लखनऊ: बड़ी पार्टियों के बड़े नेता संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं. जिसके चलते जनता की समस्याएं जस की सत बनी हुई है. इस सवाल पर कांग्रेस का कहना है कि संसद में सांसदों की उपस्थिति अति आवश्यक है , लेकिन जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुननी भी जरुरी है.
जनता अपना बहुमूल्य मत देकर अपना मनपसंद जनप्रतिनिधि तो चुन लेती है. लेकिन जनता की समस्याओं को उठाने के लिए जनप्रतिनिधि संसद जाना पसंद नहीं करते, जिससे जनता की समस्याएं जस की तस रह जाती हैं.
सभी निर्वाचित सांसदों के लिए संसद में कम से कम राष्ट्रीय औसत 80 परसेंट उपस्थिति दर्ज कराना आवश्यक है. जिससे वे जनता की समस्याओं को सदन के पटल पर रख सकें. लेकिन जब भाजपा,कांग्रेस और सपा जैसी बड़ी पर्टियों के नेता ही संसद से दूरी बना ले तो अन्य दलों से क्या उम्मीद की जा सकती है.
इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ मंजू दीक्षित का कहना है कि संसद में सांसदों की उपस्थिति आवश्यक है , लेकिन यह भी जरूरी है कि वह जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुने और उनका निराकरण करें.