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लखनऊ : मदर्स डे पर सुनिए मां पर लिखी शायरी, मुनव्वर राणा की जुबानी

रविवार को पूरे देश में मदर्स डे मनाया गया. मदर्स डे के अवसर पर ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी मां को याद कर रोया है तो उसमें अब तक इंसानियत जिंदा है.

ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से की बातचीत.
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Published : May 12, 2019, 9:17 PM IST

लखनऊ : रविवार को पूरे देश में मदर्स डे मनाया गया. आज मदर्स डे चंद गिफ्ट और कार्ड्स में सिमट कर रह गया है. ऐसे ही एक शायर मुनव्वर राणा की मां पर लिखी हुई शायरी और गजलों के बारे में कोई अनजान नहीं है. मदर्स डे के अवसर पर ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से बातचीत की. इस दौरान मुनव्वर राणा ने मां पर लिखी अपनी कुछ बेहतरीन लाइनों को साझा किया.

ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से की बातचीत.
ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से की बातचीत
  • इस दौरान मुनव्वर राणा ने अपनी शायरी पर बात की.
  • उन्होंने कहा कि यूं तो उनकी लिखी हर लाइन पसंद है, लेकिन हां कुछ ऐसे हैं जो ज्यादा प्रिय हैं. क्योंकि वह उन्हें उनकी मां की याद दिलाते हैं.
  • मुनव्वर ने बताया कि एक बार वे मुशायरे में गए थे, जहां मिलिट्री के अफसर आए हुए थे. जब उन्होंने अपनी लाइनें बोलनी शुरू की सभी अफसर रोने लगे.
  • उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी मां को याद कर रोया है तो उसमें अब तक इंसानियत जिंदा है.

लखनऊ : रविवार को पूरे देश में मदर्स डे मनाया गया. आज मदर्स डे चंद गिफ्ट और कार्ड्स में सिमट कर रह गया है. ऐसे ही एक शायर मुनव्वर राणा की मां पर लिखी हुई शायरी और गजलों के बारे में कोई अनजान नहीं है. मदर्स डे के अवसर पर ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से बातचीत की. इस दौरान मुनव्वर राणा ने मां पर लिखी अपनी कुछ बेहतरीन लाइनों को साझा किया.

ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से की बातचीत.
ईटीवी भारत ने शायर मुनव्वर राणा से की बातचीत
  • इस दौरान मुनव्वर राणा ने अपनी शायरी पर बात की.
  • उन्होंने कहा कि यूं तो उनकी लिखी हर लाइन पसंद है, लेकिन हां कुछ ऐसे हैं जो ज्यादा प्रिय हैं. क्योंकि वह उन्हें उनकी मां की याद दिलाते हैं.
  • मुनव्वर ने बताया कि एक बार वे मुशायरे में गए थे, जहां मिलिट्री के अफसर आए हुए थे. जब उन्होंने अपनी लाइनें बोलनी शुरू की सभी अफसर रोने लगे.
  • उन्होंने कहा कि अगर कोई अपनी मां को याद कर रोया है तो उसमें अब तक इंसानियत जिंदा है.
Intro:लखनऊ। मदर्स डे की महिमा चंद गिफ्ट और कार्ड्स में सिमट कर रह जाती है लेकिन अगर किसी शायर की जुबानी मां को सुने तो उसकी अहमियत हमारे दिल में उतर जाती है। ऐसे ही एक शायर मुनव्वर राणा की मां पर लिखी हुई शायरी और ग़ज़लों के बारे में कोई अनजान नहीं है तो मदर्स डे पर हम आए शायर मुनव्वर राणा के पास जिन्होंने मां पर लिखी अपनी कुछ बेहतरीन लाइनों को हमें पढ़कर सुनाया।


Body:वीओ1

ईटीवी भारत संवाददाता रामांशी से अपनी बातचीत के दौरान मुनव्वर राणा ने अपनी शायरी पर बात की। उन्होंने कहा कि यूँ तो मेरी लिखी हर लाइन मुझे पसंद है, लेकिन हां कुछ शेर ऐसे हैं जो मुझे ज़्यादा प्रिय हैं। क्योंकि वह मुझे मेरी मां की याद दिलाते हैं।

मुनव्वर याद करते हुए कहते हैं कि मैं एक बार ऐसे मुशायरे में गया था जहां पर मिलिट्री के अवसर आए हुए थे जब मैं पर मैंने अपनी लाइने बोलनी शुरू की अंत तक वह सभी रोने लगे थे मुझे लगता है कि अगर कोई अपनी मां को याद कर रोया है तो उसमें अब तक इंसानियत जिंदा है।

अपनी पसंदीदा लाइनों में से मनावर ने मां पर लिखी हुई कई लाइनों को हमें सुनाया।


Conclusion:बाइट- मुनव्वर राणा, शायर

रामांशी मिश्रा
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