकड़ों ट्यूबवेल ऑपरेटरों की ओर से दाखिल कुल 144 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए आदेश दिया है कि वर्ष 1987 से 1994 के बीच पार्ट टाइम ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति पाए कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम ही लागू होगी. न्यायालय ने कहा कि उक्त कर्मचारियों का वर्ष 2008 से 2009 के बीच नियमितीकरण हुआ था, उस समय पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं थी.

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने सैकड़ों ट्यूबवेल ऑपरेटरों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए पारित किया. न्यायालय ने कहा कि चूंकि याचियों के नियमितीकरण की तिथि से ही उनके पेंशन के लिए ‘क्वालिफ़ाइंग सर्विस’ की गणना की जाएगी. न्यायालय ने राज्य सरकार को इस सम्बंध में तीन माह में विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया है, वहीं याचियों का कहना था कि उन्हें वर्ष 1987 से 1994 के बीच नियुक्ति दी गई थी. लिहाजा उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए व उनके पेंशन के लिए सर्विस की गणना भी नियुक्ति से की जानी चाहिए. कहा गया कि 18 मई 1994 के हाईकोर्ट के आदेश में याची कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान ही मेहनताना इत्यादि प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए थे लिहाजा याचियों की नियुक्ति की तिथि से ही उनके सर्विस की गणना की जानी चाहिए, वहीं याचिकाओं का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने दलील दी कि याचियों की नियुक्ति ट्यूबवेल ऑपरेटर सर्विस रूल्स के तहत नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें अस्थाई आधार पर महज एक अधिशासी निर्देश के तहत रखा गया था. उनका कहना था कि अस्थाई आधार पर नियुक्ति पाने की वजह से याचीगण पुरानी पेंशन स्कीम व नियुक्ति की तिथि से सर्विस की गणना का दावा नहीं कर सकते.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सैकड़ों ट्यूबवेल ऑपरेटरों की ओर से दाखिल कुल 144 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए आदेश दिया है कि वर्ष 1987 से 1994 के बीच पार्ट टाइम ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति पाए कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम ही लागू होगी. न्यायालय ने कहा कि उक्त कर्मचारियों का वर्ष 2008 से 2009 के बीच नियमितीकरण हुआ था, उस समय पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं थी.

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एकल पीठ ने सैकड़ों ट्यूबवेल ऑपरेटरों की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए पारित किया. न्यायालय ने कहा कि चूंकि याचियों के नियमितीकरण की तिथि से ही उनके पेंशन के लिए ‘क्वालिफ़ाइंग सर्विस’ की गणना की जाएगी. न्यायालय ने राज्य सरकार को इस सम्बंध में तीन माह में विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया है, वहीं याचियों का कहना था कि उन्हें वर्ष 1987 से 1994 के बीच नियुक्ति दी गई थी. लिहाजा उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए व उनके पेंशन के लिए सर्विस की गणना भी नियुक्ति से की जानी चाहिए. कहा गया कि 18 मई 1994 के हाईकोर्ट के आदेश में याची कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान ही मेहनताना इत्यादि प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए थे लिहाजा याचियों की नियुक्ति की तिथि से ही उनके सर्विस की गणना की जानी चाहिए, वहीं याचिकाओं का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने दलील दी कि याचियों की नियुक्ति ट्यूबवेल ऑपरेटर सर्विस रूल्स के तहत नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें अस्थाई आधार पर महज एक अधिशासी निर्देश के तहत रखा गया था. उनका कहना था कि अस्थाई आधार पर नियुक्ति पाने की वजह से याचीगण पुरानी पेंशन स्कीम व नियुक्ति की तिथि से सर्विस की गणना का दावा नहीं कर सकते.

यह भी पढ़ें : building collapsed in lucknow : लखनऊ में बहुमंजिला इमारत गिरी, तीन शव बरामद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.