लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय में एक गुरूजी के बयान ने विश्वविद्यालय प्रशासन को मुश्किल में डाल दिया. सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के शुल्क को लेकर गुरुजी के बयान के कारण छात्र भड़क उठे. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) इसके विरोध में भी उतर आया. मुश्किलों में घेरे विश्वविद्यालय प्रशासन को देर शाम स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा.
यह है विवाद
विश्वविद्यालय में परास्नातक स्तर पर 26 से ज्यादा सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रम संचालित होते हैं. इनके लिए आवेदन हो रहे हैं. विश्वविद्यालय के नियमानुसार सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों में 60 प्रतिशत से कम दाखिले की स्थिति में पाठ्यक्रम का संचालन नहीं किया जाता है. वर्तमान में इनमें दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. दो महीने बाद अगर पाठ्यक्रम की 60 प्रतिशत सीट नहीं भरती हैं तो कितना पैसा वापस होगा? इस पर प्रवेश समिति के एक सदस्य ने बयान जारी कर दिया.
गुरुजी ने जारी किया था यह बयान
विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति के एक सदस्य ने रविवार को बयान जारी किया. यह सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों के शुल्क से जुड़ा है. बयान में कहा गया कि यदि सेल्फ फाइनेंस कोर्स नहीं चलता है तो अभ्यर्थी का आवेदन शुल्क वापस देना है या नहीं, इसको लेकर सोमवार को कुलपति के साथ चर्चा करेंगे. उसके बाद एडमिशन ब्रोशर में बदलाव किया जाएगा.
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छात्र भड़के, आइसा ने खड़े किए यह सवाल
छात्र संगठन आइसा ने इसका विरोध किया है. आइसा ने कहा है कि सेल्फ फाइनेंस कोर्सेज मात्र धन उगाही का साधन हैं, ताकि गरीब पृष्ठभूमि वाले छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय का मुंह ही न देख पाएं. आवेदन शुल्क वापस न करना धांधली है. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
विश्वविद्यालय ने जारी किया स्पष्टीकरण
इस पूरे विवाद पर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने देर शाम स्पष्टीकरण जारी किया. उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को यह सूचित किया जाता है कि आवेदन करते समय सारी शर्तों एवं अपेक्षित योग्यताओं को एडमिशन गाइडलाइन्स से ज़रूर पढ़ लें और यदि कोई शंका हो तो एडमिशन पेज पर दिए गये नम्बरों पर बात कर लें.
स्पष्टीकरण में कहा गया कि एक बार यदि आवेदक ने आवेदन फार्म का शुल्क जमा कर दी तो उसकी वापसी सम्भव नहीं हो सकेगी. स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि यदि कोई पाठ्यक्रम किसी कारणवश विश्वविद्यालय नहीं चलाता है तो, अभ्यर्थियों द्वारा जमा किया गया पूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क वापस कर दिया जाएगा.