लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 की घोषणा की है. सरकार का दावा है कि यह नीति कोविड-19 के परिदृश्य में वैश्विक निवेशकों का स्वागत करने के लिए भारत में तत्पर अग्रणी राज्य के रूप में प्रस्तुत करने में सक्षम है. इस नीति में निवेशकों को प्रोत्साहित करने की भी व्यवस्था की गई है. इस नीति के अंतर्गत पांच वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश और चार लाख प्रत्यक्ष रोजगार का लक्ष्य रखा गया है.
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक इकोसिस्टम को पुनः गति देने के लिए नई इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020 के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसवे के वर्तमान इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन से बढ़ाकर संपूर्ण उत्तर प्रदेश तक विस्तारित कर दिया गया है. नीति के अंतर्गत प्रस्तावित प्रोत्साहन उत्तर प्रदेश में कहीं भी स्थापित होने वाली इकाइयों को प्राप्त होगा. इस नीति में बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए निवेशकों को दोगुनी दर से भूमि उपादान हेतु व्यवस्था की गई है.
इस नीति के तहत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण इको सिस्टम में एमएसएमई इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पीपीपी मोड के माध्यम से प्लग एंड प्ले मॉडल पर किराए की सुविधाओं को बढ़ावा देगी. एमएसएमई को सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करके ईएसडीएम उद्योग में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विस्तारीय इंफ्रास्ट्रक्चर के सृजन की परिकल्पना है.
नई नीति के अंतर्गत निवेशक 15% पूंजी उपादान तथा 1,000 करोड़ से अधिक के निवेश पर 10% अतिरिक्त पूंजी उपादान के लिए पात्र होंगे. बैंकों, वित्तीय संस्थानों से प्राप्त ऋण पर पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज उपादान अनुमन्य होगा. स्टांप ड्यूटी से छूट, भूमि उपादान, पेटेंट फाइलिंग लागत की प्रतिपूर्ति, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से छूट, ईएमसी विकास तथा एकल इकाइयों के लिए प्रोत्साहन प्रदान अनुमन्य होंगे. बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में निवेशकों को प्रचलित सेक्टर दरों पर 50% भूमि उपादान प्रदान किया जाएगा. भारत को एक वैकल्पिक निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे वैश्विक निवेशकों को लक्षित करने के लिए स्थिर पूंजी निवेश के 40% तक पुनर्निर्माण संयंत्र मशीनरी और उपकरणों की अनुमति होगी.
फैब इकाइयों हेतु भूमि, बिजली-पानी, अवस्थापना, अंश पूंजी सहभागिता, वित्तीय प्रोत्साहन एवं गैर वित्तीय प्रोत्साहन इत्यादि सहित विशेष पैकेज पर विचार किया जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 अधिसूचना की तिथि से पांच वर्षों के लिए वैध है. नीति संपूर्ण उत्तर प्रदेश को आच्छादित करती है.