लखनऊ : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को कहा कि नई शिक्षा नीति थ्योरी पर केंद्रित होने के साथ प्रैक्टिकल कार्य पर भी छात्रों को केंद्रित करती हैं. नई शिक्षा नीति विधि छात्रों के लिए लिए भी ज्यादा फायदेमंद हैं. उप मुख्यमंत्री सोमवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय में 'कानूनी शिक्षा की गुणवक्ता बढ़ाने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भूमिका' विषय पर आयोजित संगोष्टी में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार रख रहे थे.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि के छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा तो कॉलेजों में मिल जाती हैं, लेकिन जब बात प्रैक्टिकल की आती थी. तब वे पढ़ाई पूरी होने के बाद न्यायालयों में प्रैक्टिस शुरू करने में उनको थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. नई शिक्षा नीति के लागू होने से उन्हें इस समस्या से निजात मिल जाएगी. नई शिक्षा नीति से सभी छात्रों की शिक्षा की गुणवक्ता में और सुधार देखने को मिलेगा. वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय प्रशासन से कहा कि जो भी शोध इस विषय से संबंधित हो, वह सुझाव सरकार को भेजें. जिससे समाज में और सुधार लाया जा सके. इसके विवि के कुलपति प्रो. सुभीर के भटनागर और कमेटी के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार गौतम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया.
नई शिक्षा नीति पुल का काम करेगी : भारतीय विधि आयोग के सदस्य प्रो. आनंद पालीवाल ने बताया नई शिक्षा नीति आने वाले समय मे एक पुल की तरह काम करेगी. उन्होंने लॉ कमीशन के 14वीं रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि कानूनी शिक्षा में थ्योरिटीकल और प्रैक्टिकल शिक्षा में एक संतुलन बना रहना चाहिए. जिससे विधि के छात्र सही शिक्षा लेकर समाज में लोंगो को न्याय दिला सके. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य एवं बीबीएयू के शिक्षक डॉ. राज शरण शाही ने भी अपने विचार रखे. वहीं संगोष्टी के दौरान विश्विद्यालय की सेमिनार कमेटी और लीगल ऐड कमेटी ने मिल कर उन्नत भारत के तहतउ लखनऊ के पास अलीनगर सुनहरा और बिरुरा गांव को गोद लेने का ऐलान किया. दोनों कमेटी गांव में स्वास्थ्य, कानूनी, कृषि आदि समस्याओं के लिए जागरूकता प्रदान करेंगी.