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रजिस्ट्री होते ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया हुई ऑनलाइन - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी में संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया के लिए अब लोगों को ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. दाखिल-खारिज की प्रक्रिया संपत्ति की रजिस्ट्री होने के साथ ही ऑनलाइन करने की व्यवस्था कर दी गई है.

दाखिल खारिज की प्रक्रिया
दाखिल खारिज की प्रक्रिया
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Published : Nov 28, 2020, 5:20 PM IST

लखनऊ: बैनामेदार को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल-खारिज और नामांतरण के लिए अब तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. राजस्व परिषद ने नामांतरण वाद और दाखिल-खारिज प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए संपत्ति की रजिस्ट्री होने के साथ ही इसकी कार्रवाई ऑनलाइन करने की व्यवस्था कर दी है.

राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को इस तरह दर्ज ऑनलाइन नामांतरण वादों व दाखिल-खारिज वादों का तय समय सीमा में निस्तारण कराने का निर्देश दिया है.

तहसील के नहीं लगाने होंगे चक्कर

वर्तमान में बैनामेदार को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल खारिज और नामांतरण के लिए अलग से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. इसलिए इसमें काफी समय लगता है. वहीं तहसील के अफसर दौड़ाते रहते हैं. अब रजिस्ट्री से दाखिल-खारिज और नामांतरण तक की पूरी कार्यवाही ऑनलाइन होगी.

स्वत: दायर हो जाएगा नामांतरण और दाखिल-खारिज वाद

नई व्यवस्था के अनुसार, निबंधन कार्यालय और संबंधित पीठासीन अधिकारी के न्यायालय को लिंक कर राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) को अपडेट कर दिया गया है. इससे निबंधन कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री के समय ही संबंधित पक्षों से नामांतरण और दाखिल-खारिज के लिए प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र प्राप्त कर आरसीसीएमएस प्रणाली पर ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा. इससे नामांतरण वाद स्वत: दायर हो जाएगा. इसके अलावा आवेदनकर्ता द्वारा नामांतरण, दाखिल खारिज के संबंध में ऑनलाइन आवेदन करने की दशा में भी नामांतरण और दाखिल खारिज वाद स्वत: दायर हो जाएगा.

लखनऊ: बैनामेदार को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल-खारिज और नामांतरण के लिए अब तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. राजस्व परिषद ने नामांतरण वाद और दाखिल-खारिज प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए संपत्ति की रजिस्ट्री होने के साथ ही इसकी कार्रवाई ऑनलाइन करने की व्यवस्था कर दी है.

राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को इस तरह दर्ज ऑनलाइन नामांतरण वादों व दाखिल-खारिज वादों का तय समय सीमा में निस्तारण कराने का निर्देश दिया है.

तहसील के नहीं लगाने होंगे चक्कर

वर्तमान में बैनामेदार को संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल खारिज और नामांतरण के लिए अलग से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. इसलिए इसमें काफी समय लगता है. वहीं तहसील के अफसर दौड़ाते रहते हैं. अब रजिस्ट्री से दाखिल-खारिज और नामांतरण तक की पूरी कार्यवाही ऑनलाइन होगी.

स्वत: दायर हो जाएगा नामांतरण और दाखिल-खारिज वाद

नई व्यवस्था के अनुसार, निबंधन कार्यालय और संबंधित पीठासीन अधिकारी के न्यायालय को लिंक कर राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) को अपडेट कर दिया गया है. इससे निबंधन कार्यालय द्वारा रजिस्ट्री के समय ही संबंधित पक्षों से नामांतरण और दाखिल-खारिज के लिए प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र प्राप्त कर आरसीसीएमएस प्रणाली पर ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा. इससे नामांतरण वाद स्वत: दायर हो जाएगा. इसके अलावा आवेदनकर्ता द्वारा नामांतरण, दाखिल खारिज के संबंध में ऑनलाइन आवेदन करने की दशा में भी नामांतरण और दाखिल खारिज वाद स्वत: दायर हो जाएगा.

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