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भारत में राष्ट्र विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए: पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ - लखनऊ समाचार

श्रीमदभगवद् गीता जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को जन उद्घोष सेवा संस्थान की ओर से बौद्धिक सम्मेलन आयोजित हुआ. सम्मेलन में राष्ट्रवादी विचारधारा के वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए.

Pushpendra Kulshrestha
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
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Published : Jan 3, 2021, 8:33 PM IST

लखनऊ: राजभवन के सामने विश्वश्वरैया सभागार में आयोजित सम्मेलन में मुख्य वक्ता राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने राष्ट्रवादी विचारधारा के खिलाफ उठने वाली आवाजों पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि "जिसे विरोध करना है तो करें, लेकिन भारत में राष्ट्र विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. सरकारों का विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन राष्ट्र के विरोध का अधिकार किसी को नहीं है. आजादी के समय एक वर्ग ने दबाव बनाकर धारा 370 बनवाई थी, जिसे हटाने का विरोध आज भी उन्हीं कुछ पार्टियों के लोग कर रहे हैं."

पहले समाज को मजबूत होना पड़ेगा

उन्होंने कहा कि देश को मजबूत करने के लिए पहले समाज को मजबूत होना पड़ेगा. सरकारें तो बदलती रहती है, लेकिन समाज नहीं बदलता है. समाज को अपनी समस्याओं को सरकार के सामने प्रस्तुत करना होगा. हिन्दुत्व को मजबूत करने के लिए समाज को मजबूत और आगे आने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों में पूर्व की सरकारों ने हिन्दुओं के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया. इस सरकार ने हिंदुत्व को जगाने का काम किया है. सर्वोच्च न्यायलय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दुओं की सम्पतियों को कानून से वापस लिया जाएगा.

जन उद्घोष सेवा संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान गत अनेक वर्षो से जनसंख्या नियंत्रण कानून और धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने तथा जन जागरण, समाज को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ करने और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार करने में प्रखरता से कार्यरत है.

लखनऊ: राजभवन के सामने विश्वश्वरैया सभागार में आयोजित सम्मेलन में मुख्य वक्ता राष्ट्रवादी विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने राष्ट्रवादी विचारधारा के खिलाफ उठने वाली आवाजों पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि "जिसे विरोध करना है तो करें, लेकिन भारत में राष्ट्र विरोध बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. सरकारों का विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन राष्ट्र के विरोध का अधिकार किसी को नहीं है. आजादी के समय एक वर्ग ने दबाव बनाकर धारा 370 बनवाई थी, जिसे हटाने का विरोध आज भी उन्हीं कुछ पार्टियों के लोग कर रहे हैं."

पहले समाज को मजबूत होना पड़ेगा

उन्होंने कहा कि देश को मजबूत करने के लिए पहले समाज को मजबूत होना पड़ेगा. सरकारें तो बदलती रहती है, लेकिन समाज नहीं बदलता है. समाज को अपनी समस्याओं को सरकार के सामने प्रस्तुत करना होगा. हिन्दुत्व को मजबूत करने के लिए समाज को मजबूत और आगे आने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बीते 70 सालों में पूर्व की सरकारों ने हिन्दुओं के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया. इस सरकार ने हिंदुत्व को जगाने का काम किया है. सर्वोच्च न्यायलय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दुओं की सम्पतियों को कानून से वापस लिया जाएगा.

जन उद्घोष सेवा संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान गत अनेक वर्षो से जनसंख्या नियंत्रण कानून और धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने तथा जन जागरण, समाज को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ करने और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार करने में प्रखरता से कार्यरत है.

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