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राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन ने कृषि बिल का किया समर्थन - कृषि बिल

राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने नए कृषि बिल के समर्थन में विचार व्यक्त किए. उन्होंने सपा सरंक्षक और किसान नेता मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा कि वह स्वयं इसके समर्थक थे. आज उनकी ही पार्टी के लोग उसी कानून का विरोध कर रहे हैं.

राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक रामनिवास यादव.
राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक रामनिवास यादव.
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Published : Dec 24, 2020, 5:38 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने बुधवार को किसानों के हित में लाए गए नए कृषि बिल के समर्थन में अपने विचार प्रकट किए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा.

विपक्ष पर साधा निशाना
रामनिवास यादव ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक जिनके हाथों में देश की बागडोर थी, उन्होंने किसानों के हितों के लिए कोई काम नहीं किए. सारे नियम कानून अपने फायदे के लिए बनाए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लोगों से पूछा कि क्या किसान सिर्फ पंजाब और हरियाणा मे ही हैं, बाकी के प्रदेशों में किसान नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो इस बात को बाकायदा अपने चुनावी घोषणा पत्र में लेकर आई थी कि अगर हमारी सरकार बनी तो वह कृषि कानून लागू कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनको बिचौलियों से मुक्त कराने का काम करेंगे. लेकिन आज वही कानून जब मौजूदा सरकार लेकर आई तो फिर उसका विरोध क्यों. उन्होंने कहा कि यह कौन सी मंशा लेकर आप लोग राजनीति कर रहे हैं. धरने पर बैठे लोगों को उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि अतीत में भी कृषि कानून बनाने के लिए तमाम आन्दोलन हुए. उन्होंने सपा सरंक्षक और किसान नेता मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा कि वह स्वयं इसके समर्थक थे. आज उनकी ही पार्टी के लोग उसी कानून का विरोध कर रहे हैं.

किसान यूनियन के नाम पर खेल रहे प्रॉपर्टी का खेल
उन्होंने कहा कि देश के किसान नेता स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जिनका नाम जोड़कर आजकल परचून की दुकान की तरह अपनी यूनियन बनाए जो प्रापर्टी डीलर किसान बने घूम रहे हैं और तो और उनके स्वयं के बेटे जिनका इस आन्दोलन से कोई मतलब नहीं जो पिता की विरासत तक नहीं संभाल पाए वह भी इसी में लगे हैं. जबकि स्व. महेंद्र टिकैत भी कृषि बिल के समर्थक थे. देश के गौरव स्व.लाल बहादुर शास्त्री और सरदार बल्लभ भाई पटेल की भी यही मंशा थी कि किसानों को बिचौलियों से मुक्त कराया जाए तो फिर आज विपक्ष के लोग कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने पर क्यों आमादा हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये तीनों बिल जो मौजूदा सरकार लेकर आई है. इससे सभी दलों की नींद उड़ गयी है, क्योंकि इस बिल के आ जाने से उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा समाप्त हो जाएगा. जब बिचौलिए समाप्त होंगे तो इनकी भी आय बंद हो होगी, क्योंकि ज्यादातर मंडियों पर हर जगह इनका कब्जा है. इसीलिए यह लोग भोले-भाले किसान भाइयों को बहला फुसलाकर भ्रमित करने का काम कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं.

राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग इनको बेनकाब करने का करेंगे काम
उन्होंने कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि 2014 के पहले कोटेदार के यहां कोटे पर एक-दो लीटर मिट्टी के तेल के लिए आए दिन लड़ाई होती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों के बारे में सोचा. आज भी जब किसान की फसल ओला, भारी बारिश या अन्य दैवीय आपदा के कारण नष्ट हो जाती है, तो किसान को भोजन तक के लाले पड़ जाते हैं. किसान को भोजन इत्यादि की चिंता न रहे इसके लिए देश की 80% आबादी के लिए मौजूदा सरकार ने प्रति यूनिट 5 किलो राशन और बी.पी.एल परिवार के लिए 35 किलो की व्यवस्था सुनिश्चित की. किसानों का सम्मान बना रहे उसे किसी के सामने फसल के समय खाद और बीज के लिए हाथ न फैलाना पड़े, इसके लिए मौजूदा सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष देने का काम किया.

