लखनऊ: कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन में व्यापार से लेकर अर्थव्यवस्था तक चौपट हो गई थी. धीरे-धीरे जैसे बाजार खुलना शुरू हुए तो रौनक बढ़ती गई. दिवाली का त्योहार आने वाला है. इसको लेकर बाजारों में जबरदस्त रौनक है. जी हां, राजधानी के मशहूर नाका हिंडोला बाजार को इलेक्ट्रॉनिक आइटम का हब माना जाता है. बिजली से संबंधित सभी वस्तुओं का थोक और रिटेल बाजार होता है. हर साल दीपावली के समय में चाइनीज दीपों और झालर की धूम रहती थी, लेकिन इस बार बाजार में स्वदेशी झालरों की डिमांड है.
उत्पादों के दाम
नाम | दाम |
भारतीय झालर | 65 रुपये |
चाइना आरजीबी | 180 रुपये (50 मीटर) |
आरजीबी | 135 रुपये (30 मीटर) |
जापानी झालर | 250 रुपये (50 मीटर) |
डायमंड झालर | 220 रुपये |
स्टेप दीया | 150 रुपये |
एलईडी झालर | 60 रुपये |
दीपावली तक अपनी रंगत में आ जाएगा बाजार
ग्राहकों का कहना है कि कोविड-19 के बाद अब जाकर बाजार अच्छी तरह से खुलने लगे हैं. काफी दिनों बाद बाजार में रौनकर देखकर अच्छा लग रहा है. कोविड-19 के प्रचण्ड काल में तो घरों से निकलना दूभर हो गया था. हालांकि घरों से बाहर निकलने पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.
व्यापारी सतपाल सिंह मीत का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 का प्रभाव इतना था कि बाजार एकदम बैठ गए थे, अर्थव्यवस्था ठप हो गई थी. व्यापारी और व्यापार दोनों बुरी तरीके से प्रभावित थे. खास तौर पर अगस्त के महीने से जब से यह बाजार खुला है, तब से लोगों का आवागमन भी हो रहा है. लोगों ने अपनी जरूरतों की चीजें खरीदना शुरू किया.
14 नवंबर को दीपावली है. राजधानी के नाका हिंडोला में इलेक्ट्रॉनिक आधारित सामान का व्यापार होता है. शादी विवाह के समय में भी इसका मार्केट ऊपर चढ़ता है. आज भी पिछले साल की अपेक्षा 75 प्रतिशत बाजार को कवर कर लिया गया है. विश्वास है कि आने वाले दिवाली सीजन में बाजार पूरी तरह से अपनी रंगत में वापस आ जायेगा.