लखनऊः नसीमुद्दीन और राम अचल को एमपी-एमएलए कोर्ट से राहत नहीं मिली है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बीजेपी नेता के परिवार की महिलाओं के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी है. इसके लिए अब 22 जनवरी की तारीख तय की गई है. बुधवार को इनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी. दरअसल, सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव ने जमानत अर्जी पर पक्ष रखने के लिए और दो दिन की मोहलत मांगी. जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.
19 जनवरी से न्यायिक हिरासत में हैं दोनों
अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 19 जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेजा था. इससे पहले अभियुक्तों ने आत्मसमर्पण कर जमानत पर रिहा करने की मांग की थी. कोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की थी. इससे एक दिन पहले अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश भी जारी किया गया था. जबकि पहले ही इन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए इनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई से पहले की नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. बावजूद इसके दोनों नेता अदालत में हाजिर नहीं हो रहे थे. कोर्ट का कहना था कि अभियुक्त जान-बुझकर हाजिर नहीं हो रहे हैं.
2016 में दर्ज हुआ था मुकदमा
22 जुलाई साल 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर बीजेपी नेता की मां ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. 12 जनवरी 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन और राम अचल राजभर के साथ ही बीएसपी के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, नौशाद अली, अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था.