लखनऊ: एक तरफ जहां केंद्र सरकार का अल्पसंख्यक मंत्रालय 31 जुलाई को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न मनाया. इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि तीन तलाक कानून के एक साल बेमिसाल हैं.
दरअसल, तीन तलाक में होने वाली मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा ट्रिपल तलाक कानून लाया गया. अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो उस व्यक्ति को तीन तलाक कानून के तहत सजा देने का प्रावधान भी किया गया है.
मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जो 1 साल पहले कानून लाया गया था, उससे उन्हें काफी सहूलियत मिली है. चाहे वह ट्रिपल तलाक हो या उसके बाद उन पर की गई मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना 'हलाला' हो. मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि जरा सी कमी, जैसे सब्जी में नमक ज्यादा हो या कम हो या बच्चे शैतानी भी करते थे तो उनके पति उन्हें तीन तलाक दे दिया करते थे. वहीं अब कानून आने के बाद उनमें एक डर देखा जा रहा है.
वहीं बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष अली शाह ने बताया कि उनकी भांजी के साथ भी ऐसी ही एक घटना हुई, जिसमें उसके शौहर ने सऊदी अरब से ही तीन तलाक दे दिया था. लेकिन जब वह भारत वापस लौटकर आया तब तक तीन तलाक कानून सरकार ला चुकी थी, जिसके डर से उसने भांजी के शहर में माफी मांगी और आज उनका परिवार खुशी-खुशी रह रहा है.
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केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन तलाक कानून के एक साल पूरे हो गए हैं. इसे लेकर राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में जश्न का माहौल रहा. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर जश्न मनाया तो वहीं सरकार को धन्यवाद भी कहा.