लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर किए गए लॉकडाउन के कई लोगों के पास राशन का संकट बना हुआ है. राजधानी लखनऊ में भी कुछ ऐसे मजदूर हैं जो तमाम निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में लगे हुए थे, लेकिन जब लॉकडाउन हुआ तो वह अपने घरों को नहीं निकल पाए.
राजधानी लखनऊ के कुकरैल नाले के पास निर्माणाधीन एसटीपी के सीवर पाइपों में कुछ मजदूर इन दिनों अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. इन मजदूरों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास भोजन का भी संकट है. ठेकेदार बाहर हैं. ऐसे में जब कोई इधर से गुजरता है तो इन्हें कुछ खाने-पीने में को दे देता है. इनका दावा है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से इन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान इन मजदूरों ने बताया कि वे मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले हैं और यहां पर काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. यहां पर इन लोगों ने प्लास्टिक की पन्नियों से एक झोपड़ी भी बनाई हुई है. लेकिन धूप की वजह से वहां तपन होने के चलते ये लोग सीवर के पाइपों में रहने को मजबूर हैं. इन्हीं पाइपों के अंदर लोगों ने अपना बिस्तर लगाया हुआ है और चूल्हा भी रखा है. इन्हीं चूल्हे में यह लोग खाना बना रहे हैं.
जब हमने एक मजदूर से बात की तो उसने बताया कि वह दो महीने से यहां पर है, जब से लॉकडाउन लगा तो यहीं पर हम फंसे हुए हैं. खाने -पीने की भी समस्या है और इन्हीं सीवर पाइपों में रहकर समय व्यतीत कर रहे हैं. हमें प्रशासन की तरफ से भी अभी कोई मदद नहीं मिली है.
वहीं सीवर पाइप में बैठे एक दूसरे मजदूर ने बताया कि हम लोग इन्हीं पाइपों में रह रहे हैं. इसी में जीवन यापन कर रहे हैं. धूप तेज होने पर हम इन सीवर पाइपों में आ जाते हैं. हमने रहने के लिए झोपड़ी भी बनाई हुई है, लेकिन धूप में वहां पर समस्या होती है.
सीवर पाइप में बैठी एक महिला मजदूर मजदूर ने तो बकायदा इन्हीं पाइपों में चूल्हा भी बनाया हुआ है. उसने बताया कि हम इसी में खाना बनाते हैं, अभी तक हम लोगों को प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. राशन भी नहीं मिला हुआ है. ये मजदूर लॉकडाउन खुलने के इंतजार में बैठे हैं.
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