लखनऊ : भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की नाबालिग पुत्री व उनके परिवार की महिलाओं के लिए वर्ष 2016 में अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में 19 जनवरी से जेल में बंद बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व राम अचल राजभर को बुधवार को जमानत मिल गई. एमपी-एमएलए अदालत के विशेष जज पीके राय ने दोनों का अलग 20-20 हजार रुपये की दो-दो जमानतें व इतनी ही धनराशि के अलग-अलग मुचलके दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है.
19 जनवरी को किया था आत्मसमर्पण
दोनों मुल्जिमों ने इस मामले में 19 जनवरी को आत्मसमर्पण किया था. इसके बाद विशेष अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. इससे पहले दोंनों केार्ट के बार-बार आदेश जारी करने के बावजूद हाजिर नहीं हो रहे थे, जिस पर केार्ट ने उन्हें भगौड़ा घोषित कर उनकी सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया. कुर्की से बचने के लिए दोनों कोर्ट में हाजिर हो गए.
भाजपा नेता की मां ने 22 जुलाई 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. 12 जनवरी, 2018 को विवेचना के बाद इस मामले में नसीमुद्दीन व राम अचल राजभर के साथ ही बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम तथा नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था.