ETV Bharat / state

'रोजे में योग से मिलती है शक्ति': शफी मोहम्मद

author img

By

Published : Jun 21, 2019, 12:10 PM IST

आज विश्व भर में योग दिवस मनाया जा रहा है. राजभवन लखनऊ में आयोजित योग कार्यक्रम में हमीरपुर से पहुंचे शफी मोहम्मद ने भी भाग लिया. शमी मोहम्मद ने कहा कि रोजे के दौरान योग करने से मुझे काफी शक्ति मिलती थी और मेरी ताकत में इजाफा हुआ.

योगा दिवस

लखनऊ: करीब एक दशक से अधिक समय से हमीरपुर मौदहा के रहने वाले शफी मोहम्मद योग से निरोग बने हुए हैं. वह सैकड़ों किलोमीटर दूर की यात्रा कर के शुक्रवार सुबह राजभवन लखनऊ पहुंचे और योगाभ्यास कार्यक्रम में योग किया. ईटीवी भारत ने शफी मोहम्मद से योग पर खास बातचीत की, जिसपर उन्होंने कहा कि योग से वह निरोग बने हुए हैं.

शमी मोहम्मद रोजे के दौरान भी योग करते हैं.
  • ईटीवी भारत से खास बातचीत में हमीरपुर के रहने वाले शफी मोहम्मद ने कहा कि हर व्यक्ति को योग करना चाहिए.
  • उन्होंने कहा हमारा खून एक है, पानी एक है, हवा एक मिलती है. कोई ऐसा नहीं है जो कहे हिन्दू अलग और मुसलमान अलग है.
  • योग निरोग और स्वस्थ रहने की एक कला है, जिसमें हमारा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक जीवन सब दुरुस्त रहता है और बलवान होता है.
  • मैनें कई प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और लोगों को योग सिखाने का काम किया.
  • उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान पहले मैं थक जाता था, परेशान हो जाता था, लेकिन अब मैं योग करने के कारण रोजा रखता हूं.
  • शमी मोहम्मद ने कहा कि रोजे के दौरान योग करने से मुझे काफी शक्ति मिलती थी और मेरी ताकत में इजाफा हुआ.

लखनऊ: करीब एक दशक से अधिक समय से हमीरपुर मौदहा के रहने वाले शफी मोहम्मद योग से निरोग बने हुए हैं. वह सैकड़ों किलोमीटर दूर की यात्रा कर के शुक्रवार सुबह राजभवन लखनऊ पहुंचे और योगाभ्यास कार्यक्रम में योग किया. ईटीवी भारत ने शफी मोहम्मद से योग पर खास बातचीत की, जिसपर उन्होंने कहा कि योग से वह निरोग बने हुए हैं.

शमी मोहम्मद रोजे के दौरान भी योग करते हैं.
  • ईटीवी भारत से खास बातचीत में हमीरपुर के रहने वाले शफी मोहम्मद ने कहा कि हर व्यक्ति को योग करना चाहिए.
  • उन्होंने कहा हमारा खून एक है, पानी एक है, हवा एक मिलती है. कोई ऐसा नहीं है जो कहे हिन्दू अलग और मुसलमान अलग है.
  • योग निरोग और स्वस्थ रहने की एक कला है, जिसमें हमारा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक जीवन सब दुरुस्त रहता है और बलवान होता है.
  • मैनें कई प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया और लोगों को योग सिखाने का काम किया.
  • उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान पहले मैं थक जाता था, परेशान हो जाता था, लेकिन अब मैं योग करने के कारण रोजा रखता हूं.
  • शमी मोहम्मद ने कहा कि रोजे के दौरान योग करने से मुझे काफी शक्ति मिलती थी और मेरी ताकत में इजाफा हुआ.
Intro:एंकर लखनऊ। करीब एक दशक से अधिक समय से हमीरपुर मौदहा के रहने वाले शफी मोहम्मद योग से निरोग बने हुए हैं। वह सैकड़ों किलोमीटर दूर की यात्रा करके आज सुबह राजभवन लखनऊ पहुंचे और योगाभ्यास कार्यक्रम में तमाम आसनों पर योग किया। ऐसा लग रहा था कि शफी मोहम्मद योग में पूरी तरह से पारंगत हो चुके हैं। किसी योग एक्सपर्ट टीचर की तरह वह सभी आसनों में योग कर रहे थे। ईटीवी ने सफी मोहम्मद से योग पर खास बातचीत की, जिस पर उन्होंने कहा कि योग से वह निरोग बने हुए हैं और मुस्लिम समाज के कुछ लोगों के विरोध के बावजूद वह लगातार जो कर रहे हैं और रोजे के दौरान भी उन्हें योग करने से काफी शक्ति मिलती है।


Body:ईटीवी से खास बातचीत में हमीरपुर के रहने वाले सफी मोहम्मद ने कहा कि योग हर व्यक्ति को योग करना चाहिए। हिंदू मुस्लिम का हमारा खून एक है हमारा पानी एक है हमारी हवा एक मिलती है। कोई भी ऐसा नहीं है जो कहे हिन्दू अलग और मुसलमान अलग है कहे,, मैं मनुष्य को मनुष्य समझता हूं इंसान को इंसान समझता हूं और योग हर आदमी को करना चाहिए और निरोग रहने की स्वस्थ रहने के एक कला है, जिसमें हमारा आध्यात्मिक सांस्कृतिक जीवन सब दुरुस्त रहता है और बलवान होता है। मुस्लिम समाज से आने के बावजूद योग करने को लेकर किसी प्रकार के विरोध देखने के सवाल पर शफी मोहम्मद कहते हैं कि कुछ लोगों ने विरोध किया है लेकिन मैं उसको नहीं माना हूं बल्कि उनको दुत्कार दिया और उनको बदतमीजी से पेश आने पर उन्हें जवाब भी दिया मैंने भी उसी तरीके से उन्हें जवाब दिया, लेकिन उसके बाद कुछ लोग हमारे साथ भी योग करने लगे कई बुजुर्ग लोग भी हमारे साथ ही वो करना शुरू कर दिया, फिर कई आसन भी प्राणायाम लोगों ने हमारे साथ किया हमारे समाज के जहां भी मैं योग दिखाता हूं तो लोग कहते हैं कि यह बहुत अच्छा योग कर रहे हैं। कई प्रतियोगिताओं में भी मैंने हिस्सा लिया और लोगों को योग सिखाने का काम किया। रोजे के दौरान दौरान योग करने के सवाल पर कहा कि रोजे के दौरान पहले में थक जाता था परेशान हो जाता था लेकिन अब मैं योग करने के कारण रोजा भी रखता हूं और मैं पहले दो बजे उठकर फ्रेश होने के बाद योगा करता हूं, पूरे दिन रोजा रखता हूँ और योग करने से मुझे काफी शक्ति मिलती थी जब से मैंने योग करना शुरू किया है मेरी ताकत में इजाफा हुआ है हम बराबर योगा करते हैं और रोजा भी रखते हैं 2 से 3 घंटा में योगा करता हूं।


Conclusion:राजभवन में योगाभ्यास समारोह में सफी मोहम्मद के योगासन को देखकर तमाम लोग प्रेरित भी हुए वह तमाम कठिन आसनों पर इस प्रकार से आसन कर रहे थे जैसे सदियों सदियों से वह योग करते आ रहे हैं। ध्यानार्थ डेस्क सहयोगी, फीड एफ़टीपी से भेजी गई है, धन्यवाद up_lkn_yog shafi mohammad_2019_7200991
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.