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गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी मुर्तजा ने 2013 में ली थी ISIS की शपथ, बनाई थी ये आतंकी योजना

गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2013 में आतंकी संगठन ISIS की शपथ ली थी. यह खुलासा यूपी एटीएस की पूछताछ में उसने किया.

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Published : Apr 30, 2022, 7:57 PM IST

लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2013 से ही ISIS के संपर्क में आ गया था, यही नही उसने इसी साल ही ISIS संगठन की बैयत (शपथ) भी ले ली थी. ये खुलासा यूपी एटीएस की पूछताछ में सामने आया है. यूपी एडीजी कानून व्यवस्था ने पहली बार मुर्तजा व ISIS के संबंधों के बारे में सामने आकर बयान दिया है.


अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा के पास से बरामद विभिन्न इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा विश्लेषण किया गया है. यही नही मुर्तजा के सभी सोशल मीडिया का भी इस दौरान विश्लेषण किया गया. इसी के साथ अभियुक्त मुर्तजा के विभिन्न बैंक खातों, ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण किया गया. यू.पी. एटीएस. की अब तक की गहन विवेचना एवं विभिन्न तकनीकी विश्लेषणों से कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं.

प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ISIS Fighters व ISIS Sympathisers के सम्पर्क में था. वह साल 2014 में बंगलूरू पुलिस द्वारा गिरफ्तार ISIS Propaganda Activist मेंहदी मसरूर बिस्वास से भी सोशल मीडिया एकाउन्ट के माध्यम से सम्पर्क में था. उन्होंने बताया कि मुर्तजा ने आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारक व ISIS से संबंधित आतंकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जेहादी साहित्य एवं ऑडियो/वीडियो से पूर्णतया प्रभावित था.एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि मुर्तजा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आतंकवादी प्रोपगेंडा एक्टिविस्ट के समक्ष साल 2013 में अंसार उल तौहिद की शपथ ली थी, जिसका साल 2014 में ISIS में विलय हो गया था. मुर्तजा ने साल 2020 में ISIS संगठन की एक बार फिर शपथ ली थी. यही नहीं उसके अपने बैंक खातों के माध्यम से लगभग साढे़ आठ लाख भारतीय रूपये, यूरोप और अमेरिका के अलग अलग देशों में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से उक्त संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के सहयोग के लिये भेजा था.

मुर्तजा ने बताया कि आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए इंटरनेट के माध्यम से एके 47 रायफल, एम4 कार्बाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी से सम्बन्धित आलेखों, वीडियोज को देखा व पढ़ा. इसी के साथ उसने एयर राइफल से प्रैक्टिस भी की थी, जिससे असली हथियार मिलने पर वो आतंकी घटना को अंजाम दे सके. वह ISIS की आतंकी विचारधारा के क्रम में अपने आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिये लोन वोल्फ अटैक शैली में गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों पर बांके से जानलेवा हमला किया गया और सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की राइफल को छीनने का प्रयास किया गया. उन्होंने बताया कि मुर्तजा की मूल योजना सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देना था.

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लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2013 से ही ISIS के संपर्क में आ गया था, यही नही उसने इसी साल ही ISIS संगठन की बैयत (शपथ) भी ले ली थी. ये खुलासा यूपी एटीएस की पूछताछ में सामने आया है. यूपी एडीजी कानून व्यवस्था ने पहली बार मुर्तजा व ISIS के संबंधों के बारे में सामने आकर बयान दिया है.


अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा के पास से बरामद विभिन्न इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा विश्लेषण किया गया है. यही नही मुर्तजा के सभी सोशल मीडिया का भी इस दौरान विश्लेषण किया गया. इसी के साथ अभियुक्त मुर्तजा के विभिन्न बैंक खातों, ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण किया गया. यू.पी. एटीएस. की अब तक की गहन विवेचना एवं विभिन्न तकनीकी विश्लेषणों से कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं.

प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से ISIS Fighters व ISIS Sympathisers के सम्पर्क में था. वह साल 2014 में बंगलूरू पुलिस द्वारा गिरफ्तार ISIS Propaganda Activist मेंहदी मसरूर बिस्वास से भी सोशल मीडिया एकाउन्ट के माध्यम से सम्पर्क में था. उन्होंने बताया कि मुर्तजा ने आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारक व ISIS से संबंधित आतंकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जेहादी साहित्य एवं ऑडियो/वीडियो से पूर्णतया प्रभावित था.एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि मुर्तजा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आतंकवादी प्रोपगेंडा एक्टिविस्ट के समक्ष साल 2013 में अंसार उल तौहिद की शपथ ली थी, जिसका साल 2014 में ISIS में विलय हो गया था. मुर्तजा ने साल 2020 में ISIS संगठन की एक बार फिर शपथ ली थी. यही नहीं उसके अपने बैंक खातों के माध्यम से लगभग साढे़ आठ लाख भारतीय रूपये, यूरोप और अमेरिका के अलग अलग देशों में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से उक्त संगठन की आतंकवादी गतिविधियों के सहयोग के लिये भेजा था.

मुर्तजा ने बताया कि आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए इंटरनेट के माध्यम से एके 47 रायफल, एम4 कार्बाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी से सम्बन्धित आलेखों, वीडियोज को देखा व पढ़ा. इसी के साथ उसने एयर राइफल से प्रैक्टिस भी की थी, जिससे असली हथियार मिलने पर वो आतंकी घटना को अंजाम दे सके. वह ISIS की आतंकी विचारधारा के क्रम में अपने आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिये लोन वोल्फ अटैक शैली में गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों पर बांके से जानलेवा हमला किया गया और सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की राइफल को छीनने का प्रयास किया गया. उन्होंने बताया कि मुर्तजा की मूल योजना सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देना था.

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