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फाइटो रेमेडिएशन तकनीक से प्रदूषित जल का होगा ट्रीटमेंट

लखनऊ नगर निगम फाइटो रैमिडीएशन तकनीक से प्रदूषित जल के ट्रीटमेंट की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रदूषित जल को सेडिमेंटेशन टैंक के माध्यम से स्क्रीन मैश और स्टोन बोल्डर्स की दीवार बना कर विशेष प्रकार के पौधों के बीच से गुजारा जाएगा.

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नगर निगम प्रदूषण पर लगाएग लगाम
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Published : Jan 16, 2021, 10:56 PM IST

लखनऊः नगर निगम फाइटो रेमेडिएशन तकनीक से प्रदूषित जल के ट्रीटमेंट की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रदूषित जल को सेडिमेंटेशन टैंक के माध्यम से स्क्रीन मैश और स्टोन बोल्डर्स की दीवार बना कर विशेष प्रकार के पौधों के बीच से गुजारा जाएगा. जिसके कारण प्रदूषित जल का प्रदूषण स्तर आवश्यक मानकों के अनुरूप हो जाएगा और इस प्रयोग से ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा होगा.

प्रदूषण होगा कम
इस तकनीक का प्रयोग इस समय दिल्ली में किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए लखनऊ नगर निगम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ सीआर बाबू से संपर्क भी किया है.नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ में इस प्रयोग को करने के लिए कुकरैल बंदे का निरीक्षण भी किया गया और 500 मीटर स्थान चिन्हित भी किया गया. जहां पर शहर के कई नाले गिरते हैं. वहां पर फाइटो रेमेडिएशन प्लांट लगाने के साथ इसे विकसित किया जाएगा. जिससे राजधानी लखनऊ में प्रदूषण को कम किया जा सके.

स्वच्छता सर्वेक्षण सिटीजन फीडबैक में लखनऊ को दूसरा स्थान
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत संपूर्ण देश में चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में सिटीजन फीडबैक में लखनऊ में सूरत भोपाल और विशाखापट्टनम शहरों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भारत सरकार ने पूरे देश में सिटीजन फीडबैक कराए जा रहे हैं. जिसमें 15 जनवरी तक लखनऊ से 1 लाख 77 हजार 560 फीडबैक प्राप्त हुए हैं. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इसका पूरा श्रेय राजधानी लखनऊ के नागरिकों के साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारियों को भी जाता है. जिन लोगों के सहयोग से यह संभव हो पाया है.

लखनऊः नगर निगम फाइटो रेमेडिएशन तकनीक से प्रदूषित जल के ट्रीटमेंट की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रदूषित जल को सेडिमेंटेशन टैंक के माध्यम से स्क्रीन मैश और स्टोन बोल्डर्स की दीवार बना कर विशेष प्रकार के पौधों के बीच से गुजारा जाएगा. जिसके कारण प्रदूषित जल का प्रदूषण स्तर आवश्यक मानकों के अनुरूप हो जाएगा और इस प्रयोग से ऑक्सीजन का स्तर भी अच्छा होगा.

प्रदूषण होगा कम
इस तकनीक का प्रयोग इस समय दिल्ली में किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए लखनऊ नगर निगम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ सीआर बाबू से संपर्क भी किया है.नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ में इस प्रयोग को करने के लिए कुकरैल बंदे का निरीक्षण भी किया गया और 500 मीटर स्थान चिन्हित भी किया गया. जहां पर शहर के कई नाले गिरते हैं. वहां पर फाइटो रेमेडिएशन प्लांट लगाने के साथ इसे विकसित किया जाएगा. जिससे राजधानी लखनऊ में प्रदूषण को कम किया जा सके.

स्वच्छता सर्वेक्षण सिटीजन फीडबैक में लखनऊ को दूसरा स्थान
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत संपूर्ण देश में चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में सिटीजन फीडबैक में लखनऊ में सूरत भोपाल और विशाखापट्टनम शहरों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है. स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भारत सरकार ने पूरे देश में सिटीजन फीडबैक कराए जा रहे हैं. जिसमें 15 जनवरी तक लखनऊ से 1 लाख 77 हजार 560 फीडबैक प्राप्त हुए हैं. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि इसका पूरा श्रेय राजधानी लखनऊ के नागरिकों के साथ-साथ नगर निगम के कर्मचारियों को भी जाता है. जिन लोगों के सहयोग से यह संभव हो पाया है.

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