लखनऊ: कोविड-19 महामारी से उपजी प्रतिकूल स्थितियों से उत्तर प्रदेश के कॉलेजों में मौजूद एनसीसी कैडेट भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. बलरामपुर जिले में एनसीसी की एक टुकड़ी राहत कार्यों में जिला प्रशासन का सहयोग कर रही है. प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को एनसीसी कैडेट का स्वयंसेवक के तौर पर इस्तेमाल करने का निर्देश शिक्षा विभाग से जारी हुआ है.
प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन प्रभावितों की मदद कार्य में एनसीसी कैडेट के इस्तेमाल का फैसला किया है. प्रदेश में ऐसे लगभग 40,000 एनसीसी कैडेट हैं, जिन्हें स्वयंसेवक के तौर पर राहत कार्यों में लगाया जा सकता है. प्रदेश सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग विशेष सचिव राजेश कुमार की ओर से सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 से संबंधित लॉजिस्टिक सपोर्ट में एनसीसी कैडेट का सहयोग लिया जा सकता है. एनसीसी के उन्हीं कैडेट का इस्तेमाल किया जाएगा जो 18 साल की उम्र से अधिक हैं.
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एनसीसी के डिप्टी नोडल ऑफिसर कर्नल एसके प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि बलरामपुर जिले में एनसीसी कैडेट का इस्तेमाल शुरू कर दिया गया है. अन्य जिलों में जिलाधिकारियों के स्तर से मिलने वाले प्रस्ताव के आधार पर एनसीसी कैडेट को स्वयंसेवक आधार पर तैनात किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कोरोना प्रभावित मरीजों के अस्पतालों में भी कैडेट की तैनाती की जाएगी. इसके लिए कुछ कैडेट को चिकित्सा प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है. एनसीसी कैडेट का सहयोग हेल्पलाइन और डाटा सेंटर के अलावा राहत सामग्री के वितरण, पैकेजिंग, यातायात संचालन, सामुदायिक सेवा में किया जा सकेगा.उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 40000 ऐसे कैडेट हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है. सभी एनसीसी कैडेट को उनके अभिभावकों की सहमति से ही बुलाया जाएगा.