लखनऊ: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को राजनीतिक प्रयोगशाला मान कर पीडीए का टेस्ट करने वाले समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है. चुनाव परिणाम के रुझान से अखिलेश यादव को निराशा हाथ लगी है. सपा ने एमपी में इंडिया गठबंधन से अलग अपने 46 प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन रुझानों में अब तक एक भी सीट पर सफलता नहीं मिलती नजर आ रही है. ऐसे में सपा का राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना टूटता दिख रहा है.
सपा ने मध्य प्रदेश में उतारे थे 46 प्रत्याशीः अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के रवैए से नाराज होकर अपने 46 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए थे. अखिलेश इस बात से नाराज थे कि इंडिया गठबंधन की कई मीटिंग होने के बाद भी उन्हें एमपी में ठीक ठाक सीटें नहीं दी गईं. लिहाजा उन्होंने गठबंधन को सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बताते हुए 46 प्रत्याशी उतार दिए.
अखिलेश सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का देख रहे थे सपनाः अखिलेश यादव चाहते थे कि इस चुनाव में ठीक ठाक वोट प्रतिशत लाकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लेंगे. लेकिन, रविवार को जैसे ही मतगणना शुरू हुई, अखिलेश के सपने चूर होने लगे. बुधनी सीट पर अखिलेश ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद उर्फ मिर्ची बाबा को टिकट दिया था. उन्हें अब तक महज 14 वोट ही मिले हैं.
सपा को एक फीसदी से भी कम मिले वोटः इसी तरह दिमानी में महेश अग्रवाल माना को 27, पन्ना में लोधी महेंद्र लाल वर्मा को 138, भिंड में रविसेन जैन को 7, गोविंदपुरा से विवेक परिहार को 24,गोहद सीट से डॉ. एमएल माहौर को 8, टीकमगढ़ से संजय यादव को 71, महाराजपुर सीट से अजय दौलत तिवारी को 1200, छतरपुर सीट से डॉ. बेनी प्रसाद चन्सौरिया को 160 को वोट मिले हैं. प्रारंभिक रुझानों को देखें तो मध्य प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी महज 0.39 फीसदी वोट हासिल करती दिख रही है. रुझानों को देखते हुए यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी में सन्नाटा पसरा हुआ है.
सपा मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाएगीः सपा प्रवक्ता फखरूल चांद ने कहा कि भले ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावी परिणाम समाजवादी पार्टी के अनकूल नहीं आए. लेकिन, पार्टी मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाने वाली है. पार्टी ने एमपी में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर ली है. जल्द ही वहां पार्टी कार्यालय बन कर तैयार हो जाएगा और वहां गरीब पिछड़ों दलितों की आवाज सपा बनेगी.