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नए श्रम कानून से श्रमिकों की होगी गुलामों जैसी स्थिति: आम आदमी पार्टी - श्रम कानून

लखनऊ में आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई ने एक दिन का उपवास रख योगी सरकार के श्रम कानून का विरोध किया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का कहना है कि यह कानून श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बनाने का काम करेगा. हमारी मांग है कि इस अध्यादेश को वापस लिया जाए.

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आम आदमी पार्टी
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Published : May 14, 2020, 12:13 PM IST

लखनऊः योगी सरकार के श्रम कानून का आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई ने एक दिन का उपवास रख विरोध जताया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का कहना है कि यह कानून श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बनाने का काम करेगा. इस अध्यादेश से उन प्रावधानों को तुरंत हटाया जाए, जिससे श्रमिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी श्रमिकों के समर्थन में लामबंद होगी.

10 बदलावों में से 6 मजदूर विरोधी
प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि योगी सरकार के नए श्रम कानून अध्यादेश में 10 बदलावों में से 6 मजदूर विरोधी है. इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति गुलामों जैसी हो जाएगी. प्रदेश में श्रमिकों को पूरी तरह से मालिकों के रहम पर छोड़ दिया गया है.

मजदूरों का होगा मनचाहा शोषण
सभाजीत सिंह ने कहा कि आने वाले समय में पूंजीपति चाहें तो मजदूरों का मनचाहा शोषण कर सकेंगे. मजदूर सरकार और कानून से शिकायत भी नहीं कर सकता. साथ ही किसी प्रकार की शिकायत की गई तो सुनी नहीं जाएगी. श्रमिक यूनियन को मान्यता न मिलने से कर्मचारियों के अधिकारों की आवाज कमजोर पड़ेगी.

बिना सप्ताहिक अवकाश के काम
पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि उद्योगों को जांच और निरीक्षण से मुक्ति देने से कर्मचारियों का शोषण बढ़ेगा. शिफ्ट और कार्य अवधि में बदलाव की मंजूरी मिलने से श्रमिकों को बिना सप्ताहिक अवकाश के प्रतिदिन ज्यादा समय तक काम करना पड़ेगा. हमारी मांग है कि इस अध्यादेश से उन प्रावधानों को तुरंत हटाया जाए, जिससे श्रमिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी श्रमिकों के समर्थन में लामबंद होगी.

लखनऊः योगी सरकार के श्रम कानून का आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई ने एक दिन का उपवास रख विरोध जताया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह का कहना है कि यह कानून श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बनाने का काम करेगा. इस अध्यादेश से उन प्रावधानों को तुरंत हटाया जाए, जिससे श्रमिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी श्रमिकों के समर्थन में लामबंद होगी.

10 बदलावों में से 6 मजदूर विरोधी
प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि योगी सरकार के नए श्रम कानून अध्यादेश में 10 बदलावों में से 6 मजदूर विरोधी है. इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश में श्रमिकों की स्थिति गुलामों जैसी हो जाएगी. प्रदेश में श्रमिकों को पूरी तरह से मालिकों के रहम पर छोड़ दिया गया है.

मजदूरों का होगा मनचाहा शोषण
सभाजीत सिंह ने कहा कि आने वाले समय में पूंजीपति चाहें तो मजदूरों का मनचाहा शोषण कर सकेंगे. मजदूर सरकार और कानून से शिकायत भी नहीं कर सकता. साथ ही किसी प्रकार की शिकायत की गई तो सुनी नहीं जाएगी. श्रमिक यूनियन को मान्यता न मिलने से कर्मचारियों के अधिकारों की आवाज कमजोर पड़ेगी.

बिना सप्ताहिक अवकाश के काम
पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि उद्योगों को जांच और निरीक्षण से मुक्ति देने से कर्मचारियों का शोषण बढ़ेगा. शिफ्ट और कार्य अवधि में बदलाव की मंजूरी मिलने से श्रमिकों को बिना सप्ताहिक अवकाश के प्रतिदिन ज्यादा समय तक काम करना पड़ेगा. हमारी मांग है कि इस अध्यादेश से उन प्रावधानों को तुरंत हटाया जाए, जिससे श्रमिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया तो पार्टी श्रमिकों के समर्थन में लामबंद होगी.

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