लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2013 से ही ISIS के संपर्क में आ गया था, यही नही उसने इसी साल ही ISIS संगठन की बैयत (शपथ) भी ले ली थी. ये खुलासा यूपी एटीएस की पूछताछ में सामने आया है. यूपी एडीजी कानून व्यवस्था ने पहली बार मुर्तजा व ISIS के संबंधों के बारे में सामने आकर बयान दिया है.
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा के पास से बरामद विभिन्न इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा विश्लेषण किया गया है. यही नही मुर्तजा के सभी सोशल मीडिया का भी इस दौरान विश्लेषण किया गया. इसी के साथ अभियुक्त मुर्तजा के विभिन्न बैंक खातों, ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन का विश्लेषण किया गया. यू.पी. एटीएस. की अब तक की गहन विवेचना एवं विभिन्न तकनीकी विश्लेषणों से कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई हैं.
मुर्तजा ने बताया कि आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए इंटरनेट के माध्यम से एके 47 रायफल, एम4 कार्बाइन, मिसाइल टेक्नोलॉजी से सम्बन्धित आलेखों, वीडियोज को देखा व पढ़ा. इसी के साथ उसने एयर राइफल से प्रैक्टिस भी की थी, जिससे असली हथियार मिलने पर वो आतंकी घटना को अंजाम दे सके. वह ISIS की आतंकी विचारधारा के क्रम में अपने आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिये लोन वोल्फ अटैक शैली में गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों पर बांके से जानलेवा हमला किया गया और सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों की राइफल को छीनने का प्रयास किया गया. उन्होंने बताया कि मुर्तजा की मूल योजना सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर बांके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देना था.
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