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आरोप: लखनऊ में कोरोना संदिग्धों की जांच में सुस्ती, अधिकारी नहीं उठाते फोन

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बरकरार है. यहां कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की कांटैक्ट ट्रेसिंग स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ कार्यालय के तरफ से नहीं की जा रही है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मी.
संक्रमित पाए गए शख्स के बेटे ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है.
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Published : Aug 14, 2020, 11:14 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अभी भी बनी हुई है. कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की कांटैक्ट ट्रेसिंग स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ कार्यालय की तरफ से नहीं की जा रही है. ऐसे में कोरोना मरीज के घरवालों की जांच कई-कई दिनों तक नहीं हो पा रही है. इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

लखनऊ में शासन से मिले आदेश के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों की कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है. इतना ही नहीं, जांच अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे हैं. अधिकारियों का यह सुस्त रवैया संक्रमण रोकने की जगह और फैलाने का काम कर रहा है. इन दिनों राजधानी लखनऊ में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी समय पर लोगों की कोरोना जांच नहीं करवा पा रहे हैं. मानक नगर क्षेत्र में बीते एक सप्ताह में करीब 10 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसमें से कुछ होम आइसोलेशन में है, तो कुछ कोविड-19 अस्पताल में भर्ती हैं.

वहीं बीते 2 दिन पूर्व कोरोना संक्रमित पाए गए शख्स के बेटे ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उसके परिवार के सदस्यों की जांच नहीं हुई. अब तक कंट्रोल रूम से लेकर जांच टीम के अधिकारियों को कई दफा फोन किया जा चुका है, लेकिन वे सभी फोन नहीं उठाते. संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोग फिलहाल खुद को क्वारंटाइन कर रखे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग महकमा अभी भी गहरी नींद में सो रहा है.

जब इस बारे में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर पी सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान लिया जाएगा. जल्द ही कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अभी भी बनी हुई है. कोरोना संक्रमित मरीज के परिवार की कांटैक्ट ट्रेसिंग स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ कार्यालय की तरफ से नहीं की जा रही है. ऐसे में कोरोना मरीज के घरवालों की जांच कई-कई दिनों तक नहीं हो पा रही है. इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

लखनऊ में शासन से मिले आदेश के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोगों की कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है. इतना ही नहीं, जांच अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे हैं. अधिकारियों का यह सुस्त रवैया संक्रमण रोकने की जगह और फैलाने का काम कर रहा है. इन दिनों राजधानी लखनऊ में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी समय पर लोगों की कोरोना जांच नहीं करवा पा रहे हैं. मानक नगर क्षेत्र में बीते एक सप्ताह में करीब 10 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिसमें से कुछ होम आइसोलेशन में है, तो कुछ कोविड-19 अस्पताल में भर्ती हैं.

वहीं बीते 2 दिन पूर्व कोरोना संक्रमित पाए गए शख्स के बेटे ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक उसके परिवार के सदस्यों की जांच नहीं हुई. अब तक कंट्रोल रूम से लेकर जांच टीम के अधिकारियों को कई दफा फोन किया जा चुका है, लेकिन वे सभी फोन नहीं उठाते. संक्रमित मरीज के संपर्क में आए लोग फिलहाल खुद को क्वारंटाइन कर रखे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग महकमा अभी भी गहरी नींद में सो रहा है.

जब इस बारे में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर पी सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान लिया जाएगा. जल्द ही कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जाएगी.

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