लखनऊ : नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के 102वें स्थापना दिवस मनाया गया. समारोह के मुख्य अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव अंजनी कुमार आचार्य, उत्तर प्रदेश वन निगम के प्रबंध निदेशक अनुपम गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संजय श्रीवास्तव, राज्य चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव नीरज कुमार, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान की निदेशक अदिति शर्मा, उपनिदेशक डॉ उत्कर्ष शुक्ला समेत प्राणि उद्यान के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे.
बिना रिस्ट बैंड के प्राणि उद्यान में प्रवेश नहीं : मुख्य अतिथि सुधीर कुमार शर्मा ने वन्यजीव चिकित्सालय के पास जीर्णोद्धार किए गए आईसोलेशन वार्ड, टाइगर छेदी लाल बाड़े में बने कराल, पुरानी बाल रेल का रिनोवेशन कर शुभारंभ किया. अतिथियों ने केक काटकर प्राणि उद्यान के 102वां स्थापना दिवस मनाया. प्राणि उद्यान के दर्शकों के लिए कलर रिस्ट बैंड का भी शुभारम्भ किया. अब दर्शकों को टिकट विंडों पर टिकट के साथ कलर रिस्ट बैंड भी दिया जाएगा, जिसे पहन कर दर्शक प्राणि उद्यान में प्रवेश कर सकेंगे. बिना रिस्ट बैंड के प्राणि उद्यान में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
बाल रेल की बुकिंग : प्राणि उद्यान निदेशिक अदिति शर्मा ने कहा कि इस प्राणि उद्यान को 102 वर्ष पूर्ण करने में प्राणि उद्यान के अधिकारियों/कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. मुख्य अतिथि ने पुरानी बाल रेल को पार्टी ऑन व्हील्स के रूप में शुभारम्भ किया. यह दर्शकों के लिए नया आकर्षण का केन्द्र होगा. इस बाल रेल पर कोई भी व्यक्ति 5100 रुपये का भुगतान कर बुक करवा सकेगा जो 2 घंटे के लिए बुक होगी. उद्यान की कैंटीन व फूडकोर्ट में दो मीनू उपलब्ध कराए जाएंगे जो 300, 400, 500 रुपये के होंगे. बुकिंग कराने वाला व्यक्ति इनमें कोई भी मीनू बुक करवा सकेगा. पार्टी ऑन व्हील्स में अधिकतम 30-50 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे.
प्राणी उद्यान में योगदान के लिए मिली सराहना : मुख्य अतिथि सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि हमारा प्राणि उद्यान 102 वर्ष का हो गया है और इसका एक लम्बा इतिहास रहा है. अधिकारियों/कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी के प्रयास से ही यह प्राणि उद्यान उच्च शिखर पर है. यह प्राणि उद्यान लखनऊ के हृदय में बना हुआ है और जिसे शहर का फेफड़ा भी कहा जाता है. यहां के पेड़-पौधे वातावरण को शुद्ध करने का कार्य करते हैं. यदि किसी स्थान को लम्बे समय तक आगे बढ़ाना है तो वहां कुछ नया करना आवश्यक होता है. वर्ष 1921 से लेकर वर्ष 2023 तक इस प्राणी उद्यान को श्रेष्ठ बनाए रखने में जो योगदान दिया है वह सभी बधाई के पात्र हैं. उन्होंने डॉ. उत्कर्ष शुक्ला की पुस्तक ’रहमान खेड़ा का बाघ’ की प्रशंसा की.
यह हुए सम्मानित : प्राणि उद्यान के पूर्व निदेशक अनुपम गुप्ता, संजय श्रीवास्तव को शॉल भेंट कर सम्मान हुआ. प्राणि उद्यान कर्मियों की खेलकूद प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र व ट्राफी देकर पुस्कृत किया गया. अधिकारी व कर्मचारियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. प्राणि उद्यान के वन्यजीवों का अंगीकरण करने वाले शीर्ष पांच अंगीकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया. प्राणि उद्यान के पूर्व निदेशकों ने प्राणि उद्यान, लखनऊ में बिताए गए समय को याद करते हुए अपने अनुभवों को साझा किया. प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव अंजनी कुमार आचार्य कहा कि इस प्राणि उद्यान का इको सिस्टम अद्वितीय है. हमारे पूर्व निदेशकों ने इस प्राणि उद्यान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
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