लखनऊ: स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में जाने के बाद उनकी बेटी बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य ने कई बार भाजपा के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे. वहीं, पिता की हार और भाजपा की सरकार दोबारा बनने के बाद संघमित्रा ने पार्टी में वापस काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के माइक्रो डोनेशन अभियान में उत्तर प्रदेश में अब तक दूसरा स्थान हासिल कर लिया है. करीब साढ़े पांच हजार लोगों को उन्होंने माइक्रो डोनेशन अभियान से जोड़ा. हाल ही में भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने ऐसे 30 पदाधिकारियों की एक सूची ट्विटर पर साझा की है. जिन्होंने उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक दान करवाया है. इसमें नंबर एक पर एमएलसी आशीष यादव हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने माइक्रो डोनेशन अभियान शुरू किया है. इसमें देश स्तर पर भाजपा के पदाधिकारी लोगों को दान के इस अभियान से जोड़ रहे हैं. इसमें 5 रुपये, 10 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और हजार रुपये का अधिकतम दान लोगों से लिया जा सकता है. पदाधिकारियों का नमो एप पर एक यूनीक लिंक जनरेट हो रहा है. इस लिंक पर जाकर जितने लोग दान करते हैं, वह सब उस विशेष पदाधिकारी के खाते में जाता है. इस अभियान को लेकर भाजपा पदाधिकारियों में होड़ मची हुई है कि कौन कितना दान करेगा.
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पदाधिकारियों को और उत्साहित करने के लिए इस प्रतिस्पर्धा में महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है. सुनील बंसल ने सोशल मीडिया पर 30 ऐसे पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी है. जिन्होंने सबसे अधिक दान करवाया है. इसमें बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य का नाम भी शामिल है. संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए. उनके चुनाव में संघमित्रा मौर्य प्रचार के लिए पहुंचीं थीं, जहां उन्होंने भाजपा से बगावती तेवर भी दिखाए थे. वहीं, पिता की हार के बाद संघमित्रा एक बार फिर बैकफुट पर हैं और भाजपा के दान अभियान में जुटी हैं, क्योंकि उनको डर है कि कहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट न कट जाए.
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