लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार(up government) और भाजपा(bjp) संगठन में बदलाव की अटकलों के बीच राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (bl santosh) सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन करने में जुटे बीएल संतोष योगी सरकार (yogi government) के मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे. ज्यादातर मंत्रियों से मंगलवार यानी आज मुलाकात होना तय किया गया था. जिन मंत्रियों को बाहर जाना था, उनसे सोमवार को ही मुलाकात हो गयी है. भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की मंत्रियों से मुलाकात और बैठकों को आगामी विधानसभा चुनाव(assembly elections) की तैयारियों से जोड़ कर देखा जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी हर समय चुनावी मोड में काम करती है. पार्टी जनता तक पहुंचने वाले किसी भी मौके को नहीं छोड़ती. कोविड काल के दौरान एक तरफ जहां विपक्ष की सक्रियता नहीं के बराबर देखने को मिली, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कोविड काल को भी जनता तक पहुंचने का माध्यम बनाया है. पार्टी ने 'सेवा ही संगठन' का नारा दिया. इसी नारे के तहत पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं, नेताओं को कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों की मदद करने में लगाया है. पार्टी ने कोरोना की पहली लहर में और फिर दूसरी लहर में पार्टी ने सेवा कार्य किया. राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने सोमवार को पार्टी दफ्तर में बैठक करके सेवा कार्य की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया. इसके लिए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने को कहा.
बीएल संतोष योगी सरकार के मंत्रियों से मंगलवार को मुलाकात करेंगे. उन्होंने योगी के मंत्रियों को अलग-अलग मिलने का समय दिया है. अलग-अलग मंत्रियों को समय मिलने के पीछे का कारण स्पष्ट है, अकेले में मिलने से मंत्री राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के समक्ष खुलकर अपनी बात रख सकेंगे. बीएल संतोष भी चाहते हैं कि योगी सरकार के मंत्री खुलकर अपनी बात रख सकें. मंत्रियों की जो भी समस्याएं होंगी, उनकी जो शिकायत होगी, या फिर उनके खिलाफ जो शिकायत होगी, उन सारी चीजों पर आसानी से चर्चा हो सकेगी. यह पूरी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के पास जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह 11 बजे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ मुलाकात होगी. इसके बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा जैसे मंत्रियों को समय दिया गया है. मंत्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर योगी मंत्रिमंडल और यूपी भाजपा संगठन में बदलाव की अटकलों पर विराम लग सकता है.
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2022 का विधानसभा चुनाव जीतना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती
सत्ता विरोधी लहर का सामना करते हुए भारतीय जनता पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरेगी. पार्टी को पहले से ही यह आभास है, इसी के आधार पर अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी गई है. यही वजह है कि पंचायत चुनाव में संगठन से लेकर सरकार के मंत्री तक लगे रहे. भाजपा चाहती है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें उसके खाते में आएं ताकि जनता में अच्छा संदेश दिया जा सके. दूसरी तरफ जनता के बीच जाकर सेवा कार्य करने, सरकार की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने, योजनाओं का लाभ जनता को दिलाने और लाभ पाए हुए लोगों को यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की वजह से उन्हें यह लाभ मिला है. इस तरह का माइक्रोमैनेजमेंट करके भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में उतरना चाह रही है.