लखनऊः ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर यात्री रेलवे प्रशासन से ट्रेन के लेट चलने, कोच में एसी न चलने, टॉयलेट में पानी न होने और कोच में गंदगी होने के साथ ही अच्छा खाना न मिलने की अक्सर शिकायत करते हैं, लेकिन इन शिकायतों को सिर्फ ट्विटर पर खानापूरी करके निपटा दिया जाता है. जबकि माननीय की कोई भी शिकायत ट्विटर पर आ जाए तो उसे इतनी गंभीरता से लिया जाता है कि आनन-फानन में ट्रेन का कोच साफ करा दिया जाता है. मच्छरों की दवा का छिड़काव भी हो जाता है.
हकीकत यही है कि यात्रियों के किराए से ही रेलवे का खजाना भरता है बावजूद इसके यात्री सुविधा पर रेलवे गंभीरता नाम मात्र के लिए दिखाता है. ट्विटर पर बड़ी संख्या में शिकायतों का निदान सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाकर कर दिया जाता है. शनिवार को जब गोमती एक्स्प्रेस से सफर कर रहे सांसद के कोच में गंदगी व मच्छर का मामला सामने आया तो रेलवे अधिकारियों ने बोगी की तत्काल सफाई करा डाली.
जानकारी के मुताबिक चारबाग रेलवे स्टेशन से ट्रेन संख्या 12419 गोमती एक्सप्रेस शनिवार सुबह रवाना हुई. ट्रेन में सफर कर रहे मानसिंह नाम के व्यक्ति ने ट्वीटर पर शिकायत दर्ज कराई कि 'ट्रेन के फर्स्ट एसी कोच एच-1 में एटा के सांसद राजवीर सिंह यात्रा कर रहे हैं. वह दिल्ली जा रहे हैं. ट्रेन का शौचालय गंदा है. मच्छर भी काट रहे हैं, सांसद जी को काफी दिक्कत हो रही है'.
इस ट्वीट के बाद तत्काल रेलवे अधिकारी हरकत में आए. ट्रेन के उन्नाव पहुंचते ही आनन-फानन बोगी की सफाई करवाई गई. मच्छर भगाने के लिए छिड़काव किया गया. जब यह काम पूरा हो गया और सांसद जी संतुष्ट हो गए तब ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया. उधर हमसफर एक्सप्रेस जैसी वीआईपी ट्रेन में यात्री ने जब गंदगी की शिकायत की तो रेलवे अधिकारी रास्ते भर सिर्फ झूठा आश्वासन देते रहे. सफाई के नाम पार कोच में कोई पूछने तक नहीं आया.
अभी दो दिन पहले ही यात्रियों ने नई दिल्ली से लखनऊ जंक्शन आने वाली डबलडेकर एक्सप्रेस में मच्छरों की शिकायत अफसरों से की, लेकिन कोई फायदा न हुआ. यात्रियों की शिकायत अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती, लेकिन माननीय को अगर जरा सी भी दिक्कत हुई तो अधिकारियों को पसीना आ जाता है.
पढ़ेंः गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में लगी आग, यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर बचाई जान