रामनिवास यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग किसानों के बीच गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. अभियान की शुरुआत 26 दिसंबर 2020 को लखनऊ से की जाएगी. पहले इसे प्रदेशव्यापी और बाद में देशव्यापी बनाकर धार दी जाएगी.

लखनऊ: राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने बुधवार को किसानों के हित में लाए गए नए कृषि बिल के समर्थन में अपने विचार प्रकट किए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और सपा पर जमकर निशाना साधा.

विपक्ष पर साधा निशाना
रामनिवास यादव ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक जिनके हाथों में देश की बागडोर थी, उन्होंने किसानों के हितों के लिए कोई काम नहीं किए. सारे नियम कानून अपने फायदे के लिए बनाए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लोगों से पूछा कि क्या किसान सिर्फ पंजाब और हरियाणा मे ही हैं, बाकी के प्रदेशों में किसान नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो इस बात को बाकायदा अपने चुनावी घोषणा पत्र में लेकर आई थी कि अगर हमारी सरकार बनी तो वह कृषि कानून लागू कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए उनको बिचौलियों से मुक्त कराने का काम करेंगे. लेकिन आज वही कानून जब मौजूदा सरकार लेकर आई तो फिर उसका विरोध क्यों. उन्होंने कहा कि यह कौन सी मंशा लेकर आप लोग राजनीति कर रहे हैं. धरने पर बैठे लोगों को उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि अतीत में भी कृषि कानून बनाने के लिए तमाम आन्दोलन हुए. उन्होंने सपा सरंक्षक और किसान नेता मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा कि वह स्वयं इसके समर्थक थे. आज उनकी ही पार्टी के लोग उसी कानून का विरोध कर रहे हैं.

किसान यूनियन के नाम पर खेल रहे प्रॉपर्टी का खेल
उन्होंने कहा कि देश के किसान नेता स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जिनका नाम जोड़कर आजकल परचून की दुकान की तरह अपनी यूनियन बनाए जो प्रापर्टी डीलर किसान बने घूम रहे हैं और तो और उनके स्वयं के बेटे जिनका इस आन्दोलन से कोई मतलब नहीं जो पिता की विरासत तक नहीं संभाल पाए वह भी इसी में लगे हैं. जबकि स्व. महेंद्र टिकैत भी कृषि बिल के समर्थक थे. देश के गौरव स्व.लाल बहादुर शास्त्री और सरदार बल्लभ भाई पटेल की भी यही मंशा थी कि किसानों को बिचौलियों से मुक्त कराया जाए तो फिर आज विपक्ष के लोग कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने पर क्यों आमादा हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये तीनों बिल जो मौजूदा सरकार लेकर आई है. इससे सभी दलों की नींद उड़ गयी है, क्योंकि इस बिल के आ जाने से उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा समाप्त हो जाएगा. जब बिचौलिए समाप्त होंगे तो इनकी भी आय बंद हो होगी, क्योंकि ज्यादातर मंडियों पर हर जगह इनका कब्जा है. इसीलिए यह लोग भोले-भाले किसान भाइयों को बहला फुसलाकर भ्रमित करने का काम कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं.

राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग इनको बेनकाब करने का करेंगे काम
उन्होंने कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा कि 2014 के पहले कोटेदार के यहां कोटे पर एक-दो लीटर मिट्टी के तेल के लिए आए दिन लड़ाई होती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों के बारे में सोचा. आज भी जब किसान की फसल ओला, भारी बारिश या अन्य दैवीय आपदा के कारण नष्ट हो जाती है, तो किसान को भोजन तक के लाले पड़ जाते हैं. किसान को भोजन इत्यादि की चिंता न रहे इसके लिए देश की 80% आबादी के लिए मौजूदा सरकार ने प्रति यूनिट 5 किलो राशन और बी.पी.एल परिवार के लिए 35 किलो की व्यवस्था सुनिश्चित की. किसानों का सम्मान बना रहे उसे किसी के सामने फसल के समय खाद और बीज के लिए हाथ न फैलाना पड़े, इसके लिए मौजूदा सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये प्रतिवर्ष देने का काम किया.

रामनिवास यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग किसानों के बीच गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे. अभियान की शुरुआत 26 दिसंबर 2020 को लखनऊ से की जाएगी. पहले इसे प्रदेशव्यापी और बाद में देशव्यापी बनाकर धार दी जाएगी.

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