लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की ओर से एमएलसी का टिकट मुकेश शर्मा को दिए जाने की घोषणा पर पार्टी के भीतर से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान लखनऊ में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा था. लखनऊ पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में और लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. बावजूद महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा को इसका पुरस्कार दिया गया. साथ ही उन्हें एमएलसी का टिकट दे दिया गया. भारतीय जनता पार्टी के कई पुराने नेता भी टिकट की दावेदारी में थे. जिन्हें पार्टी ने नहीं पूछा. ऐसे में मुकेश शर्मा का टिकट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति उनकी वफादारी का इनाम माना जा रहा है.
विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी लखनऊ मध्य और लखनऊ पश्चिम दोनों ही सीटों पर अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं को टिकट दिया था. लखनऊ पश्चिम से पुराने कार्यकर्ता अंजनी श्रीवास्तव और लखनऊ मध्य से नगर निगम कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता को टिकट दिया. दोनों ने व्यक्तिगत तौर पर अच्छा चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके. दोनों नेताओं का आरोप था कि उनको संगठन से पर्याप्त मदद नहीं मिली है. खास तौर पर महानगर संगठन का. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में जहां 4 दिन डट कर अपने प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे थे. तो वहीं, महानगर लखनऊ में सांसद राजनाथ सिंह कुछ जनसभाओं को छोड़कर अधिक समय नहीं दे सके थे.
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महानगर की टीम से भी प्रत्याशियों को पर्याप्त समर्थन नहीं मिला. जिसकी वजह से नजदीकी मुकाबले में दोनों प्रत्याशी हार गए. उम्मीद की जा रही थी कि महानगर लखनऊ की भारतीय जनता पार्टी की टीम को इसमें कुछ ना कुछ सजा जरूर मिलेगी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. भारतीय जनता पार्टी के भीतर सालों से काम कर रहे अनेक पुराने नेताओं के चेहरे मुकेश शर्मा को टिकट मिलने के बाद उतर गए हैं. उनका मानना है कि निश्चित तौर पर यह हार का इनाम है. लखनऊ की इन दो महत्वपूर्ण सीटों की हार पर भारतीय जनता पार्टी संगठन ने कोई समीक्षा नहीं की और महानगर अध्यक्ष को इसका इनाम भी मिल गया.
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